पंजीरी
पंजीरी कई तरह की चीजों और मसालों को भूनकर बनाया जाने वाला एक प्रकार का मीठा चूर्ण जो खाये जाने में काम आता है। जैसे—सत्यनारायण की पूजा के लिए बनानेवाली पँजीरी; प्रसूता अथवा दुर्बलों को खिलाने के लिए बनाई जानेवाली पौष्टिक पँजीरी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में आटे से बनी पंजीरी को 'मनभोग' कहते हैं। धनिये से बनी पंजीरी को ही प्राय: पंजीरी कहा जाता है जो मुख्यत: कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रसाद के रूप में वितरित की जाती है।
धनिये की पंजीरी
पिसा धनिया, शकर और घी इसके प्रमुख घटक होते हैं। प्रसूता को खिलाया जाने वाला सोंठ का लड्डू भी कभी-कभार इसमें मिला दिया जाता है।
सामग्री
100 ग्राम सूखा धनिया पावडर, 50 ग्राम मावा, खोपरा बूरा 50 ग्राम, शकर बूरा 100 ग्राम, 4-5 पिसी इलायची पावडर, मेवों की कतरन 50 ग्राम।
विधि
सर्वप्रथम मावे को किसनी से कद्दूकस करके धीमी आँच पर थोड़ा सा सेंक लें। अब उसमें धनिया पावडर डालें व दो-पाँच मिनट भून लें। मिश्रण थोड़ा ठंडा होने के बाद खोपरा व शकर का बूरा डालकर मिक्स कर लें। अब उसमें पिसी इलायची व मेवों की कतरन डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। तैयार है धनिए की पंजीरी।
बाहरी कड़ियाँ
- पंचामृत पंजीरी प्रसाद (निशा मधुलिका)
- राजगिरे की पंजीरी (वेबदुनिया)
- पंजीरी - विधिसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] (सुलेखा)
- जन्माष्टमी का प्रसाद