बीबी (शीर्षक)
amrutam अमृतमपत्रिका, ग्वालियर
बीबी कितनी होना जरूरी है?.
आदमी का एक बीबी से मन क्यों नहीं भरता?
बुल-बुल की तरह दिखने वाली बीबी के बिल में दिल छुपा होता है। एक छोटा सा बिल (छिद्र) देकर हजारों बिल भरवा लेती है।
क्या 2 बीबी वाले लोग सुखी रह सकते हैं?...
दूसरी बीबी रखने के नुकसान-फायदे क्या हैं..?
पत्नी दूसरी बीबी क्यों नहीं रखने देती, उसे क्या तकलीफ होती है?..
बीबी को खुश कैसे रखें?..
बनिया की बीबी किस स्वभाव की होती है?..
ठाकुर की घरवाली किस विचार की होती है?
चरित्रवान बीबी की पहचान क्या है?
चालू बीबी कैसी होती हैं?..
पण्डित की पत्नी या पंडिताइन के बारे में बताएं।
बीबी झगड़ालू क्यों होती हैं?..
पत्नी को खुश रखने का उपाय क्या है?
औरतों में सेक्स की इच्छा कब होती है?
औरतों में सेक्स की इच्छा तब ज्यादा होने लगती है, जब उन्हें पूर्ण संतुष्टि मिले। अधूरे या अतृप्त सम्भोग की वजह से स्त्री चिड़चिड़ी हो जाती है।
दो बीबी वाले लोग हमेशा खुटके में जीते हैं उन्हें सदैव तनाव बना रहता है। शरीर से स्वस्थ्य लेकिन दिमाग से कमजोर होने लगते हैं।
मान्यता है कि स्त्री को मौत से ज्यादा डर सौत से लगता है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मांगलिक मर्दों को 2 बीबी का सुख मिलता है। चन्द्रमा के नक्षत्र जैसे-रोहिणी, हस्त तथा श्रवण नक्षत्रों में जन्मे लोग भी दो बीबी का सुख भोगते हैं अथवा ऐसे जातक पत्नी के अलावा अन्य महिलाओं से भी शारीरिक सम्बन्ध बनाकर रखते हैं।
चन्द्रमा की भी 27 पत्नियां थी। इसके अलावा महर्षि बृहस्पति की पत्नी से भी रिश्ता कायम हुआ बुध ग्रह का जन्म हुआ।
दो बीबियों का सुख उन्हें भी मिलता है, जो मर्द ऊर्जावान, आकर्षक और अधिक सेक्सी होते हैं।
पुरुष स्त्रियों के मामले में बहुत कमजोर होता है, उसे जरा सी सिग्नल मिला कि वो भटक ही जाता है। कुछ लोगों की दिखावे की पत्नी एक ही होती है, लेकिन इधर-उधर भी चूहों की तरह बिल बनाकर रखते हैं। ये छुपे रुस्तम होते हैं।
दूसरी को दिल में छुपाकर रखते है, काले धन की तरह।
बीबी के बारे में सन्सार में बहुत भंडार भरा पड़ा है।
जब दूसरी बीबी ले ही आये हो, तो वो चाहें दिल में धड़के या तुम पर भड़के जीना साथ ही पड़ेगा।
बीवी के संग रहने का सलीका एक मात्र यही है कि- कभी दिमाग कभी दिल, कभी नजर में रहो। ये सब तुम्हारे ही घर हैं, किसी भी घर में रहो।
बीबी को मनमर्जी करने डोज, तो खुद भी प्रसन्न रहेगी और तुम्हे भी रखेगी।
बुद्धि का विकास और काम का विनाश करने वाली बीबी को कभी बुलबुला मत समझो। जब बीबी अपने पर आ जाती है, तो ब्रह्माण्ड हिला डालती है।
हिन्दू धर्म में काली की कहानी के अनेक किस्से हैं।
बीबी कब बुलडोजर बनकर आप पर चढ़ जाए, पता नहीं।
बीबी शब्द अंग्रेजी के दो BB मिलकर बनता है। इस B के आकार कुछ 8 के अंक से मेल खाता है।
हर पुरुष की बीबी चाहती है कि 8 बजे तक पति घर आ जाये अन्यथा खाट यानि रति के लिए तरसा देती है।
बीबी वही सही है, जो पति को नेकी का पाठ पढ़ाती रहे और खुद अपनी मनमर्जी से चले।
बीबी को दुनिया की हरेक चीज पर दया आती है, पर पति पे नहीं।
घाट-घाट का पानी पिया आदमी भी बीबी के सामने बिल्ली बनकर नतमस्तक हो जाता है।
पूजा-पाठ में रुझान बीबी आने के बाद ही बढ़ता है।
बीबी को ठाठ-बाट से रहना पसंद होता है। आप चाहे जैसे रहो। कोई भी बीबी नाट अर्थात पुत्ररहित नहीं रहना चाहती।
जाट की बीबी जिद्दी ज्यादा होती है। बनिये की बीबी धनलोलुप हो सकती है, लेकिन समझदारी में इनका कोई मुकाबला नहीं होता। ब्राह्मण की बीबी नियम धर्म अपनाकर नैतिकता से चलने वाली होती है। बीबी ठाकुर की हो, तो ठकुरानी कहलाती है। ये अपने बच्चों का मनोबल ऊंचा रखती है। शक्तिशाली बनाती हैं। शुद्र की बीबी परिश्रम बहुत करती है। इन्हें सेक्स में अधिक रुझान रहता है। बेईमान की बीबी लालची होती है। नामर्द की बीबी नखरे वाली होती है। रोगी की बीबी प्यासी रहती है। क्रोधी की बीबी कलेशिन होती है। ज्ञानी की बीबी मनमानी करने वाली होती है। गरीब की बीबी सबकी भौजाई होती है-कहावत है- गरीब की लुगाई, सबकी भौजाई। अमीरों की बीबी नाज-नखरे वाली होती हैं। दुनिया में जिसकी बीबी नहीं है, वे भी दुःखी है और जिनके पास बीबी हैं-उनकी लीला वो ही जाने.. वैसे-बीबी से पीड़ित लोगों ने इतिहास रचा है। तुलसीदास की रामायण इसका उदाहरण है। बीबी चाहे, तो घर को बर्बाद भी कर सकती है और आबाद भी। स्त्री और मिस्त्री ही घर बनाते-बिगड़ते हैं। बीबी को बिंदी ओर आदमी को कागज की चिन्दी संभालने का शौक होता है। बीबी की बातें वेद के विद्वानों ने ऋक्संहिता में नदी नामक वीर-पत्नी का उल्लेख किया गया है। अजसी कुलिशी वीर-पत्नी पयोहिन्वाना उद्भिर्भरन्ते!!
बीबी को वेदों में गृहस्वामिनी कहा गया है -
!!त्वं सम्राज्ञयेधि पत्युरस्तं परेत्य!! अर्थात-गृह में बीबी को भिन्न सदन (कमरा) देना चाहिए, ताकि वो अपने गुप्त कार्यों तथा रतिमिलन को पूर्ण करती रहे। अतः लिखा है... !!पत्नीनां सदनम्!! अर्थात् पत्नी का भिन्न सदन हो। एक ऋचा सूत्र के मुताबिक
!!पत्युः यज्ञे संयोगो यया!! अर्थात्-यज्ञ में अपने पति के साथ मात्र बीबी को ही बैठना चाहिए।
वैदिक 16 संस्कार एवं परम्परा के अनुसार जो स्त्री किसी पुरुष के साथ पूरा जीवन गुजारने हेतु पति के प्रत्येक सुख दुःख में साथ निभाने तथा वंशवृद्धि के लिए पुरुरुष से विवाह करती है, तो वह स्त्री उसकी बीबी कहलाती है। बीबी को कभी मौत से भय नहीं रहता, जितना उसे सौत का डर सताता है। बीबी की आंख में कब आंसू आ जाएं, कह नहीं सकते। कभी ये शंका भी होती है कहीं अश्रुधारा का कनेक्शन महासागर से, तो नहीं है। भाव-ताव या मोल भाव करना, सलाह देना, तन्दरुस्त याददास्त, श्रृंगार तथा बहुत से कम एक साथ करना, बच्चों को जन्म देना आदि कामों में बीबी निपुण होती हैं। महर्षियों में मंथन कर लिखा कि
यत्र बीबीस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रफलाः क्रियाः।।
अर्थात्- जिस घर में बीबी की इज्जत की जाती है, वहाँ देवता निवास करते हैं और जो पुरुष बीबी लिए वस्त्र, आभूषण नहीं लाता तथा मधुर वचन नहीं बोलता वहां से बीबी व समृद्धि चली जाती है।
शंका या शक करने का अधिकार केवल बीबी को है। पति ये गलती भूलकर भी न करे अन्यथा विनाशकाले विपरीत बुद्धि वाली बात चरितार्थ होगी। आदमी कैसा होता है इस बारे में बीबी अक्सर धोखे में रहती है। पुरुष इतना कमीना भी नहीं होता, जितना बीबी समझती है और वो इतना सीधा भी नहीं होता, जितनी माँ समझती है। मर्द कितना कमीना और हरामजादा होता है, ये केवल दोस्त ही जानते हैं। पति के सबसे खास दोस्त को बीबी की सर्वाधिक गाली सुनना पड़ती हैं। बीबी खाना और भेजा पकाने में बहुत गुणी होती हैं। मर्द की खुशी का ठिकाना नहीं रहता, जब बीबी नई हो या नहीं हो यानि मायके चली गई हो। बीबी की रात दो बजे अचानक नींद खुली, देखा तो कि पति बेड पर नहीं है...
