ननूभाई वकील
ननूभाई वकील | |
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Born | साँचा:birth date बलसर (वलसाड), ब्रिटिश भारत |
Died | साँचा:death date and age |
Nationality | भारतीय |
Occupation | फिल्म निर्देशक, फिल्म निर्माता, लेखक |
Employer | साँचा:main other |
Organization | साँचा:main other |
Agent | साँचा:main other |
Notable work | साँचा:main other |
Opponent(s) | साँचा:main other |
Criminal charge(s) | साँचा:main other |
Spouse(s) | अनुराधा वकीलसाँचा:main other |
Partner(s) | साँचा:main other |
Children | राजेश वकील, रूपा जोशी, प्रदीप वकील, सुनील वकील, नवीन वकील, जयश्री रामचंद्रन |
Parent(s) | भीमभाई वकीलसाँचा:main other |
साँचा:template otherसाँचा:main other
ननूभाई वकील (23 मई 1902 – 29 दिसम्बर 1980) एक हिंदी और गुजराती फिल्म निर्देशक थे। उन्होंने पहला गुजराती अमूक चलचित्र १९३२ में बनाया जो नरसिंह मेहता की जीवनी पर आधृत था।
करियर
वकील ने ज़ुबैदा और पेशैंस कूपर के साथ बहुत काम किया। १२ वर्षीय सुरैया जिन्होंने उसने क्या सोचा (१९३७) जैसे चलचित्रों में छोटी भूमिकाएँ की थीं, उन्हें ताज महल (१९४१) में मुमताज़ की युवावस्था की भूमिका दी वकील ने। उन्होंने बाद में "पारसी नाटकों पर आधृत" कई मूक चलचित्रों का पुनर्निर्माण किया।[१] डब्लयू. एम. खान जो आलम आरा (१९३१) में "दे दे अल्लाह के नाम पे प्यार" गीत गाकर भारत के पहले फिल्म गायक के रूप में प्रसिद्ध हुए; उनसे उस गाने उर पात्र को ९१ वर्षायु में दोहरवाया गया वकील द्वारा। वह फिल्म वकील का पुनर्निर्माण थी आलम आरा का (१९७३), मफ्फतलाल शाह द्वारा निर्मित, संगीत इकबाल कुरैशी का।.[२]