टाइटैनिक
देश (साँचा:country flagcountry2) | वाइट स्टार लाइन [१] |
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स्वामी: | वाइट स्टार लाइन[२] |
Operator: | XTM KARAN |
Port of registry: | साँचा:flagicon[३] Liverpool |
Route: | Southampton to New York City |
Ordered: | 31 जुलाई 1908[२] |
निर्माता: | हारलैंड तथा वोल्फ yards in Belfast, Ireland[२] |
Yard number: | 401[४] |
निर्दिष्ट: | 31 मार्च 1909[२] |
लांच: | 31 मई 1911[२] |
Christened: | Not Christened |
Completed: | 31 मार्च 1912 |
Maiden voyage: | 10 अप्रैल 1912[४] |
In service: | 1912[२] |
Identification: |
रेडियो कॉलसाइन "MGY" UK Official Number: 131428[५] |
Fate: | Sank on 15 अप्रैल 1912 after hitting an iceberg in middle of Atlantic Ocean[२] |
सामान्य विशेषताएँ | |
वर्ग एवं प्रकार: | साँचा:sclass[४] |
टनधारिता: | साँचा:GRT[२] |
विस्थापन: | 52,310 tons[४] |
लम्बाई: | साँचा:convert[६] |
बीम: | साँचा:convert[६] |
ऊंचाई: | साँचा:convert (Keel to top of funnels) |
Draught: | साँचा:convert[२] |
Depth: | साँचा:convert[६] |
Decks: | 9 (Lettered A through G) |
स्थापित शक्ति: |
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प्रणोदन: |
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चाल: |
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क्षमता: |
Passengers and crew (fully loaded):
Staterooms (840 total):
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Crew: | 860[२] |
Topics about Titanic | |
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RMS टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प आधारित यात्री जहाज था। वह साउथम्पटन (इंग्लैंड) से अपनी प्रथम यात्रा पर, 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ। चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक हिमशिला से टकरा कर डूब गया जिसमें 1,517 लोगों की मृत्यु हुई जो इतिहास की सबसे बड़ी शांतिकाल समुद्री आपदाओं में से एक है।[९]
ओलंपिक श्रेणी का यात्री लाइनर टाइटैनिक व्हाइट स्टार लाइन के हस्तगत में था और उसका निर्माण Belfast (Ireland) के Harland ओर Wolff शिपयार्ड में किया गया था। वह 2,223 यात्रिओ के साथ न्यूयॉर्क शहर के लिए रवाना हुआ था। यह तथ्य है कि जब जहाज डूबा उस वक्त, जहाज पर उस समय के सभी नियमों का पालन करने के बावजूद केवल 1,178 लोगों के लिए जीवनरक्षक नौका थी। पुरुषो के मृत्यु की असंगत संख्या का मुख्य कारण महिलाओं और बच्चों को पहले प्रधानता देना था।
टाइटैनिक के डूबने का मुख्य कारण अत्यधिक गति से चलना था। (टाइटैनिक) के मालिक J. Bruce Ismay जे .ब्रूस इस्मे ने जहाज के कप्तान Edward Smith को जहाज को अत्यधिक गति से चलाने के लिए कहा था। 12 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक को 6 बर्फ की चट्टानों की चेतावनिया मिली थी। कप्तान को लगा की बर्फ की चट्टान Ice Berg आने पर जहाज मुड जाएगा। परन्तु बद्किस्मती से जहाज बहुत बड़ा था और राडार छोटा था। बर्फ की चट्टान आने पर वह अधिक गति के कारण समय पर नहीं मुड पाया और चट्टान (एक अनुमान के मुताबिक यह चट्टान करीब 10,000 साल पहले ग्रीनलैंड से अलग हुई थी) से जा टकराया। जिससे जहाज के आगे के हिस्से में छेद हो गए और लगभग 11:40 p.m. पर वो डूबने लगा। तक़रीबन 2:20 a.m. पर वो पूरा समुन्द्र में समां गया। जिस सागर में वह डूबा था उसके जल का तापमान -2℃ था जिसमें किसी साधारण इंसान को 20 मिनट से ज़्यादा जिन्दा रहना नामुमकिन था।
टाइटैनिक उस समय के सबसे अनुभवी इंजीनियरों के द्वारा डिजाइन किया गया था और इसके निर्माण में उस समय में उपलब्ध सबसे उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल किया गया था। यह कई लोगो के लिए एक बड़ा आघात था कि व्यापक सुरक्षा ओर सुविधाओं के बावजूद, टाइटैनिक डूब गया था। आवेश में आयी हुई मीडिया की ओर से टाइटैनिक के प्रसिद्ध आरोपी, जहाज के डूबने का उपाख्यान, समुद्री कानूनों का भंग ओर जहाज के मलबे की खोज ने लोगो की टाइटैनिक में रुचि जगाने में काफी योगदान दिया।
निर्माण