बीबी जिज्ञासावश उठीं, खोजा, तो देखा सोफे पर बैठे पति कॉफी का कप लिए विचारमग्न, दीवार को घूर रहे हैं। बीबी चुपचाप पति को कॉफी की चुस्की लेते हुए बीच-बीच में आँख से आँसू पोंछते देखती रही।
फिर, पति के पास गई और बोलीं, “क्या बात है, डियर? तुम इतनी रात गए यहाँ क्या कर रहे हो..?”
पति जी ने कॉफी से नज़र उठाई और बड़ी गम्भीरता से बोला..। “तुम्हें याद है, 14 साल पहले जब तुम सिर्फ 18 साल की थीं?”
बीबी पति के प्यार को देख कर भाव विभोर हो गई, बोली, “हाँ, याद है..।”
कुछ रुककर सिसकते हुए पति ने कहा, “याद है जब तुम्हारे जज पिता ने हह दोनों को मेरी कार मे घुमते हुए देख लिया था'
बीबी हाँ हाँ.. याद है..।”
“याद है न कैसे उन्होंने मेरी कनपटी पर
बन्दूक रख कर कहा था,“या तो इस से शादी कर लो, या 14 साल के लिए अन्दर कर दूँगा..।”
“हाँ.. हाँ.. वह भी याद है।”
अपनी आँख से एक और आँसू पोंछते हुए पति बोला";…"आज मैं छूट गया होता...!!”
तू ही मन्दिर, तू ही मस्जिद।
तू ही काशी, तू ही काबा।
बीबी में ही डूबा हूँ रसिया।
पाकर जिसको मनबसिया।
सड़क पे लाल-पीले बैरियर सबने रास्ता रोके।
लेकिन मैं चलने का रसिया रुकने से डरता हूँ।।
बीबी का शब्द हिंदी-उर्दू और बंगाली और अक्सर दक्षिण एशिया में महिलाओं के लिए एक सम्मानजनक उपाधि के रूप में उपयोग किया जाता है जो दिए गए नाम में जोड़ा जाता है। [१][२]
बेगम की तरह बीबी का उपयोग कुछ ब्रिटिश भारतीय , पाकिस्तानी और बांग्लादेशी महिलाओं द्वारा उपनाम के रूप में किया जाता है। [३]
एंग्लो-इंडियन में, बीबी शब्द को मालकिन के पर्याय के रूप में देखा जाने लगा। [२]
इस शीर्षक से जाने जाने वाले उल्लेखनीय लोग
- आइशा बीबी, 12 वीं शताब्दी की महान महिला, जिसके बाद आधुनिक कजाकिस्तान में एक स्मारक और गांव का नाम रखा गया है
- सिकन्दर लोदी की हिंदू मां बीबी अम्बा [४]
- आसिया बीबी, एक कैथोलिक ईसाई कार्यकर्ता ने पाकिस्तान में ईशनिंदा का आरोप लगाया
- बुशरा बीबी, इमरान खान की पत्नी और पाकिस्तान की पहली महिला
- चांद बीबी (1550-1599 ई), जिसे चाँद खातून या चाँद सुल्ताना, भारतीय मुस्लिम महिला योद्धा के रूप में भी जाना जाता है
- जोड़ी बीबी उर्फ़ मरियम-उज़-ज़मानी और अन्य नाम (1542-1623), मुग़ल साम्राज्य की महारानी
- मुख्तार बीबी (जन्म 1972, जिसे अब मुख्तार के नाम से जाना जाता है), पाकिस्तान में एक सामूहिक बलात्कार से बची महिला
- तारामोन बीबी, बांग्लादेश में महिला स्वतंत्रता सेनानी