तारपान
तारपान या यूरेशियाई जंगली घोड़ा एक जंगली घोड़े की नस्ल थी जो विलुप्त हो चुकी है।[१] विश्व का आखरी ज्ञात तारपान सन् १९०९ में रूस में मर गया। कुछ आधुनिक घोड़ों की नस्लें तारपान से मिलती जुलती हैं, जैसे की हेक घोड़ा। तारपान का रंग हल्का ख़ाकी होता था। जीव-वैज्ञानिक मानते हैं कि विश्व के पालतू घोड़े तारपान के ही विकसित वंशज हैं।
नाम
"तारपान" शब्द कई तुर्की भाषाओँ में मिलता है (जैसे कि किर्ग़िज़ और काज़ाख़) और इसका अर्थ "जंगली घोड़ा" होता है।[२][३] इसे अंग्रेज़ी में "tarpan" लिखा जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम "ऍक्वस कबैलस फ़ॅरस" (Equus caballus ferus) या सिर्फ़ "ऍक्वस फ़ॅरस" बताया जाता है।
इतिहास
इतिहासकारों का मानना है कि तारपान कभी दक्षिण फ्रांस से लेकर पूर्व में मध्य रूस तक रहा करता था। इन क्षेत्रों में पुरापाषाण काल में मानवों द्वारा शिला-चित्रों में तारपान से मिलते-जुलते घोड़े देखने को मिलते हैं। माना जाता है कि सबसे पहले मध्य एशिया के घास के मैदानों में शक लोगों ने इन्हें लगभग ३००० ईसापूर्व में पालतू बनाया।[४]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ Merriam-Webster Unabridged - Tarpan
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite web