फ़राह, अफ़्ग़ानिस्तान

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फ़राह
Farah / فراه

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सूचना
प्रांतदेश: फ़राह प्रान्त, अफ़ग़ानिस्तान
जनसंख्या (२००४): १,०९,४०९
मुख्य भाषा(एँ): पश्तो
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कुछ अमेरिकी सैनिक फ़राह में 'सिकंदर का क़िला' कहलाए जाने वाले ढाँचे के सामने

फ़राह (फ़ारसी और पश्तो: فراه‎, अंग्रेजी: Farah) पश्चिमी अफ़्ग़ानिस्तान के फ़राह प्रान्त की राजधानी है। यह शहर फ़राह नदी के किनारे स्थित है और ईरान की सीमा के काफ़ी पास है।

लोग

फ़राह के अधिकतर लोग पश्तो बोलने वाले पश्तून हैं और वे स्थानीय आबादी के ९०% हैं। इनके अलावा शहर के ७% लोग ताजिक और ३% लोग बलोच हैं।[१]

इतिहास

ईरान की सरहद के पास होने के कारण फ़राह पर उस देश का प्रभाव काफ़ी रहा है और यह उस देश के अशकानी साम्राज्य की 'आरिया' (Aria) नामक सात्रापी का एक प्रमुख शहर हुआ करता था।[२] जब सिकंदर महान की यूनानी सेनाओं ने ईरान पर क़ब्ज़ा कर लिया तो यहाँ भी उसका नियंत्रण हो गया। आगे चलकर ५वीं सदी ईसवी में यह ईरान के सासानी साम्राज्य की भारत से लगने वाली पूर्वी सीमा का एक महत्वपूर्ण गढ़ था।[३] इस क्षेत्र को ख़ुरासान का हिस्सा माना जाने लगा। एक-के-बाद-एक ताहिरी, सफ़्फ़ारी, सामानी, ग़ज़नवी, ग़ौरी, ख़्वारेज़्मी, इल्ख़ानी, तैमूरी, बुख़ारा की ख़ानत और सफ़्फ़ावी साम्राज्यों ने यहाँ अपना नियंत्रण जमाया। १८वीं सदी के शुरूआती दौर में यह पहले अफ़्ग़ान​ होतकी राजवंश और फिर दुर्रानी साम्राज्य के साम्राज्य का हिस्सा बन गया।

यहाँ मुहम्मद जौनपुरी नामक इस्लामी प्रचारक दफ़न हैं। यह सन् १४४३ में भारत में जौनपुर में पैदा हुए थे और इन्होनें स्वयं को महदी (आने वाले मसीहा) घोषित कर दिया था। यह जौनपुर से भारत, अरब और ख़ुरासान भर में प्रचार करते हुए घूमें और ६३ की उम्र पर इनका फ़राह में देहांत हो गया। इनके मानाने वालों को 'महदवी' बुलाया जाता है।

मौसम

फ़राह में गर्मियों में तापमान ४५ सेंटीग्रेड तक और सर्दियों में −५ सेंटीग्रेड तक जा सकता है, यानि गर्मी भी बहुत पड़ती है और सर्दी भी। इलाक़ा काफ़ी शुष्क है और बारिश कम पड़ती है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. 2003 National Geographic Population Map (PDF file) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Thomas Gouttierre, Center For Afghanistan Studies, University of Nebraska at Omaha; Matthew S. Baker, Stratfor
  2. A manual of ancient history स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. Clarendon, 1880
  3. FARAÚH स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Daniel Balland, Ehsan Yarshater (editor), Encyclopædia Iranica, Columbia University, Accessed January 2008