फ्रांसिस हर्बर्ट डफ़्टी
फ्रांसिस हर्बर्ट डफ़्टी | |
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Born | 1846 |
Died | 1910 (64 वर्ष) |
Nationality | ऑस्ट्रेलियाई |
Other names | फ्रैन्क डफ़्टी |
Occupation | छायाकार |
Employer | साँचा:main other |
Organization | साँचा:main other |
Agent | साँचा:main other |
Known for | फिजी की तस्वीरें खींचने वाले शुरुआती लोगों में से एक। |
Notable work | साँचा:main other |
Opponent(s) | साँचा:main other |
Criminal charge(s) | साँचा:main other |
Spouse(s) | साँचा:main other |
Partner(s) | साँचा:main other |
Parent(s) | स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।साँचा:main other |
Relatives | एडवर्ड डफ़्टी (भाई) |
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फ्रांसिस हर्बर्ट डफ़्टी, II (Francis Herbert Dufty; 1846–1910), जिन्हें फ्रैन्क डफ़्टी के नाम से भी जाना जाता है,[१] इंग्लैंड में जन्मे एक ऑस्ट्रेलियाई छायाकार या फोटोग्राफर थे, और इनकी ख्याति इनके फ़िजी के खींचे गये चित्रों को लेकर है। डफ़्टी फ़िजी के चित्र खींचने वाले कुछ पहले छायाकारों में से हैं और इनके चित्र फिजी के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।
जीवन
फ्रांसिस हर्बर्ट डफ़्टी का जन्म केनिंगटन, सर्रे, इंग्लैंड में सन 1846 में[२][३]फ्रांसिस हर्बर्ट और मार्था (जन्मनाम स्टॉ) डफ़्टी के यहाँ हुआ था।[४] और उनका नाम इनके पिता के नाम पर ही फ्रांसिस रखा गया था।
1865 में, डफ़्टी और उनका भाई एडवर्ड ऑस्ट्रेलिया चले आए।[४] सितम्बर 1868 में उनके पिता फ्रांसिस उनके छोटे भाई अल्फ्रेड के साथ मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया चले आए, और 1871 में इनकी माता मार्था इनके एक और छोटे भाई वॉल्टर के साथ ऑस्टेलिया चली आईं।[४]
1883 में इनका विवाह वगादेसी लेवुका फिजी के जेम्स पामर की सबसे बड़ी बेटी लुइसा पामर के साथ हुआ।[५] उनका बेटा कोलिन डफ़्टी एक फुटबाल खिलाडी था। [६]
1910 में 64 वर्ष की आयु में डफ़्टी की मृत्यु मेलबोर्न में हो गयी।[१]
व्यवसाय
ऑस्ट्रेलिया
एक पेशेवर छायाकार के तौर पर, डफ़्टी ने अपने भाई एडवर्ड के साथ एक अश्वचालित चलायमान स्टूडियो के साथ विक्टोरियाई स्वर्णखदानों की यात्रा की। उनकी यहाँ खींची तस्वीरों को 'सबसे प्यारे ऑस्ट्रेलियाई दृश्य' कह कर पुकारा गया। 1866 की काइनेटन निदेशिका में, डुफ्टी को पाइपर स्ट्रीट, काइनेटन, विक्टोरिया के एक 'फोटोग्राफिक कलाकार' के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, जहां उनका जॉन पी कैरोलिन के साथ एक स्टूडियो था।
जून 1866 में, कैरोलिन के साथ साझेदारी में, उन्होंने काइनेटन के इक्कीस दृश्यों को 1866 में मेलबोर्न इंटरकॉनल प्रदर्शनी के लिए अग्रेषित किया। काइनेटन गार्जियन ने भी डफ़्टी की श्री डुट्टन की संपत्ति की एक तस्वीर को 'सबसे प्यारे खींचे गए ऑस्ट्रेलियाई दृश्यों में से एक, माना'। डफ़्टी और कैरोलिन द्वारा 'विक्टोरियाई दृश्यों के तीन दृश्य' को मेलबोर्न से 18 वीं पेरिस पेरिस प्रदर्शनी में भेजने के लिए चुना गया था।
1865 के आस-पास डफ़्टी ने अपने भाई एडवर्ड के साथ विक्टोरिया में नंबर 3 ब्रांच एक्सपेडिशन पोर्ट्रेट कंपनी की स्थापना की थी। डफ़्टी अकेले ही मेलबोर्न निदेशिका में 1869 में 108 एलिजाबेथ स्ट्रीट, मेलबोर्न में सूचीबद्ध हुए।
फ़िजी
जून 1871 में 25 वर्ष की आयु में डफ़्टी एसएस एग्मोंट से विक्टोरिया से लेवुका पहुंचे। उन्होंने 24 मई 1871 को फिजी टाइम्स अखबार के कार्यालय के बगल में एक नया स्टूडियो स्थापित किया। उसी परिसर में उन्होंने एक आभूषण व्यवसाय भी स्थापित किया।
उनके 16 वर्ष के भाई अल्फ्रेड विलियम बुकानन डफ़्टी भी, 29 दिसंबर 1871 को सिडनी से उनका हाथ बंटाने यहाँ आ गए। चूँकि अल्फ्रेड का अधिकांश समय ऑस्ट्रेलिया और न्यू कैलेडोनिया में बीता इस कारण फिजी की अधिकांश तस्वीरों का श्रेय केवल फ्रांसिस डफ़्टी को दिया जाता है।
डफ़्टी स्टूडियो द्वारा निर्मित तस्वीरों को 19 वीं शताब्दी के मध्य में यूरोप में बहुत लोकप्रियता मिली। उन्होंने मिशनरियों, यूरोपीय उपनिवेशवादियों, फ़िजी के राजसी और आम लोगों, और प्रशांत क्षेत्र के अन्य लोगों की तस्वीरें खींचीं।
1880 में, मेलबोर्न अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में डफ़्टी की फिजी के भूदृश्य की तस्वीरें प्रदर्शित की गई थी।
अल्फ्रेड ने 1884 या 1885 में लेवुका से सुवा चले गए और वहां एक स्टूडियो खोला। डफ़्टी 1886 तक लेवुका में रहे और उसके बाद वो भी अल्फ्रेड के साथ काम करने के लिए सुवा चले आए।
जून 1887 में अल्फ्रेड अपने परिवार समेत ऑस्ट्रेलिया लौट गए। डफ़्टी भी अप्रैल 1892 में सुवा छोडकर मेलबोर्न के लिए रवाना हो गए।