जाँ फ्रॉइसार
जाँ फ्रॉइसार (Jean Froissart ; लगभग १३३८–१४१० ई.) एक मध्यकालीन फ्रांसीसी लेखक तथा दरबारी इतिहासकार था। उसके द्वारा रचित इतिहास, शताब्दियों तक १४वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड और फ्रांस के शौर्यपूर्ण उदय की गाथा बने रहे। उसके द्वारा रचित इतिहास सौ वर्षीय युद्ध के पूर्वार्ध के लिये एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
आरंभ में वह एक व्यापारी के यहाँ नौकरी किया करता था। बाद में ज्ञान प्राप्त करने की लगन पैदा हुई और उसने नौकरी छोड़ दी। पढ़े लिखों के बीच उसका उठना बैठना आरंभ हो गया। कविता से प्रेम उसे शुरू ही से था, यहाँ बढ़ावा मिला और वह कविता करने लगा। दुनिया घूमने की चाह पैदा हुई और १८ वर्ष की अवस्था में इंग्लैंड पहुंचकर रानी फिलिप्पा के राजदरबारियों में सम्मिलित हो गया। वहाँ उसकी प्रशंसा में कविताएँ लिखीं। भ्रमण करने की इच्छा हुई। १३६० में फ्रांस में था। १३६१ में पाँच वर्ष की अनुपस्थिति के बाद फिर इंग्लैंड पहुँचा। रानी फिलिप्पा से प्रोत्साहन पाकर स्कॉटलैंड का भ्रमण किया। १३६६ में 'ब्लैंक प्रिंस' के साथ फ्रांस गया। १३६८ में इटली में भ्रमण किया। यूरोप के कई एक राजदरबारों में रहा। इस प्रकार उसने अपनी 'क्रॉनिकल्स' (Chronicles) नामक पुस्तक के लिए सामग्री एकत्र की। इस पुस्तक में इसने १३२६ से १४०० ई. तक के युद्धों का वर्णन किया है। उसके कई भाग हैं जो समय समय पर अलग अलग लिखे गए। उसने लड़ाई के संबंध में जो लिखा सो है ही, लेकिन भौगोलिक संबंध में भी इस पुस्तक की महत्ता बढ़ जाती है। जिन जिन देशों में वह फिरा, उनका पूर्ण रूप से वर्णन किया है। उसकी पुस्तक के अंतिम भाग में क्रूसेड का भी वर्णन है।