नन्दकिशोर नवल
नन्दकिशोर नवल (जन्म २ सितंबर १९३७ - निधन १२ मई २०२०) हिन्दी साहित्य में मार्क्सवादी चेतना सम्पन्न शीर्षस्थ आलोचकों में से एक के रूप में मान्य रहे हैं। उनके अध्ययन एवं लेखन का क्षेत्र व्यापक रहा है। निराला एवं मुक्तिबोध उनके अध्ययन के केंद्र में रहे हैं तथा इन दोनों पर उनका लेखन मानक महत्त्व रखने वाला सिद्ध हुआ है। अपने समकालीन लेखन में नये से नये कवियों पर भी लिखने वाले नवल जी ने तुलसीदास एवं सूरदास से लेकर रीतिकाव्य तक पर कलम चलायी है।
जीवन-परिचय
नन्दकिशोर नवल का जन्म बिहार राज्य के वैशाली जिले के चाँदपुरा नामक गाँव में २ सितंबर १९३७ ई॰ को हुआ था। हिन्दी विषय से एम॰ए॰ की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने १९७० ई॰[१] में पटना विश्वविद्यालय से 'निराला का काव्य-विकास' शीर्षक विषय पर पीएच॰डी॰ की उपाधि पायी।[२] इसके बाद पटना विश्वविद्यालय के ही हिन्दी विभाग में प्राध्यापक नियुक्त हुए, जहाँ से क्रमशः रीडर एवं यूनिवर्सिटी प्रोफेसर होकर ३१ अक्टूबर १९९८ को उन्होंने अवकाश ग्रहण किया।[३] इसके बाद भी उन्होंने स्वतंत्र लेखन तथा संपादन का कार्य जारी रखा। १२ मई २०२० ई॰ को पटना में ही उनका निधन हुआ।
लेखन-कार्य
प्रकाशित कृतियाँ
- कविता-संग्रह-
- मंजीर - १९५४
- कहाँ मिलेगी पीली चिड़ियाँ - १९९७
- जनपद : विशिष्ट कवि - २००६
- द्वाभा - २०१०
- नील जल कुछ और भी धुल गया (प्रतिनिधि कविताओं का संकलन) - २०१२ (संपादक- श्याम कश्यप; शिल्पायन, शाहदरा, दिल्ली)
- आलोचना-
- कविता की मुक्ति (समीक्षात्मक निबंध संग्रह ) - १९८० ई॰ (नवीन संस्करण वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से)
- हिन्दी आलोचना का विकास - १९८१ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- महावीर प्रसाद द्विवेदी (विनिबन्ध) -१९८१ (साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली)
- प्रेमचन्द का सौन्दर्यशास्त्र - १९८२ (कथा-साहित्य पर केन्द्रित आलोचनात्मक निबन्ध-संग्रह; संभावना प्रकाशन, हापुड़; नवीन संस्करण वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से)
- शब्द जहाँ सक्रिय हैं -१९८६ (नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नयी दिल्ली)
- यथाप्रसंग ‐ १९९२
- निराला और मुक्तिबोध : चार लम्बी कविताएँ - १९९३ (राधाकृष्ण प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- मुक्तिबोध : ज्ञान और संवेदना - १९९४ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- समकालीन काव्ययात्रा - १९९४ (किताबघर प्रकाशन, नयी दिल्ली; सन् २०१४ में संशोधित-परिष्कृत संस्करण राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित)
- उधेड़बुन (निबन्ध-संग्रह)
- दृश्यालेख - १९९५ ('आलोचना' केन्द्रित निबन्ध-संग्रह; भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली)
- मुक्तिबोध (विनिबन्ध) -१९९६ (साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली)
- निराला : कृति से साक्षात्कार (भाग-१, १९९७, भाग-२, २००० ई॰ सारांश प्रकाशन, नयी दिल्ली; सन् २००९ में दोनों भाग एक जिल्द में राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित)
- रचना का पक्ष - २००० (वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से)
- शताब्दी की कविता -२००१ (प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- पार्श्वच्छवि -२००२
- निराला काव्य की छवियाँ -२००२ (स्वराज प्रकाशन, नयी दिल्ली; नवीन संस्करण सन् २०१२ में राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- कविता के आर-पार (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- कविता : पहचान का संकट -२००६ (भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली)
- निकष - २००७ (दानिश बुक्स, नयी दिल्ली)
- क्रमभंग (शिल्पायन, शाहदरा, दिल्ली)
- पुनर्मूल्यांकन (प्रियप्रवास, साकेत, कामायनी, उर्वशी) - २००८ (प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- मुक्तिबोध की कविताएँ : बिम्ब-प्रतिबिम्ब - २००९ (प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- हाशिया - २०१० (प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- मैथिलीशरण - २०११ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- तुलसीदास - २०११ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- आधुनिक हिंदी कविता का इतिहास - २०१२ (भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली)
