नैना अश्विन कुमार
नैना आश्विन कुमार भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं, जिन्हे 'नैना वंडरकिड' नाम से भी जाना जाता हैं। इनका जन्म २२ मार्च, २००० में भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में हुआ था।
शिक्षा
केवल आठ वर्ष की आयु में नैना माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत एक अंतर्राष्ट्रीय जनरल सर्टिफ़िकेट के तहत कक्षा (ग्रेड) १० की परीक्षा में उपस्थित हुई। सीआईई बोर्ड द्वारा की जाने वाली कैम्ब्रिज अंतर्राष्ट्रीय परीक्षा को पास करने वाली वह पहली एशियाई लड़की हैं।[१] इसके बाद उन्होंने ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा की शिक्षा आंध्र प्रदेश बोर्ड ऑफ़ इण्टरमीडिएट एजुकेशन से पूर्ण की। १२ वर्ष की आयु में उन्होंने सेंट मैरीस कॉलेज से बीए जनसंचार में डिग्री के लिए कदम बढ़ाया।[२] सात साल की उम्र में उन्होंने एक अपना संगीत एल्बम रिकॉर्ड किया। इस सीडी में उनका रामायण गायन भी शामिल हैं। उन्होंने भगवद्गीता का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया। ५ से ७ वर्ष की आयु में नैना ने हिन्दी, अंग्रेज़ी व अपने क्षेत्र की प्राथमिक भाषा का मूल ज्ञान सीखा।
टेबल टेनिस
नैना कुमार आश्विन ने सब जूनियर लड़कियों की श्रेणी में कांस्य पदक हासिल करके राष्ट्रिय विजेता (चैंपियन) का खिताब हासिल किया। टीम स्पर्धा में नैना ने बारह, चौदह और सोलह आयु वर्ग में साल २०१० में स्वर्ण पदक जीता।[१] बोलपुर में उन्हें कांस्य पदक से सम्मानित किया गया व साल २०१२ में बैंगलोर में दक्षिण क्षेत्र का खिताब जीता। उन्होंने युवा लड़कियों की राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान टीम कांस्य पदक भी जीता। यह सभी जीते गए पदक उन्हें बारह, चौदह और सोलह आयु वर्ग में "राज्य टोपर" बनाते हैं। उन्हें सब जूनियर गर्ल्स में टेबल टेनिस के लिए नंबर १ का स्थान दिया गया था। भारत के बहार ऑस्ट्रिया में हुए अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस खेल प्रतियोगिता में उन्होंने छठी वरीयता प्राप्त की। चीन में हुए प्रशिक्षण शिविर में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। उस समूह के साथ उन्होंने दिल्ली में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भाग लिया। इसके साथ उन्होंने देहरादून में हुए इंडिया जूनियर व कैडेट ओपन में भी टीम स्पर्धा में स्वर्ण और एकल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीते।