चौहटन
चौहटन | |
— village — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | बाड़मेर |
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• साँचा:m to ft |
साँचा:collapsible list |
साँचा:coord चौहटन राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिला मुख्यालय से 47 किमी पच्छिम की ओर बसा हुआ एक कस्बा है। इसका पुराना नाम चोथापुर पाटन नगरी था। चौहटन सरहदी इलाके पर बसा है। चौहटन से भारत-पाकिस्तान सीमा मात्र 45 कि० मि० दूर है। कहते हैं पांडवों ने अपने वनवास का अधिकांश समय यहीं पर बिताया था। यहाँ पर बाड़मेर मार्ग पर अति प्राचीन चीफल नाडी हौ। इसका निर्माण बरसों पूर्व भीमजी पांडव ने खेल-२ में किया था। इसका पानी १ साल तक नहीं सूखता। यह नाडी चोहटन की पहाड़ियों से आने वाले बरसाती पानी से भरती हे पहाड़ियो पर अनेक तीर्थ स्थल हे इन्द्रभाण तालाब का पानी गंगाजल के समान पवित्र माना जाता है यहाँ पर विरात्रा माता का भव्य मंदिर है तथा सूंईया महादेव का मंदिर है। यहां डुंगरपुरी जी महाराज की प्राचीन समाधि है यहां देश के अनेको हिस्सों से लोग दर्शन करने को आते ह यहां पर वैर माता का अति प्राचीन मंदिर है यहाँ पर मां जगदम्बा ने बालिका के रूप में अनेक असूरों का संहार करके वैर लिया था पिपलीया झरना विष्णू पगलिया आदि अनेक धाम है। यहा पर कुभ मेले के समान 12 वर्षो में एक बार मेला भरता हैं जिसका नाम अर्ध्द कुभ सुईया पोषण मेला है जो सुईया महादेव के पवित्र मंदिर पर भरता है यह मंदिर लगभग 13 वी सदी के आस पास के समय के है चौहटन में ही किसान छात्रावास के सामने खेमा बाबा का पवित्र मंदिर स्थित हैं जो जाट तथा अन्य जातियों के आराध्य देव हैं तथा निजी बस स्टेशन के सामने रामदेव जी का मंदिर हैं जहां भक्तगण आराधना करते रहते हैं
इतिहास
इस क्षेत्र का इतिहास सरदार हेमसिंह भील से जुड़ा हुआ है , जब पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत पर आक्रमण किया तब पहाड़ी इलाका होने के कारण भारतीय सेना पाकिस्तानियों से युद्ध करने पहुंच नहीं पा रही थी , तब एक स्थानीय भील सरदार हेम सिंह ने पहाड़ियों पर भील और अन्य जातियों के लोगो को एकजुट कर उन्होंने अपने पारंपरिक हथियार धनुष और पुरानी बंदूकों से पाकिस्तानी सेना का डटकर सामना किया । इस घटना में कई भील वीर शहीद हो गए लेकिन उन्होंने पाकिस्तानियों को भारत की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया । स्थानीय शिक्षक सुरेश कुमार ने दौड़कर चोकी को सूचित किया और तब वहां भारतीय बल पहुंचा [१]। ।
चौहटन एक धार्मिक नगरी है।
चौहटन से 09 किलोमिटर दूर विरात्रा में माँ वाँकल का भव्य मन्दिर
है।यह राजपूतो की भोपा और नेतड जाति की कुलदेवी है तथा साथ ही में केलनोर रोड पर गौराणा माता का मंदिर हैं जो विरात्रा माता का पूर्व(पहले) का रूप हैं
यहां पर चौहटन विधानसभा क्षैत्र से अब्दुल हादी सात बार विधायक रहे तथा वर्तमान में पदमाराम मेघवाल विधायक हैं ।
यहां पर चोहटन की पहाड़ियों में महादेव जी का मंदिर है जिसे सुइयों का मंदिर कहा जाता है इस मंदिर की एक विशेषता है कि इसमें सोमवती अमावस्या और सटा नक्षत्र होने पर एक पवित्र जल की धारा निकलती है जिसे बहुत पवित्र माना जाता है यहां पर अनेक प्रकार से साधु संतों का आवागमन होता है यहां पर महंत श्री डूंगरपुरी जी महाराज की समाधि स्थित है यहाँ अर्धकुम्भ का मेला भी भरा जाता हैं
तथा ईसी पहाड़ी पर पवित्र विष्णु पगलिया व पहाड़ी के पीछे वेर माता का मंदिर भी हैं
चोहटन के कुछ प्रमुख गांव
1 धारासार
2 शोभाला जेतमाल
3 बीजराड़
4 केलनोर
5 उपरला
6 ढोक
7 घोनिया
8 नेेतराड़
9 ईसरोल
10 देदूसर
11 नवातला जेतमाल
12 नवापुरा
13 अरबी की ग़फ़न
14 सोनडी (विष्णू धाम)
15 भलगाव
16 बाखासर
17 बुठ राठौडान
उल्लेखनीय व्यक्ति
सन्दर्भ
- ↑ {{https://books.google.co.in/books?id=AyfoAAAAMAAJ&pg=RA50-PA25&lpg=RA50-PA25&dq=%E0%A4%9A%E0%A5%8C%E0%A4%B9%E0%A4%9F%E0%A4%A8+%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B2&source=bl&ots=oLnOP4a3LH&sig=ACfU3U31bXWI-6RBF2Y2jrONWTwHa3F_kA&hl=hi&sa=X&ved=2ahUKEwiKh-rAh7n2AhX6T2wGHZrwC_kQ6AF6BAg9EAI#v=onepage&q=%E0%A4%9A%E0%A5%8C%E0%A4%B9%E0%A4%9F%E0%A4%A8%20%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B2&f=false}}