निर्मला जोशी

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कवियत्रि निर्मला जोशी

जन्म : पर्वतीय नगरी - अल्मोड़ा (उ प़्रं) के पंत परिवार में। निवास: भोपाल, म.प्र.

शिक्षा : शिक्षा और प्रारंभिक कार्यक्षेत्र अल्मोड़ा। हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर एवं शिक्षा स्नातक। 40 वर्षों से साहित्य-साधना में रत तथा गीत की अस्मिता के लिए निरंतर संघर्षरत। कवि सम्मेलनों में व्यापक भागीदारी-स्वर-माधुर्य एवं स्तरीय रचनाओं के कारण एक विशिष्ट छाप। दूरदर्शन और आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों से रचनाओं, विशेषकर गीतों का नियमित प्रसारण। साहित्यिक संगोष्ठियों में सक्रिय भागीदारी। विभिन्न साहित्यिक, सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित-पुरस्कृत।

https://web.archive.org/web/20160419082555/http://www.abhivyakti-hindi.org/lekhak/n/nirmala_joshi.htm

https://web.archive.org/web/20190401054842/http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A4%BE_%E0%A4%9C%E0%A5%8B%E0%A4%B6%E0%A5%80


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सिस्टर निर्मला, समाजसेवी

सिस्टर निर्मला (१९३४ - २०१५ निर्मला जोशी, राँची) ने मदर टेरेसा की मृत्युपरान्त सन् १९९७ में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी के सुपीरिअर जनरल का पद सम्भाला। वे एक नेपाली मूल के हिंदू-ब्राह्मण परिवार में जन्मी थी। उनके पिता भारतीय सेना में अफसर थे।

पटना में ईसाई मिशनारिओं द्वारा उनकी शिक्षा दी गई। पर वे हिन्दू बने रहे अपने २४ वर्ष की आयु तक जब उन्होंने मदर टेरेसा के काम के बारे में जाना और रोमन कैथलिक धर्म अपना लिया।

सिस्टर निर्मला को राजनीतिशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल है तथा उन्होंने वकालत में खास प्रक्षिक्षण भी ली है। वे उस मंडली के कुछ पहले सिस्टरों में से थे जिनको विदेश में मिशन के लिए पनामा भेजा गया.

१९७६ में उन्होंने मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के मननशील शाखा का शुरुआत किया तथा उसके प्रधान बने रहे १९९७ तक जब उन्हें चुना गया सुपीरिअर जनरल के पद को सम्भालने के लिए।

सन् २००९ में भारत सरकार द्वारा सिस्टर निर्मला को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। २५ मार्च २००९ को वे अपने पद से सेवानिवृत्त हुई और जर्मन महिला सिस्टर मैरी प्रेमा ने उनका पद सम्भाला।

२२ जून २०१५ को उनका निधन हो गया।[१]

सन्दर्भ