मेघवन
बादल वन ऊष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय इलाकों में सदाबहार गीला वन होता है जिसमें साल के अधिकांश समय बादलों या कोहरे का आवरण चढ़ा होता है जो अधिकतर पेड़ों की ऊँचाई पर छाये रहते हैं। इन वनों में विभिन्न किस्मों की काई की भरमार रहती है और यहाँ ऑर्किड की भी कई प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। यह पहाड़ों की ढलानों में पाये जाते हैं क्योंकि पहाड़ की वजह से बादल नीचे बैठ जाते हैं और इन वनों को उनसे अच्छी ख़ासी नमी उपलब्ध हो जाती है।[१]
स्थानीय मौसम, जो कि समुद्र से दूरी पर निर्भर करता है, यह वन समुद्र की सतह से ५०० से ४००० मी. की ऊँचाई पर पाये जाते हैं। वस्तुतः यह सीमित अक्षांश और ऊँचाई की पट्टी के अंदर ही पनपते हैं। इन वनों में कोहरे के द्रवण के कारण पत्तियों में ओस जमा होती है जो धीरे-धीरे ज़मीन पर टपकती रहती है जिससे धरती को नमी और पेड़ों को पोषण मिलता रहता है। अमूमन इन वनों में सालाना वर्षा ५०० से १०,००० मि.मि. और औसत तापमान ८ से २० डिग्री सेल्सियस होता है। पृथ्वी के वनों का केवल १% हिस्सा ही बादल वन है।
भारत में उत्तर-पूर्वी राज्यों के पहाड़ी इलाकों में बादल वन पाये जाते हैं।
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कोस्टा रीका में बादल वन
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अटलांटिक महासागर के कैनरी द्वीपसमूह के बादल वन