टाइटैनिक का निर्माण Belfast (Ireland) के Harland ओर Wolff शिपयार्ड में किया गया था और प्रतिद्वंदी Cunard Line के Lusitania और Mauretania के साथ प्रतिस्पर्धा के रूप में डिजाइन किया गया था। इसके डिजाइनरों में Lord Pirrie जो Harland & Wolff और White Star के संचालक थे, नौसेना आर्किटेक्ट Thomas Andrews जो Harland और Wolff के निर्माण प्रबंधक और डिजाइन विभाग के प्रमुख थे और Alexander Carlisle शिपयार्ड के प्रमुख रचयिता एवं जनरल मैनेजर सामिल थे। Alexander Carlisle की जिम्मेदारियो में साज-सजावट, उपकरण और सभी सामान्य व्यवस्था, जीवनरक्षक नौका को लटकाने के यंत्र की डिजाइन जेसे कार्यो का समावेश होता था। वह जहाज़ पर नौका लटकाने का यंत्र बनाने वाली कंपनी Welin Davit & Engineering Co. Ltd. के शेयरधारक बन गए थे।
RMS टाइटैनिक का निर्माण 31 मार्च 1909 को American J.P. Morgan और International Mercantile Marine Co. की लागत से शुरू हुआ। टाइटैनिक की पतवार का 31 मई 1911 को जलावतरण किया गया और उसके अगले वर्ष की यात्रा की तयारी की जाने लगी। टाइटैनिक की कुल लम्बाई 882 फीट ओर 9 इंच (269.1 मीटर), ढलवें की चौड़ाई 92 फीट (28.0 मीटर), भार 46,328 टन (GRT) और पानी के स्तर से डेक तक की ऊंचाई 59 फीट (18 मीटर) थी। जहाज दो पारस्परिक जुड़े हुए चार सिलेंडर, triple-expansion steam engines और एक कम दबाव Parsons turbine (जो प्रोपेलर को घुमाते थे) से सुसज्जित था। टाइटैनिक में 29 boiler थे जो 159 कोयला संचालित भट्टियो से जुड़े हुए थे और जहाज को 23 समुद्री मील (43 km/h, 26 mph) की शीर्ष गति प्रदान करते थे। 62 फीट (19 मी) की उचाई की चार में से केवल तीन funnel कार्यात्मक थी। चौथी funnel, जो वेंटिलेशन के प्रयोजन हेतु इस्तेमाल की जाती थी, वह जहाज को अधिक प्रभावशाली रूप देने के लिए लगायी गयी थी। जहाज की कुल क्षमता यात्रियों और चालक दल के साथ 3549 थी।
रूपरेखा
टाइटैनिक ने विलासिता और बहुतायत में उसके सभी प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया था। प्रथम श्रेणी के खंड पर स्विमिंग पूल, एक व्यायामशाला, एक स्क्वैश कोर्ट, तुर्की स्नानगृह, इलेक्ट्रिक स्नानगृह और एक कैफे का बरामदा था। प्रथम श्रेणी के कमरो को अलंकृत लकड़ी के तख़्तो, महंगे फर्नीचर और अन्य सजावट से सजाया गया था। इसके अलावा, Parisien Café प्रथम श्रेणी के यात्रियों के लिए सूर्य के उजास वाले, साजो सजावट से युक्त बरामदे में भोजन की पेशकश किया करते थे। वहाँ प्रथम और दूसरे दर्जे के विभागों में पुस्तकालयों और नाई की दुकानों की सहूलियत थी। तीसरे वर्ग के कमरे पाइन लकड़े के चोखटे और मज़बूत टीक के लकड़े से बना हुआ फर्नीचर से युक्त थे। जहाज की अवधि के लिए उसमे तकनीकी रूप से उन्नत सुविधाऐ शामिल की गयी थी। टाइटैनिक के प्रथम श्रेणी के खंडो में बिजली से चलने वाली तीन लिफ्ट और दूसरे वर्ग के खंड में एक लिफ्ट मौजूद थी। उसमे एक विस्तृत बिजली प्रणाली की सुविधा भी थी जो भाप चालित जनरेटर से युक्त थी और जहाज में फैले हुए बिजली के तार लाइटो में रोशनी और दो शक्तिशाली 1,500 वाट के मारकोनी रेडियो को बिजली पहुचाते थे जिसकी मदद से अलग अलग पाली में काम कर रहे ऑपरेटर यात्रिओ के संदेशों का प्रसारण और अन्य जहाजो से निरंतर संपर्क रख पाते थे। प्रथम श्रेणी के यात्रियों ने ऐसी सुविधाओं के लिए एक भारी शुल्क का भुगतान किया था। उसमे सबसे महंगे एक तरफी ट्रांस अटलांटिक पारित प्रवास के लिए 4350 $ अमरीकी डालर का भुगतान किया गया था। (जिसकी आज की तुलना में कीमत 95860 अमरीकी डॉलर से भी ज्यादा होती।)
वह दुनिया का सबसे बड़ा जहाज था।
सन्दर्भ
- ↑ https://en.wikipedia.org/wiki/White_Star_Line स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।>
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ क सन्दर्भ त्रुटि:
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नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ साँचा:cite book
- ↑ अ आ इ ई साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ इ साँचा:cite journal
- ↑ अ आ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite web
टाइटैनिक के बारे में यह भी कहा जाता है कि टाइटैनिक में तकरीबन 3 दिनों से आग लगी थी! जिसकी जानकारी वहां पर मौजूद जहाज के कैप्टन एवं जहाज के कुछ सदस्य को पहले से पता था! फिर भी जहाज का पूरा टिकट बिक जाने के कारण वह काला सच हमसे छुपाया गया!