पोकिरी (2006 फ़िल्म)

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Pokiri
चित्र:pokiri movieposter.jpg
निर्देशक Puri Jagannadh
निर्माता Puri Jagannadh
लेखक Puri Jagannadh
अभिनेता Mahesh Babu,
Chaitanya,
Prakash Raj,
Sayaji Shinde,
Ashish Vidyarthi
Ali,
Brahmanandam
संगीतकार Mani Sharma
छायाकार Shyam K. Naidu
संपादक Marthand K. Venkatesh
वितरक Vaishno Academy
प्रदर्शन साँचा:nowrap 28 अप्रैल 2006
समय सीमा 164 मिनट
देश India
भाषा Telugu
लागत साँचा:nowrap 12crores

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पोकिरी (तेलुगु: పోకిరి, साँचा:lang-en) 2006 एक हिट तेलुगु फिल्म है जिसका निर्देशन, लेखन और निर्माण पुरी जगन्नाध ने किया है। महेश बाबू ने मुख्य भूमिका निभायी है और एलेना डि'क्रूज़, प्रकाश राज, सयाजी शिंदे एवं आशीष विद्यार्थी ने सहायक भूमिकाएं अदा की हैं। मणि शर्मा संगीत निर्देशक थे, श्याम के. नायडू ने इसका छायांकन संभाला था और मार्थण्ड के. वेंकटेश ने इसका संपादन किया था। यह फिल्म 28 अप्रैल 2006 को प्रदर्शित की गई थी। 2007 में इस तेलुगु फिल्म का पोक्किरी के रूप में तमिल में, 2009 में वान्टेड के नाम से हिंदी में और 2010 में पोरकी के रूप में कन्नड़ में पुनर्निर्माण किया गया था।

कथानक

हैदराबाद शहर में भू-माफिया की नापाक गतिविधियां चरम पर हैं। यहां दो प्रतिद्वंद्वी गिरोह सक्रिय हैं; एक का सरगना अली भाई (प्रकाश राज) है जो दुबई में रहकर यहां की गतिविधियां अपने भाइयों अज्जु और मोना के जरिये संभालता है और दूसरे गिरोह का सरगना है एक स्थानीय गुंडा नारायण. ये दोनों गिरोह बिल्डरों और भू-स्वामियों को धमकाते तथा उनसे बलपूर्वक, जबरन वसूली या हत्या करके संरक्षण के नाम पर रुपये या सम्पत्ति हासिल करते हैं। सईद (सयाजी शिंदे) हैदराबाद का नया आयुक्त बनकर आता है और अपराध को कुचलना शुरू करता है।

पांडु (महेश बाबू) एक ठग है, जिसका अपहरण अली गिरोह का सदस्य और उसका वफादार मल्लेश कर लेता है। पांडु ने नारायण से महेश को हराने का सौदा किया था और उसने वैसा ही किया। अज्जु पांडु को अली भाई के गिरोह में शामिल होने का न्यौता देता है। पांडु इंकार करते हुए कहता है कि वह किसी गिरोह के लिए काम नहीं करता लेकिन अच्छे पैसे मिलने पर वह कुछ भी कर सकता है। पांडु जब श्रुथि के चचेरे भाई (अजय) की एरोबिक्स क्लास में जाता है तो उससे प्यार करने लगता है लेकिन गलती से श्रुथि उसे ठग समझ लेती है। श्रुथि, एक कॉलेज की छात्रा है जो अपनी विधवा मां और छोटे भाई के साथ रहती है। ब्राह्मी (ब्रह्मनन्दन) श्रुथि के मकान में ऊपर रहता है और वह हमेशा श्रुथि को खुद से शादी करने के लिए मनाने की कोशिश करता रहता है। सब इंस्पेक्टर पशुपथि (आशीष विद्यार्थी), उस कॉलोनी का एक भ्रष्ट अधिकारी है जहां पांडु और श्रुथि रहते हैं और वह अक्सर भू-माफिया के लिए काम करता है। उसे अली भाई से भी पैसे मिलते हैं। वह श्रुथि को पसंद करने लगता है और उसे अपनी रखैल बनाने का फैसला करता है।

अली गिरोह की तरफ से पांडु को अपने पहले काम के तौर पर, नारायण गिरोह के एक सदस्य को मारने का काम सौंपा जाता है। हालांकि, उस जगह पर पुलिस पहुंच जाती है जहां पांडु और अन्य अपराधी इंतजार कर रहे होते हैं। पांडु काफी देर तक पुलिस को उलझाये रखता है ताकि दूसरे अपना काम खत्म कर के भाग सकें. वह श्रुथि की भी मदद करता है ताकि वह पशुपथि से बच कर भाग सके. वह उसकी दया से प्रभावित होती है और बिना कहे ही उनके बीच रोमांटिक भावनाएं पैदा होने लगती हैं। जब श्रुथि अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की कोशिश करती है, तब नारायण गिरोह के सदस्य उन पर हमला कर देते हैं, जिन्हें पांडु खत्म कर देता है। श्रुथि को यह जानकर सदमा लगता है कि पांडु अपराधी है और लोगों को मारने का उसे कोई अफसोस नहीं है।

