चोर मचाये शोर (2002 फ़िल्म)

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चोर मचाये शोर
चित्र:चोर मचाये शोर.jpg
चोर मचाये शोर का पोस्टर
निर्देशक डेविड धवन
निर्माता राजीव तोलानी
लेखक अनवर ख़ान (संवाद)
पटकथा यूनुस सजावल
अभिनेता बॉबी देओल,
शिल्पा शेट्टी,
बिपाशा बसु,
ओम पुरी,
परेश रावल
संगीतकार अनु मलिक
छायाकार हरमीत सिंह
संपादक डेविड धवन
स्टूडियो गीता एंटरप्राइज़ेज़
प्रदर्शन साँचा:nowrap 23 अगस्त, 2002
देश भारत
भाषा हिन्दी

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चोर मचाये शोर 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन डेविड धवन ने और निर्माण राजीव तोलानी ने किया है। इस फिल्म में बॉबी देओल, शिल्पा शेट्टी और बिपाशा बसु मुख्य किरदार में हैं। इस फिल्म को 23 अगस्त 2002 में सिनेमाघरों में पहली बार प्रदर्शित किया गया।

कहानी

श्याम (बॉबी देओल) एक छोटा सा चोर है, जो एक म्यूज़ियम में सुरक्षाकर्मी की नौकरी करते रहता है। वो एक दिन अपने तीन दोस्तों, जॉनी (राजपाल यादव), टीटू (आशीष विद्यार्थी) और टोनी (रजत बेदी) के साथ हीरा चोरी करने की योजना बनाता है। चारों हीरा चोरी करने में सफल हो जाते हैं, पर श्याम के मन में टीटू और टोनी को हिस्सा न देने का ख्याल आता है और वो जॉनी के साथ हीरा लेकर भाग निकलता है। जॉनी तो भाग निकलता है, पर श्याम पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है। वो पुलिस के हत्थे चढ़ने से पहले ही हीरा एक बनने वाले इमारत में कहीं छुपा देता है। श्याम को दो साल की सजा सुनाई जाती है।

दो साल बाद जब श्याम रिहा होता है, तो वो वही इमारत को ढूंढने लगता है, जिसमें उसने हीरा छिपाया था। उस जगह एक नए पुलिस मुख्यालय को देख कर उसके तोते उड़ जाते हैं। कुछ समय तक हैरान रहने के बाद वो एक नकली पुलिस इंस्पेक्टर राम बन कर हीरा चोरी करने की सोचता है। वो अपनी हीरोगिरी दिखा कर एसीपी रणवीर सिंह (परेश रावल) को अपनी ओर आकर्षित करता है और इंस्पेक्टर पांडे (ओम पुरी) उसकी पहचान को लेकर उस पर शक करते रहता है। श्याम अपनी सारी ताकत लगा कर हीरा ढूंढने की कोशिश करते रहता है, पर उसे मजबूरी में अपराधियों को पकड़ने का काम करना पड़ता है। इसी बीच उसका दोस्त जॉनी भी गिरफ्तार हो जाता है। वो राम को देख कर श्याम के नाम से उसे पुकारने लगता है, जिससे पांडे के मन में शक और भी गहरा हो जाता है।

शक के घेरे से बाहर आने के लिए वो बताता है कि श्याम उसका जुड़वा भाई है, जो एक अपराधी है। ये सब जान कर रणवीर सिंह उस श्याम को सुधारने का काम अपने सर ले लेता है। इस वजह से श्याम को इंस्पेक्टर राम के साथ साथ रणवीर के ड्राइवर, श्याम बन कर दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है। इन दोहरी भूमिका के साथ-साथ वो रणवीर की बेटी, काजल (शिल्पा शेट्टी) के साथ भी चक्कर चलाते रहता है। वहीं श्याम का एक और दोस्त, गुरु (शेखर सुमन) श्याम और राम की माँ का बनने का नाटक करते रहता है। किसी तरह टीटू और टोनी को पता चल जाता है कि श्याम बाहर आ चुका है और हीरा पुलिस मुख्यालय के अंदर ही कहीं छिपाया गया है। वे दोनों चाय बेचने वाले बन कर आते हैं और श्याम को धमकाने की कोशिश करते हैं, पर वो उन पर हमला करते हुए उन्हें भगा देता है। श्याम और उसके दोस्त मिल कर ऐसा दिखाने का योजना बनाते हैं कि रणवीर का भी कोई हमशक्ल है। वे लोग उसे रघु नाम देते हैं, जो एक ड्रग तस्कर है।

सिर्फ काजल ही श्याम और राम के सही पहचान के बारे में जानते रहती है और जब ये बात रणवीर को पता चलती है तो वो गुस्से में आ जाता है। टीटू और टोनी को रणवीर के असल हमशक्ल रघु स्वामी (परेश रावल) मिल जाता है। वे लोग उसे रणवीर बना कर पुलिस के मुख्यालय से हीरा चुराने का प्लान बनाते हैं। श्याम को उन दोनों के योजना का पता चल जाता है। श्याम उस हीरे को लेकर भाग जाता है और वो दोनों उसका पीछा करते रहते हैं। जब उन लोगों में लड़ाई शुरू हो जाती है, तभी पुलिस आ जाती है और इसी बीच श्याम को गोली लग जाती है और वो जॉनी को गोली मार देता है। वे दोनों ऐसा दिखाते हैं कि वे मर चुके हैं। टीटू और टोनी को गिरफ्तार कर लिया जाता है। पांडे को पता चलता है कि जिस गन से श्याम और जॉनी एक दूसरे को गोली मारे थे, वो नकली है।

हवाई अड्डे पर पांडे और रणवीर मिल कर लंदन जाती हुई काजल को अलविदा करते आते हैं। उनकी मुलाक़ात तीन सिखों (जो असल में गुरु, श्याम और जॉनी हैं) से होती है। पांडे फिर शक करता है कि ये श्याम है और उसका कोई जुड़वा भाई मौजूद नहीं है। पर उसके कुछ ही पल बाद उसे अपना ही एक हमशक्ल दिखाई देता है। अंत में दिखाया जाता है कि काजल को श्याम एक अंगूठी पहनाता है, जो दिखाता है कि वे दोनों लंदन में शादी करने वाले हैं।

कलाकार

संगीत

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