जलस्तंभ
जलस्तंभ या जलव्रज एक प्रकार का बवंडर या चक्रवात है, जो जल में बनता है। यह जल में बने एक स्तम्भ के जैसे दिखाई देता है। यह मुख्य रूप से यूरोप और अंटार्कटिका में बनते हैं। अन्य जगहों में यह मुश्किल से ही कभी दिखाई देते हैं। इनका जीवन चक्र पाँच चरणों का होता है। पहले एक अंधेरा गोला, दूसरा एक घूमता हुआ दिखाई देता है। तीसरे में यह अंगूठी की तरह बन जाता है। चौथे में यह पूर्ण रूप से स्तंभ बन जाता है और अंततः क्षय हो जाता है।[१]
रचना
यह 2 किलोमीटर के क्षेत्र या उससे कम में इसके अनुकूल वातावरण में बन सकते हैं। केवल कुछ ही जलस्तंभ ताकतवर होते हैं, बहुत से जलस्तंभ कमजोर और थोड़ी देर के लिए बनते हैं।
प्रकार
गैर बवंडर
यह जलस्तंभ में बवंडर जैसे गुण नहीं पाये जाते हैं। यह सूखे मौसम में भी बादलों में बनते हैं। इनका जीवन चक्र बहुत छोटा होता है और 20 मिनट से भी कम समय में यह बनकर समाप्त हो जाते हैं। यह 30 मीटर प्रति सेकंड के आस पास की गति से हवा चलती है। यह बादलों में एक प्रकार के आवेश के कारण बनते हैं। जब बादलों में आवेश के कारण वह नीचे आने लगते हैं और गोल घूमने लगते हैं। इससे धीरे धीरे वह एक स्तंभ के जैसे बन जाते हैं। यह मुख्य रूप से जल वाले क्षेत्रों में बनते हैं, जहाँ इसे आसानी से घूमने मिले। लेकिन इस प्रकार की घटना में यह जल के स्थान पर भूमि में भी कई बार बनते हैं। यह साफ और बिना वर्षा के समय और बिना अधिक गति से चलने के कारण इसे गैर बवंडर जलस्तंभ कहते हैं।[२]
फ्लॉरिडा के उष्णकटिबंधीय और उप उष्णकटिबंधीय जलवायु में यह 400 से अधिक बार दिखाई देता है। यह जमीन पर बनने से बहुत जल्दी ही क्षय हो जाते हैं, क्योंकि उसे अच्छी तरह से घूमने नहीं मिलता और जमीन पर वह कई प्रकार के रुकावट के कारण धीरे धीरे कमजोर हो जाता है। उसे ऊर्जा का कोई स्रोत भी नहीं मिलता। जबकि नदी आदि में उसे कुछ खास रुकावट का सामना नहीं करता पड़ता है। वह आसानी से घूम सकता है और आस पास उसे कोई रुकावट न मिलने और जल भी उसके साथ घूमने लगता है। जिससे उसे जल में स्तंभ बनाने में आसानी होती है।[३]