प्रवेशद्वार:स्वास्थ और आयुर्विज्ञान/क्या आप जानते हैं
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- ... कि महान शल्य चिकित्सक सुश्रुत, जिन्होंने शल्य-क्रिया का संस्कृत ग्रन्थ सुश्रुत संहिता लिखा था; वाराणसी में ही आवास करते थे।
- ...ग्लूकोमीटर के प्रयोग से मधुमेह रोगी अपने घर पर ही स्वयं बिना किसी की सहायता के नियमित अंतराल में रक्त-शर्करा की जांच स्वयं ही कर सकते हैं।
- ...अरंडी का पेड़ मूलतः दक्षिण-पूर्वी भूमध्य सागर, पूर्वी अफ़्रीका एवं भारत की उपज है, किन्तु अब उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में खूब पनपा और फैला हुआ है।
- ...कोलेस्ट्रॉल शरीर में विटामिन डी, हार्मोन्स और पित्त का निर्माण करता है, जो शरीर के अंदर पाए जाने वाले वसा को पचाने में मदद करता है।
- ...एंजियोग्राफी प्रक्रिया का इस्तेमाल हृदय रोग, किडनी संक्रमण, ट्यूमर, खून का थक्का जमना आदि की जांच करने में किया जाता है।
- ...डायलिसिस रक्त शोधन की कृत्रिम विधि होती है। इस प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब वृक्क यानि गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं।
- ...माइग्रेन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को तीन गुना अधिक प्रभावित करता है और अधिकांशतः इसका पता तब चलता है, जब कई साल तक रोगी इसको झेलने के बाद इसके लक्षणों से परिचित हो जाते हैं।
- ...मानव शरीर में जितनी मानव कोशिकाएँ है, उसके लगभग १० गुना अधिक जीवाणु कोष है।
- ...कि सूक्ष्मजैविकी उन सूक्ष्मजीवों का अध्ययन है, जो एककोशिकीय या सूक्ष्मदर्शीय कोशिका-समूह जंतु होते हैं।