इंग्लैंड के जेम्स द्वितीय
साँचा:for जेम्स द्वितीय और जेम्स सप्तम (१६३३-१७०१) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (१६८५-८८) था। वह चार्ल्स प्रथम तथा हेनरिटा मेरिया की द्वितीय संतान था। जेम्स अष्टम के नाम से वह १६५५ से १६८८ तक स्कॉटलैंड का राजा भी था। १६८८ को हुई क्रान्ति में वह पद छोड़ दिया। वह इंग्लैंड राज्य, आयरलैंड और स्कॉटलैंड राज्य का अंतिम रोमन कैथोलिक संप्रभु था। अपने भाई चार्ल्स द्वितीय की मृत्यु के बाद वह सिंहासन चढ़ गया। जेम्स संसद के साथ अपने संघर्ष के लिए सबसे अधिक जाना जाता है।
जीवनी
प्रारंभिक जीवन
जेम्स, राजा चार्लस १ और उनकी पत्नी फ्रांस के हेनरिटा मरिया का पुत्र था। उनका जन्म १४ अक्तूबर १६३३ को सेंन्ट जेम्स पालस में हुआ था। यह लंडन में स्थित है। विल्लियम लोड द्वारा उसने बप्तमिसा लिया था। जन्म के तुरंत बाद उन्हें न्यूयॉर्क का राजा का नाम दिया गया था। वह १६४३ ई॰ में आर्क ड्यूक बना था। वह योग्य सैनिक, साहसी एवं दृढ़ निश्चय व्यक्ति था, किंतु उसमें दूरदर्शिता की न्यूनता, धर्मान्धता, तथा अनैतिकता थी। अपने पिता की फाँसी के थोड़े समय ही पूर्व वह हालैंड भागा, फिर फ्रांस चला गया। १६५९ ई॰ में उसने एन हाइड से विवाह किया जिससे उसकी दो लड़कियाँ मेरी और एन उत्पन्न हुईं, जो आगे चलकर क्रमश: इंग्लैंड की रानी हुईं। उसकी द्वितीय पत्नी मेरी ऑव मांडेना से १८६६ में एक पुत्र हुआ जो 'ओल्ड प्रिटेंडर' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
गृह युद्ध
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राजा और संसद के बीच मतभेद बढ़ने पर अंग्रेज़ी गृहयुद्ध शुरु हुआ। संसदीय नेताओं ने यॉर्क के राजा को सेंट जेम्स के पैलेस में सीमित करने का आदेश दिया। १६४८ में वह महल से भाग गया। राजतंत्र की पुन: स्थापना के उपरांत जेम्स लॉर्ड हाई ऐडमिरल नियुक्त हुआ। १६८५ ई॰ में गद्दी पर बैठा और ड्यूक ऑव आरगाइल तथा मनमथ के विद्रोहों को दबाया। कैथालिक के रूप में तथा निरंकुश शासन का संकल्प कर लेने के कारण उसने अपने स्वेच्छानुसार के द्वारा इंग्लैंड के कानूनों का नियमित अतिक्रमण आरंभ किया। जेम्स ने कैथोलिकों का प्रवेश सेना एवं विश्वविद्यालयों में कराया। एक स्थायी सेना की रचना के साथ साथ उसने इंग्लैंड के कानूनों को स्थगित एवं रद्द करने का अधिकार ग्रहण किया। उसकी इंडलजेंस की प्रथम घोषणा ने १६८७ ई॰ में कैथोलिको एवं डिसेंटर्स के विरुद्ध लगाए सारे दंड-विधानों को स्थगित कर दिया जिससे एक राष्ट्रीय चेतना फैल गई। उसकी इंडलजेंस की दूसरी घोषणा का विरोध सात बिशपों ने किया जिनपर मुकदमा चलाया गया। जब वे मुक्त किए गए तो लोगों ने करतल ध्वनि द्वारा इसका स्वागत किया। जेम्स के पुत्र उत्पन्न होने पर प्रोटेस्टेंट विलियम ऑफ़ ऑरेंज, जो जेम्स का दामाद था, इंगलैंड की गद्दी पर बैठने के लिए भी आमंत्रित किया गया। विलियम के आने पर इंगलैंड की सेना भी उसके साथ हो गई और जेम्स फ्रांस भागा।
निधन
इंगलैंड की गद्दी को पुन: प्राप्त करने के लिए जेम्स ने १६९० ई॰ में आयरलैंड में एक असफल विद्रोह किया। ६ सितंबर १७०१ ई॰ को सेंट जर्मेंन में जेम्स की मृत्यु हो गई।