ज्यां-पाल सार्त्र

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
साँचा:nowrap
Jean-Paul Sartre FP.JPG
सार्त्र १९५० मे
जन्म ज्यां-पाल चार्ल्स अय्मर्द सार्त्र
२१ १९०५
पेरिस, फ्रान्स
मृत्यु साँचा:death date and age
पेरिस, फ्रान्स
हस्ताक्षर
[[Image:Jean-Paul Sartre signature.svg|128px]]

ज्यां-पाल सार्त्र नोबेल पुरस्कार साहित्य विजेता, १९६४


ज्यां-पाल सार्त्र अस्तित्ववाद के पहले विचारकों में से माने जाते हैं। वह बीसवीं सदी में फ्रान्स के सर्वप्रधान दार्शनिक कहे जा सकते हैं। कई बार उन्हें अस्तित्ववाद के जन्मदाता के रूप में भी देखा जाता है।

अपनी पुस्तक "ल नौसी" में सार्त्र एक ऐसे अध्यापक की कथा सुनाते हैं जिसे ये इलहाम होता है कि उसका पर्यावरण जिससे उसे इतना लगाव है वो बस कि़ंचित् निर्जीव और तत्वहीन वस्तुओं से निर्मित है। किन्तु उन निर्जीव वस्तुओं से ही उसकी तमाम भावनाएँ जन्म ले चुकी थीं।

सार्त्र का निधन अप्रैल १५, १९८० को पेरिस में हआ।

सन्दर्भ

साँचा:navbox साँचा:authority control {{जीवनचरित-आधार} सार्त अस्तित्ववाद के जनक माने जाते है, उनका मानना था कि प्रत्येक विचारधारा से ऊपर व्यक्ति का अपना अस्तित्व होता है किसी भी परिस्थिति में प्रत्येक व्यक्ति अपने अस्तित्व पर निर्णय लेने में स्वतंत्र होना चाहिए यह विश्व के एकमात्र व्यक्ति है जिन्होंन साहित्य का नॉबेल पुरस्कार यह कहते हुए लोटा दिया कि इस प्रकार के सम्मान से व्यक्तियों में असमानता सिद्ध होती है, वह अपनी विचारधारा पर अडिग रहते हुए पुरस्कार लौटा दिया "संदर्भ" शब्दों के मसिहा-लेखिका प्रभा खेतान हिन्दी लेखिका शोध पत्र