ज़िला खान

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ज़िला खान
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय संगीतकार और अभिनेता
माता-पिता उस्ताद विलायत खान (पिता)
मोनिषा (माता) [१]
संबंधी सुजात खान (भाई), हिदायत खान (भाई), यमन खान (बहन)
वेबसाइट
Official site

ज़िला खान एक भारतीय सूफ़ी गायिका और अभिनेत्री है।[२] वह भारतीय शास्त्रीय संगीत और अर्ध-शास्त्रीय संगीत गाती है और इम्दादखानी घराने की परंपरा में प्रदर्शन करती है।[३] उन्होंने संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी[१] और गौहर जैसे नाटकों में भी अभिनय किया है। वह बॉलीवुड फिल्मों और विज्ञापनों के लिए एक पार्श्व गायिका के रूप मे भी गाती हैं। वह चाहती हें की महिलाओं को शिक्षा में स्वतंत्रता और लैंगिक समानता मिले।[४] वह एक संगीतकार और संगीत निर्देशक भी हैं। उन्होंने अपने पिता उस्ताद विलायत खान पर स्पिरिट टू सोल नामक एक वृत्तचित्र का निर्माण और निर्देशन भी किया है। [५]

प्राथमिक जीवन और पेशा

ज़िला खान, भारत के महान सितारवादक उस्ताद विलायत खान की बेटी हैं और उनके औपचारिक शिष्या भी हैं। उनका नाम उनके पिता द्वारा अमीर खुसरू के ज़िला काफ़ी राग पे रखा गया था।[१]

ज़िला खान को उनके पिता ने कम उम्र से ही सशक्त बना दिया था। उन्होंने उसे दिन में चौदह से सोलह घंटे तक रियाज़ करवाया और उन्हे अपनी सभी रचनाओं में महारत हासिल करवाई। ज़िला खान की संगीत विरासत भारतीय शास्त्रीय संगीतकारों की सात पीढ़ियों और रिकॉर्डेड संगीत की पांच पीढ़ियों तक फैली हुई है।

भारतीय शास्त्रीय संगीत, अर्ध-शास्त्रीय संगीत, सूफी, फोक और भक्ति संगीत जैसी विभिन्न संगीत शैलियों पर उनकी बहुत अच्छी पकड़ है। वह अलग-अलग 8 भाषाओं में गा सकती है और अंग्रेजी, लैटिन, फारसी और अरबी में 'पश्चिमी समारोह' में भी गाती है।[४]उन्होंने कई जैज़ फ़ेस्टिवल्स में कई कलाकारों और शैलियों की प्रस्तुति दी है। सूफी संगीत में, वह क़ौल, क़लबाना, गुल जैसी शैलियों में प्रदर्शन करती है और अब अपने आपको पारंपरिक ग़ज़ल गायन के पुनरुद्धार के लिए समर्पित कर रही है। उनके प्रदर्शनों में गायकी परंपरा की मार्गदर्शक उपस्थिति है।।

उन्होंने देश और विदेशों में हर प्रमुख संगीत समारोह में प्रदर्शन किया है: जैसे लिंकन केंद्र, कैनेडी केंद्र, सिम्फनी स्पेस, ब्रॉडवे, एमटीवी कोक स्टूडियो, एमटीवी आईजीजीवाई, ट्राफलगर स्क्वायर आदि।

संगीत चिकित्सा

उस्तादगह फाउंडेशन सेंटर और फोर्टिस अस्पताल के माध्यम से संगीत थेरेपी मेंप्रशिक्षित, ज़िला खान एक संगीत चिकित्सक और सलाहकार हैं। उन्होंने भारत में पहले संगीत थेरेपी विंग की शुरुआत की। यह विभाग अनुसंधान डेटा एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने के लिए समर्पित है, जिसका उपयोग दुनिया भर के उन रोगियों और लोगों में कुछ बीमारियों के इलाज के लिए किया जाएगा जिन्हें योग जैसे नियमित रूप से अच्छे स्वास्थ्य के लिए सहायक उपचार की आवश्यकता होती है।[६]

संगीत विद्यालय

उस्तादगह फाउंडेशन की स्थापना 2008 में ज़िला खान द्वारा की गई थी, इसका उद्देश्य संगीत में प्रतिभाशाली गरीब बच्चों को पढ़ाना और उन्हें तालीम देना है। फाउंडेशन छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करती है और संगीत के माध्यम से उन्हे अपनी आजीविका अर्जित करने के लिए एक संगीत आधार, दृष्टि और क्षमता का निर्माण करने में मदद करती है और भारत की संस्कृति और विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करती है।

व्यक्तिगत जीवन

ज़िला खान को एक बेटा हें जिसका नाम फैज़ान शेख खान है। फैजान को पहले उनके दादा उस्ताद विलायत खान और फिर उनकी मां ज़िला खान से प्रशिक्षण प्राप्त हुआ, उन्होंने मिलकर द फ़ेज़ प्रोजेक्ट नामक एक संगीत कंपनी तैयार किया, इस परियोजना ने शास्त्रीय और सूफी संगीत आदि को बढ़ावा देने, आकर्षित करने के लिए 'इलेक्ट्रॉनिक', 'अकूस्टिक', फ्लैमेन्को जैसे अधिक लोकप्रिय शैलियों के साथ विलय कर दिया गया है ताकि युवावर्ग इनम्र रुचि ले। वे विभिन्न विश्वविद्यालयों के माध्यम से दौरा करते हैं और इस परियोजना के बारे में युवाओं को संगीत कार्यक्रमों के माध्यम से व्याख्यान और प्रदर्शन देते हें। यह वर्तमान में एक डिजिटल संपत्ति के रूप में स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य शास्त्रीय संगीत सुनने के लिए युवाओं को अधिक आकर्षित करना है।

फैजान उस्ताद विलायत खान के एकमात्र पोते हैं जिन्होंने उनसे सितार और गायिकी सीखा है और उनके मार्गदर्शन में रहे हैं वे 12 साल तक उनके साथ रहे जब तक कि उस्ताद विलायत खान की 2004 में मृत्यु नहीं हुई।

पुरस्कार

  • रोल ऑफ ऑनर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से प्राप्त हुआ

सन्दर्भ