पशुपथि कुछ ऐसे ठगों का इंतजाम करता है जो श्रुथि का बलात्कार करने का नाटक करें जिससे कोई सभ्य परिवार उसे अपने घर की बहू न बनाना चाहे; और इस तरह से श्रुथि और उसकी मां के पास उसकी शर्तों को मानने के अलावा कोई विकल्प न रह जाये. पांडु को जब इसके बारे में पता चलता है तब वह पशुपथि को बुरी तरह से मारता है और उसे चेतावनी देता है कि अगर इस घटना के लिए वह जिम्मेदार साबित हुआ तो वह उसके लिए बहुत बुरा होगा.

अली खान हैदराबाद आता है और नारायण को मार डालता है। बाद में वह पांडु से मिलता है और गुब्बारा फोड़कर एक मंत्री को मारने की साजिश करता है। अली भाई के इस तरीके से पांडु असहमत होता है क्योंकि इसमें बेकसूरों की जान जाने की भी आशंका है। जब उनके बीच तर्क चल रहा होता है उसी समय पुलिस क्लब में छापा मारती है और अली भाई को गिरफ्तार कर लेती है। उसके गिरोह के सदस्य बदला लेने के लिए पुलिस आयुक्त की बेटी का एक अश्लील वीडियो बनाकर उसे मीडिया पर जारी कर देते हैं। वे लोग उसका अपहरण भी कर लेते हैं ताकि वे पुलिस को अली भाई को छोड़ने के लिए मजबूर कर सके. अली भाई आयुक्त की बेटी को नशीली दवा खिला देता है जिसकी वजह से वह यह राज खोल देती है कि उसके पिता ने अली भाई के गिरोह में अपना एक गुप्तचर छोड़ रखा है। उन्हें पता चलता है कि पांडु का चाचा एक पुलिस इंस्पेक्टर था और उस इंस्पेक्टर का बेटा कृष्णा अब पांडु के गिरोह का एक हिस्सा बन चुका है। अली भाई पांडु के सामने कृष्णा को मारता है। हालांकि, यह पता चलता है कि जो व्यक्ति मारा जाता है वह वास्तव में अजय था। सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर का वास्तविक पुत्र पांडु है। उसके पिता बताते हैं कि कृष्णा एक भ्रष्ट माफिया का मुखौटा धारण कर अंडरवर्ल्ड गिरोहों में घुसता है जिससे वह अंदर से उन्हें खत्म कर सके.

कृष्ण/पांडु अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए अली भाई गिरोह के सभी सदस्यों को खत्म कर देता है, जिसमें अली भाई और पशुपथि भी शामिल है।

निर्माण

श्रुथि की इस भूमिका के लिए आयशा से संपर्क किया गया था पर उन्होंने इंकार कर दिया था, हालांकि बाद में पोकिरी के हिंदी रीमेक वान्टेड में उन्होंने वही भूमिका की। श्रुथि की भूमिका एलेना डि'क्रूज़ को मिल गयी।[१][२]

पात्र

  • महेश बाबू ... पांडु / कृष्ण मनोहर
  • इलियाना डी'क्रूज़ ... श्रुथि
  • प्रकाश राज ... अली भाई
  • गोकुल आनंद ... निरीक्षक सूर्यनारायण
  • आशीष विद्यार्थी .. उप निरीक्षक पशुपथि
  • ब्रह्मानंदम ... ब्राह्मी - सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, श्रुथि का पड़ोसी
  • सुब्बराजू/0} ... नायर
  • अली ... भिखारी एसोसिएशन के नेता
  • अजय ... अजय
  • ज्योथिराना ... मोना
  • मास्टर भरत ... श्रुथि का छोटा भाई

संगीत

Pokiri
Studio album Mani Sharma द्वारा
जारी 28 अप्रैल 2006 (India)
संगीत शैली Feature film soundtrack
लेबल
Aditya Music
निर्माता Mani Sharma
Mani Sharma कालक्रम

Veerabhadra
(2006)
Pokiri
(2006)
Ashok
(2006)

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इस फिल्म में मणि शर्मा द्वारा छह गीत रचे गये हैं। यह संगीत 30 मार्च 2006 को लांच किया गया और 6 अप्रैल 2006 को इसे दुकानों में जारी किया गया।

