तंजावुर चित्रकला

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
एक तंजावुर चित्र (नटराज)

तंजावुर चित्रकला एक शास्त्रीय दक्षिण भारतीय चित्रकला शैली है, जिसका आरम्भ तंजावुर से हुआ था। इस कला का प्रेरणास्रोत १६०० ई की नायकों की कलायें हैं। तंजावुर चित्रकला में मुख्यतः हिन्दू मन्दिरों की विषयवस्तु होती है जिसके ऊपर स्वर्ण की परत चढ़ी होती है। किन्तु अपने वर्तमान रूप में तंजावुर चित्रकला मराठा राजदरबार (1676-1855) में उत्पन्न हुई थी। [१] भारत सरकार ने इस चित्रकला को 2007-08 में भौगोलिक संकेत के रूप में मान्यता दी। [२]

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

इन्हें भी देखें