फैरो

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तृतीय वंश के द्जोज़र के बाद से, फैरो गणों को सामान्यतः नेमिस शिरोऽलंकरण, एक नकली दाढ़ी तथा एक अलंकृत घेरदार निचला वस्त्र पहने हुए दिखाया जाता था।

फैरो प्राचीन मिस्र के शासकों के लिए आधुनिक चर्चाओं एवं इतिहास में प्रयोग किया जाने वाला शब्द है। फेरो शब्द परी या फेरी शब्द से मिलता जुलता है। वह अपने जीवन की तुलना तितली के जीवन से करते थे। और ,जैसे तितली अपने पर वाली अवस्था से पहले कोकून के रूप में रहती हैं उसके बाद काफी समय की निद्रा के बाद वह तितली बनती है वह भी ऐसा ही करते थे। अपने को पट्टियों में लपेट के चिर निंद्रा में वास करते थे और उसके बाद नए जीवन की कल्पना करते थे। [१] पुरालेखों में यह उपाधि उन शासकों के लिए प्रयोग की जाती थी, जो धार्मिक और राजनैतिक दोनों ही तरह के नेता थे। यह वहाँ के नए राज्य के लिए, खासकर अट्ठारहवें वंश के लिए था। आधुनिक युग में इतिहासवेत्ताओं ने सरलीकरण के लिए इसे सभी कालों के शासकों के लिए प्रयोग करना शुरु कर दिया।

इस शब्द का मूल भाषा में अर्थ था राजा का महल, किंतु मिस्री इतिहास में इसका अर्थ मिस्री शब्द न्स्व्त का पर्याय बन गया, जिसका अर्थ था शासक। हालाँकि शासक अधिकतर पुरुष ही थे, इन्हें न्स्व्त कहा जाता था, किंतु फैरो शब्द स्त्री शासकों के लिए भी प्रयोग हुआ है। आरंभ में शासक वर्ग को एक गौ देवी (बैट का पुत्र माना जाता था, जिसे बाद में हैथर भी कहा गया। समझा जाता था, कि इन्होंने गौमाता की गद्दी लेकर शासन संभाला है और ये देश पर शासन और धार्मिक कृत्य करेंगें। इस बात के भी साक्ष्य हैं, जब कुछ अंतराल पर कर्मकाण्डों के दौरान शासकों का बलिदान दिया गया। किंतु जल्दी ही एक चुने हुए सांड से उसकी पूर्ति कर दी गई। बाद की संस्कृति में शासकों को होरस का अवतार माना जाता था। होरस आकाश का देवता था।[२] और मृत्यु होने पर ओसिरिस का अवतार माना जाता था। एक बार जब इसिज़ और ओसिरिज़ का मत चल निकला, तो फैरोगणों को भगवान ओसिरिज़ और मानव के बीच का सेतु माना जाने लगा और मृत्यु के बाद यह मान्यता हुई कि फैरो ओसोरिज़ में मिल जाते हैं। शाही वंश मातृवंशी था और किसी शाही स्त्री से जन्म या विवाह द्वारा रिश्ता ही शासक का पद दिला सकता था। शाही स्त्रियों की धार्मिक अनुष्ठानों तथा देश के शासन में प्रमुख भूमिका थी, जो कि कई बार फ़ैरो की सहयोगिनी भी बनीं।

शब्द का इतिहास

style="background:साँचा:hiero/egypt/bgcolour; border-bottom:2px solid साँचा:hiero/egypt/bordercolour; padding:0.5em;" | फैरो "pr-`3"

in चित्रलेख
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फैरो शब्द "الفرعون" एक मिश्रित शब्द जिसे pr-`3 कहा जाता है, से व्युत्पन्न है, जिसे केवल लंबे वाक्यांशों में प्रयोग किया जाता है, जैसे smr pr-`3 अर्थात उच्च घराने के दरबारी, जिनका राजमहल या अन्य उच्च घरानों से सन्दर्भ जुड़ा होता था।[३] बारहवें वंश उपरांत यह शब्द एक इच्छापूरक मंत्र में सुनाई देने लगा था। किंतु यह भी शाही घराने से जुड़ा था, ना कि किसी व्यक्ति विशेष से।



राजचिह्न

style="border-bottom:2px solid साँचा:hiero/nk/bordercolour; background:साँचा:hiero/nk/bgcolour; padding:5px; text-align:center;"|रामेसेस द्वितीय
चित्रलिपि
praenomen या गद्दी का नाम
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n
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nomen या जन्म नाम
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N36
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फैरो को प्रायः अनुष्ठनों में एक बकरी की नकली दाढ़ी लगाए हुए दर्शाया गया है।[४]


उपाधियाँ

अट्ठारहवीं वंश के एक फैरो हत्शेप्सुत की शिल्पाकृति - ऑल्टेस संग्रहालय, बर्लिन,जर्मनी


बाइबल में फैरो


इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. F. Fleming & A. Lothian, 12, 59
  3. Ancient Egyptian Grammar (3rd ed.), A. Gardiner (1957-) 71-76
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

पुस्तक सन्दर्भ

  • Sir Alan Gardiner Egyptian Grammar: Being an Introduction to the Study of Hieroglyphs, Third Edition, Revised. London: Oxford University Press, 1964. Excursus A, pp. 71–76.
  • Brier, Bob. PhD. History of ancient Egypt (Audio)। The First Nation in History. The Learning Company. 2001.

स्रोत एवं बाहरी कड़ियाँ

इस लेख में Pharao प्रविष्टि का पाठ है, जो सार्वजनिक डोमेन कैथोलिक विश्वकोष 1913 से संकलित है।