ट्राइटन (उपग्रह)

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Triton
Triton moon mosaic Voyager 2 (large).jpg
खोज
खोज कर्ता विलियम लास्सेल्ल
खोज की तिथि १० अक्टूबर १८४६
उपनाम
प्रावधानिक नामनेपच्यून I
विशेषण ट्रिटोनियन
अर्ध मुख्य अक्ष ३५४ ७५९ km
विकेन्द्रता ०.००० ०१६[१]
परिक्रमण काल −5.877 दिन
(पतित)
झुकाव 129.812° (to the ecliptic)
156.885° (to Neptune's equator)[२]
129.608° (to Neptune's orbit)
स्वामी ग्रह नेपच्यून
भौतिक विशेषताएँ
माध्य त्रिज्या १३५३.४ ± ०.९ कीमी[३] (0.2122 Earths)
तल-क्षेत्रफल २३ ०१८ ००० km²[a]
आयतन १० ३८४ ००० ००० km³[b]
द्रव्यमान २.१४साँचा:e kg (0.003 59 Earths)[c]
माध्य घनत्व २.०६१ g/cm³[३]
विषुवतीय सतह गुरुत्वाकर्षण०.७७९ m/s²[d]
पलायन वेग१.४५५ की मी/ सेच्[e]
घूर्णन synchronous
नाक्षत्र घूर्णन
काल
5 d, 21 h, 2 min, 53s
अक्षीय नमन
अल्बेडो०.७६[३]
तापमान ३८ K
सापेक्ष कांतिमान १३.४७[४]
निरपेक्ष कांतिमान (H) −1.2[५]
वायु-मंडल
सतह पर दाब १.४–१.९  Pa
(1/70 000th the surface pressure on Earth)
संघटन नाइट्रोजन; कम मात्रा में मीथेन

ट्राइटन सौर मण्डल के आठवे ग्रह वरुण (नॅप्टयून) का सबसे बड़ा उपग्रह है और हमारे सौर मण्डल के सारे चंद्रमाओं में से सातवा सब से बड़ा चन्द्रमा है। अगर वरुण के सारे चंद्रमाओं का कुल द्रव्यमान देखा जाए तो उसका ९९.५% इस एक उपग्रह में निहित है।[६] ट्राइटन वरुण का इकलौता उपग्रह है जो अपने गुरुत्वाकर्षक खिचाव से अपना अकार गोल कर चुका है। बाक़ी सभी चंद्रमाओं के अकार बेढंगे हैं। ट्राइटन का अपना पतला वायुमंडल भी है, जिसमें नाइट्रोजन के साथ-साथ थोड़ी मात्रा में मीथेन और कार्बन मोनोऑक्साइड भी मौजूद हैं। ट्राइटन की सतह पर औसत तापमान -२३५.२° सेंटीग्रेड है। १९८६ में पास से गुज़रते हुए वॉयेजर द्वितीय यान ने कुछ ऐसी तस्वीरें ली जिनमें ट्राइटन के वातावरण में बादलों जैसी चीज़ें नज़र आई थीं। ट्राइटन वरुण के इर्द-गिर्द अपनी कक्षा में परिक्रमा में प्रतिगामी चाल रखता है[७] और इसकी बनावट यम ग्रह (प्लूटो) से मिलती-जुलती है जिस से वैज्ञानिक अनुमान लगते हैं के ट्राइटन वरुण से दूर काइपर घेरे में बना था और भटकते हुए वरुण के पास जा पहुंचा जहाँ वह वरुण के तगड़े गुरुत्वाकर्षण की पकड़ में आ गया और तब से उसकी परिक्रमा कर रहा है।[८] Mohit Kumar


बनावट

ट्राइटन की सतह पर जमी हुई नाइट्रोजन की बर्फ़ की एक परत है। उसके नीचे पानी की बर्फ़ की मोटी परत है। इस परत के नीचे इस उपग्रह का केंद्रीय भाग है जो पत्थर और धातुओं का मिश्रण है। यह केन्द्रीय भाग इस उपग्रह के कुल द्रव्यमान का दो-तिहाई हिस्सा है। वैज्ञानिकों का मानना है के इसकी सतह पर ऐसे ज्वालामुखी और उष्णोत्स (गायज़र) हैं जो फटकार जमी हुई नाइट्रोजन गैस उगलते हैं।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियां

टिप्पणी

  1. ^ तल क्षेत्रफल अर्धव्यास r से निकाला गया है: ४*π*r
  2. ^ आयतन v अर्धव्यास r से निकाला गया है: v = ४/३*π*r
  3. ^ द्रव्यमान m आयतन v और घनत्व d से निकाला गया है: m = v*d
  4. ^ सतही गुरुत्वाकर्षण द्रव्यमान m, गुरुत्वाकर्षक स्थिरांक g और अर्धव्यास r से निकाला गया है: g*m/r
  5. ^ पलायन वेग द्रव्यमान m, गुरुत्वाकर्षक स्थिरांक g और अर्धव्यास r से निकाला गया है: sqrt((2*g*m)/r)
  6. ^ ट्राइटन का द्रव्यमान: २.१४साँचा:e किग्रा. वरुण के बाक़ी १२ उपग्रहों का मिलाकर कुल द्रव्यमान: ७.५३साँचा:e किग्रा या ०.३५ प्रतिशत. उपग्रही छल्लों का द्रव्यमान तुलना में ना के बराबर है।
  7. ^ अन्य गोलाकार चंद्रमाओं का द्रव्यमान: टाइटेनिआ—३.५साँचा:e, ओबेरॉन—३.०साँचा:e, Rhea—२.३साँचा:e, Iapetus—१.८साँचा:e, Charon—१.५साँचा:e, ऍरिअल—१.३साँचा:e, अम्ब्रिअल—१.२साँचा:e, Dione—१.०साँचा:e, Tethys—०.६साँचा:e, Enceladus—०.१२साँचा:e, मिरैन्डा—०.०६साँचा:e, प्रोटिअस—०.०५साँचा:e, Mimas—०.०४साँचा:e. बाक़ी के चंद्रमाओं का द्रव्यमान ०.०९साँचा:e है। यानि ट्राइटन से छोटे सारे चंद्रमाओं का द्रव्यमान मिलाकर कुल १.६५साँचा:e किग्रा बनता है। (व्यास के अनुसार चंद्रमाओं की सूची देखें)
  8. ^ Largest irregular moons: Saturn's Phoebe (210 km), Uranus' Sycorax (150 km), and Jupiter's Himalia (85 km)

सन्दर्भ

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  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. साँचा:cite web
  4. साँचा:cite web
  5. साँचा:cite web
  6. ट्राइटन का द्रव्यमान: २.१४साँचा:e किलो. बाक़ी १२ ज्ञात उपग्रहों का समूचा द्रव्यमान: ७.५३साँचा:e किलो, या ०.३५ प्रतिशत। उपग्रही छल्लों का द्रव्यमान इनकी तुलना में न के बराबर है।
  7. प्रतिगामी चाल रखने का मतलब है कि जिस दिशा में वरुण घूमता है, ट्राइटन उस से उलटी दिशा में उसकी परिक्रमा करता है।
  8. साँचा:cite arxiv