चौपाल (सार्वजनिक स्थान)
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
चौपाल (چوپال) उत्तर भारत और पाकिस्तान में ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक भवन अथवा स्थान को कहा जाता है।[१] यह ग्रामीणों, विशेष रूप से पुरुष निवासियों के लिए सामुदायिक जीवन का केन्द्र होता है। छोटे गाँवों में यह नीम, बरगद अथवा पीपल के पेड़ की छाया में साधारण चबुतरे पर ही होती है। बड़े गाँवों में सामुदायिक अतिथि गृह (अथवा मेहमान ख़ाना) के रूप में विस्तृत सरंचना भी हो सकती है।[२][३]
चौपाल का निर्माण और रखरखाव सामुदायिक कोष से किया जाता है जो कई बार गाँव के समुदायों से चन्दे के रूप में इकट्ठा किया जाता है।[२]