जप

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भूटान का एक बौद्ध स्त्री माला लेकर जप करती हुई

किसी मन्त्र को या देवता के नाम को बार-बार उच्चारित करना, जप कहलाता है। जप, हिन्दू धर्म[१] जैन धर्म,[२] सिख धर्म,[३][४] बौद्ध धर्म,[५] आदि भारत के मूल धर्मों तथा शिन्तो धर्म में प्रचलित है।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. साँचा:cite book
  3. S Deol (1998), Japji: The Path of Devotional Meditation, ISBN 978-0966102703स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, page 11
  4. साँचा:cite book
  5. साँचा:cite book