- रचनालोक - २०१२ (प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- सूरदास - २०१३ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- रीतिकाव्य - २०१३ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- दिनकर : अर्धनारीश्वर कवि - २०१३ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- हिन्दी कविता : अभी, बिल्कुल अभी - २०१४ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- उत्तर छायावाद और रामगोपाल शर्मा 'रूद्र' - २०१५ (प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- कवि अज्ञेय - २०१६ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- नागार्जुन और उनकी कविता - २०१६ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- संस्मरण-
- मूरतें : माटी और सोने की - २०१७ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
सम्पादित कृतियाँ
- असंकलित कविताएँ : निराला - १९८१ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- निराला रचनावली (आठ खंडों में)-१९८३ (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- रुद्र समग्र (रामगोपाल शर्मा 'रूद्र' का सम्पूर्ण काव्य) - १९९१ (राधाकृष्ण प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- हर अक्षर है टुकड़ा दिल का (रामगोपाल शर्मा 'रूद्र' की प्रतिनिधि कविताओं का संकलन; प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- काव्य समग्र : रामजीवन शर्मा 'जीवन' - १९९६ (सारांश प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- राकेश समग्र : अलक्षित रामइकबाल सिंह 'राकेश' - २००१ (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की ओर से वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- रामावतार शर्मा : प्रतिनिधि संकलन
- मैं पढ़ा जा चुका पत्र (आधार प्रकाशन, पंचकूला, हरियाणा)
- अंधेरे में ध्वनियों के बुलबुले (वैशाली जनपद के कवियों की कविताओं का संकलन)
- संधि-वेला
- हिन्दी साहित्यशास्त्र - २००३ (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की ओर से वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- नामवर सिंह संचयिता - २००३ (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की ओर से राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- मुक्तिबोध : कवि-छवि (मुक्तिबोध पर चुने हुए हिंदी के श्रेष्ठ निबंध)
- निराला : कवि-छवि - २००४ (निराला पर चुने हुए हिंदी के श्रेष्ठ निबंध; प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- स्वतंत्रता पुकारती - २००६ (हिंदी के २३ कवियों की १७३ राष्ट्रीय कविताओं का संकलन; साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली)
- अन्त-अनन्त (निराला की चुनी हुई एक सौ सरल कविताएँ)
- मैथिलीशरण गुप्त संचयिता - २०१४ (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की ओर से राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- छायान्तर
- जनपद : विशिष्ट कवि (कविता संग्रह; प्रकाशन संस्थान, नयी दिल्ली)
- कामायनी-परिशीलन ('कामायनी' पर चुने हुए हिंदी के श्रेष्ठ निबंध)
- हिंदी की कालजयी कहानियाँ - २००८ (तरुण कुमार के साथ संपादित)
- पदचिह्न - २०१६ (संजय शांडिल्य के साथ संपादित)
- बीसवीं शती : हिन्दी की कालजयी कृतियाँ
- खुल गया है द्वार एक (अशोक बाजपेयी की कविताओं से एक चयन; राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली)
- दिनकर रचनावली (काव्य से संबंधित पाँच खंडों का संपादन; शेष खंडों के संपादक- तरुण कुमार; लोकभारती प्रकाशन, प्रयागराज)
- संपादित पत्रिकाएँ-
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ दृश्यालेख, नन्दकिशोर नवल, भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली, प्रथम संस्करण-1995, अंतिम आवरण फ्लैप पर लेखक-परिचय में उल्लिखित।
- ↑ शब्द जहाँ सक्रिय हैं, नन्दकिशोर नवल, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नयी दिल्ली, प्रथम संस्करण-१९८६, अंतिम आवरण फ्लैप पर लेखक-परिचय में उल्लिखित।
- ↑ आधुनिक हिन्दी कविता का इतिहास, नन्दकिशोर नवल, भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली, प्रथम संस्करण-2012, अंतिम आवरण-फ्लैप पर लेखक-परिचय में उल्लिखित।