पूजा गहलोत
व्यक्तिगत जानकारी | |
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राष्ट्रीयता | भारतीय |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
खेल | |
खेल | फ्रीस्टाइल कुश्ती [51 किलोग्राम भार वर्ग] |
पदक अभिलेख
स्वर्ण पदकः राष्ट्रीय जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप 2016, राँची
रजत पदकः अंडर-23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप 2019, हंगरी
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पूजा गहलोत (जन्म 15 मार्च 1997, दिल्ली, भारत) 51 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती प्रतिस्पर्धा में खेलने वालीं एक भारतीय पहलवान हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय जूनियर चैंपियन और अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता रही हैं।
व्यक्तिगत जीवन और पृष्ठभूमि
पूजा गहलोत का जन्म 15 मार्च 1997 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही खेलों में गहरी रूचि दिखाई। उसके चाचा धरम्वीर सिंह एक पहलवान थे और जब वे महज छह साल की थीं तब से ही उन्हें अखाड़े पर ले जाना शुरू किया था। हालाँकि, पिता विजेंद्र सिंह उनके कुश्ती खेलने के विरोध में थे तो पूजा गहलोत ने वॉलीबॉल खेलना शुरू कर दिया। वॉलीबॉल में वे जूनियर नैशनल स्तर तक खेलीं। हालाँकि उनके कोच का मानना था कि वे उतनी लंबी नहीं हैं कि वॉलीबॉल के खेल में कुछ खास प्रभाव डाल सकें।[१][२]
कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में हरियाणा की गीता और बबीता फोगट को पदक जीतते हुए देख कर पूजा गहलोत ने एक बार फिर अपने खेल को बदल कर कुश्ती करने का फैसला किया।[३] उन्होंने 2014 में कुश्ती का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। लेकिन दिल्ली के उपनगरीय इलाके में जहाँ उनका परिवार उस वक्त रहता था, लड़कियों के लिए कुश्ती अभ्यास केंद्र मौजूद नहीं था। इस समस्या से व्याकुल हुए बगैर पूजा ने दिल्ली में एक प्रशिक्षण केंद्र ढूंढ लिया लेकिन यहाँ अभ्यास करने का मतलब था उन्हें प्रतिदिन तीन घंटे बस के सफर में बिताना होता था और इसके लिए उन्हें सुबह 3 बजे जागना पड़ता था। हालांकि इस लंबी दूरी की वजह से अंततः उन्हें पास के अखाड़े में ही आना पड़ा और लड़कों के साथ प्रशिक्षण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। लड़कों के साथ कुश्ती करना गहलोत के लिए आसान नहीं था क्योंकि सिंगलेट पहनने पर उन्हें शर्म महसूस होती थी।[४][५]
जल्द ही, अपनी ताक़त और कौशल की बदौलत उन्होंने जूनियर स्तर की प्रतियोगिताओं में ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया। यहाँ तक कि पूजा बेहतर प्रशिक्षण ले सकें इसके लिए परिवार हरियाणा के रोहतक शहर में आ गया।[६]
2016 में वे 48 किलो भार वर्ग में राष्ट्रीय जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप जीतीं। हालाँकि, उसी वर्ष, उन्हें ऐसी चोट लगी कि साल भर उन्हें कुश्ती से दूर रहना पड़ा।
पेशेवर उपलब्धियाँ
पूजा गहलोत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बड़ी सफलता 2017 के एशियन जूनियर चैंपियनशिप, ताइवान में मिली, जब वे वहाँ स्वर्ण पदक जीतीं। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 2019 अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के 51 किलो भार वर्ग में रजत पदक हासिल करना उनकी एक और बड़ी उपलब्धि रही।[७] इस प्रतियोगिता में रजत जीतने वाली वो केवल दूसरी भारतीय महिला बनी।[८]
पदक
- स्वर्ण पदकः राष्ट्रीय जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप 2016, राँची
- रजत पदकः अंडर-23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप 2019, हंगरी
संदर्भ
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