चुंबकीय प्रतिष्टम्भ
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चुंबकीय प्रतिष्टम्भ (Magnetic reluctance), चुम्बकीय परिपथों के विश्लेषण में प्रयुक्त एक कांसेप्ट है। जिस प्रकार विद्युत परिपथ में वोल्टता को प्रतिरोध से विभाजित करने पर धारा प्राप्त होती है, उसी प्रकार चुम्बकीय परिपथ में चुम्बकीय वाहक बल (मैग्नेटोमोटिव फोर्स) को प्रतिष्टम्भ से भाग देने पर चुम्बकीय फ्लक्स प्राप्त होता है। लेकिन प्रतिष्टम्भ में कोई ऊर्जा नष्ट नहीं होती जैसे प्रतिरोध में होती है। बल्कि इसमें चुम्बकीय ऊर्जा भण्डारित की जाती है। जिस प्रकार किसी बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक जाने के लिये धारा कम प्रतिरोध का मार्ग पसन्द करती है, उसी प्रकार चुम्बकीय फ्लक्स भी कम प्रतिष्तम्भ के मार्ग से जाना पसन्द करता है।
प्रतिष्टम्भ की ईकाई इन्वर्स हेनरी (H−1) है। किसी पथ का प्रतिष्टम्भ निम्नलिखित सूत्र से निकाला जाता है-
- <math>\mathcal R = \frac{l}{\mu_0 \mu_r A}</math>
या
- <math>\mathcal R = \frac{l}{\mu A}</math>
जहाँ
- l चुम्बकीय पथ की लम्बाई, मीटर
- <math>\mu_0</math> निर्वात की पारगम्यता, (<math>4 \pi \times 10^{-7}</math> हेनरी प्रति मीटर)
- <math>\mu_r</math> आपेक्षिक पारगम्यता (वीमा रहित)
- A चुम्बकीय पथ का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल वर्ग मीटर
विद्युत परिपथ और चुम्बकीय परिपथ में समानता
विद्युत परिपथ | चुम्बकीय परिपथ |
---|---|
विद्युत धारा <math> I \,</math> | चुम्बकीय फ्लक्स <math> \varphi \,</math> |
प्रतिरोध <math> R \,</math> | प्रतिष्टम्भ <math> \mathcal{R} \,</math> |
चालकता <math> \sigma \,</math> | चुम्बकीय पारगम्यता <math> \mu \,</math> |
विद्युतवाहक बल <math> E \,</math> | चुम्बकीय वाहक बल <math> \mathcal{F} \,</math> ou <math> \sum nI \,</math> |
ओम का नियम <math> E = R \cdot I \,</math> | हॉपकिन्सन का नियम <math> \mathcal{F} = \mathcal{R} \cdot \varphi \,</math> |