देवनागरी अंक
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देवनागरी लिपि में गिनती के लिए दस अंकों वाली दशमलव आधारित गणना पद्धति का प्रयोग किया जाता है। ये दस अंक भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप के समानांतर प्रचलित हैं। देवनागरी लिपि का प्रयोग करने वाली विभिन्न भाषाओं में ये अंक आम तौर पर प्रयुक्त होते हैं। प्राचीन काल से ही प्रयुक्त इन अंकों को 19वीं सदी के उत्तरार्ध में आधिकारीक दर्जा दिलाने की कोशिश शुरु हुई। भारतीय संविधान ने अनुच्छेद 351 में देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को तो संघ की राजभाषा घोषित कर दिया किंतु अंक अंतर्राष्ट्रीय ही रखा। 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने अपने संविधान प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करते हुए देवनागरी अंक के प्रयोग का अध्यादेश जारी किया। तब से देवनागरी लिपि अंतर्राष्ट्रीय एवं देवनागरी अंकों के साथ भी लिखी जाने लगी।
भारत की आधुनिक लिपियों/भाषाओं के अंक
अन्तरराष्ट्रीय अंक | 0 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | प्रयुक्त क्षेत्र |
देवनागरी अंक | ० | १ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | संस्कृत, हिन्दी, मराठी, नेपाली आदि |
पूर्वी नागरी अंक | ০ | ১ | ২ | ৩ | ৪ | ৫ | ৬ | ৭ | ৮ | ৯ | बंगाली असमिया |
गुजराती अंक | ૦ | ૧ | ૨ | ૩ | ૪ | ૫ | ૬ | ૭ | ૮ | ૯ | गुजराती |
गुरुमुखी अंक | ੦ | ੧ | ੨ | ੩ | ੪ | ੫ | ੬ | ੭ | ੮ | ੯ | पंजाबी |
ओड़िआ अंक | ୦ | ୧ | ୨ | ୩ | ୪ | ୫ | ୬ | ୭ | ୮ | ୯ | ओड़िआ |
लेप्चा अंक | ᱀ | ᱁ | ᱂ | ᱃ | ᱄ | ᱅ | ᱆ | ᱇ | ᱈ | ᱉ | सिक्किम व भूटान |
मलयालम अंक | ൦ | ൧ | ൨ | ൩ | ൪ | ൫ | ൬ | ൭ | ൮ | ൯ | मलयालम |
तमिल अंक | ௦ | ௧ | ௨ | ௩ | ௪ | ௫ | ௬ | ௭ | ௮ | ௯ | तमिल[१] |
तेलुगु अंक | ೦ | ౧ | ౨ | ౩ | ౪ | ౫ | ౬ | ౭ | ౮ | ౯ | तेलुगु[२] |
कन्नड अंक | ೦ | ೧ | ೨ | ೩ | ೪ | ೫ | ೬ | ೭ | ೮ | ೯ | कन्नड |