  • 1 - जगदमे - कुणाल गांजावाला
  • 2 - देवा देवुदा - नवीन (रिकी मरीन के - जलेओ गीत जैसा)
  • 3 - डोले डोले - रंजीत और सुचित्रा
  • 4 - गला गला - निहाल
  • 5 - इप्पतकिंका - कार्तिक और सुचित्रा
  • 6 - छोडोढनतुन्ना - कार्तिक और महालक्ष्मी अय्यर

अभिग्रहण/स्वागत

फिल्म का व्यापक प्रचार किया गया था और शुरुआत में ही उसे बेहद सकारात्मक समीक्षाएं प्राप्त हुईं और महेश बाबू को सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ने का रास्ता मिल गया।

रिलीज़

फिल्म 397 पर्दों पर जारी की गयी थी, जिसमें से 394 आंध्र प्रदेश में, 20 कर्नाटक में, 3 उड़ीसा में, 3 तमिलनाडु में, 1 मुंबई में और 16 विदेशों में शामिल है। साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]यह फिल्म बाद में उड़ीसा के 30 सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गयी थी।[३]

पोकिरी ने शुरुआत में 98.5% के साथ प्रदर्शन शुरू किया।[४]

बॉक्स ऑफिस

प्रदर्शित होने के साथ ही पोकिरी ने पहले ही सप्ताह में 14 करोड़ रुपए का हिस्सा एकत्र किया।[५] इस फ़िल्म ने आंध्र प्रदेश में 189 दिनों में सुदर्शन 35 एमएम से साँचा:nowrap कुल 1.61 करोड़ रुपए की कमाई की जो एकल सिनेमा घर से मिलने वाली कमाई में उच्चतम है।[६]

बंगलौर में 1 सप्ताह में साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] वितरकों के हिस्से में 46 लाख रुपये और 75 दिनों में साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] 4.08 करोड़ रुपये एकत्र हुये; तमिलनाडु में साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] पहले सप्ताह में चेन्नई के वितरकों से 12 लाख रुपये मिले और कुल मिलाकर चेन्नई[७] से 43 लाख रुपये का कारोबार हुआ। उड़ीसा में दो केंद्रों में यह फिल्म लगातार 100 दिनों तक चली और चार थियेटरों में एक पारी भी दिखायी गयी।[८] अमेरिका में, जून 2006 तक इस फिल्म ने कुल 350,000 डॉलर की कमाई की[९] और वितरकों का शेयर 2.5 करोड़ रुपए से भी अधिक रहा। [१०]

कुल मिलाकर पोकिरी ने बॉक्स ऑफिस से भारतीय रुपये में 46.5 करोड़ की कमाई की जिसमें होम डीवीडी की बिक्री और अंतर्राष्ट्रीय प्राप्तियों को छोड़ दिया गया था। इसे बाद में हिंदी, तमिल और कन्नड़ में फिर से बनाया गया।

अवार्ड्स (पुरस्कार)

  • महेश बाबू - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, वर्ष 2006 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
  • पुरी जगन्नाध - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, वर्ष 2006 में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
  • नंदी पुरस्कार - वर्ष 2006 में पूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली फिल्म या लोकप्रिय फीचर फिल्म

पुनर्निर्माण

फिल्म का कई बार पुनर्निर्माण किया गया। एक साल के बाद पोकिरी को पोक्किरी के नाम से दोबारा बनाया गया जिसमें जोसफ विजय और आसिन थोट्टूमकल ने शीर्ष भूमिका की तथा इसका निर्देशन प्रभुदेवा ने किया था। दो साल बाद पोकिरी को हिंदी में वांटेड नाम से बनाया गया। इसका निर्देशन भी प्रभुदेवा ने ही किया, जिसमें प्रमुख भूमिका सलमान खान और आयशा टाकिया ने अदा की और इसके निर्माता बोनी कपूर थे। वांटेड 2009 की सबसे सफल फिल्म ही नहीं बनी बल्कि अब तक की सबसे लोकप्रिय फिल्म बन गयी। सभी रीमेक फिल्मों में प्रकाश राज को खलनायक अली भाई (तेलुगु, तमिल) और गनी भाई (हिंदी) के रूप में चित्रित किया गया है। पोकिरी का पुनर्निर्माण कन्नड़ में भी किया गया है, इस बार इसका नाम पोरखी रखा गया जिसमें मुख्य भूमिका दर्शन, प्रणीता, देवराज, आशीष विद्यार्थी ने निभाई जबकि एम.डी. श्रीधर ने इसका निर्देशन किया और इसका निर्माण बच्चे गौड़ा द्वारा किया गया।

इन्हें भी देखें

फुटनोट्स

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बाहरी कड़ियाँ