चकिया, उत्तर प्रदेश
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शहर | |
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देश | साँचा:flag |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिला | चंदौली |
ऊँचाई | साँचा:infobox settlement/lengthdisp |
जनसंख्या (2001) | |
• कुल | १३,६६७ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषा | |
• आधिकारिक | हिन्दी |
समय मण्डल | भा॰ मा॰ स॰ (यूटीसी+5:30) |
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चकिया एक नगर पंचायत है जो उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी मंडल के चंदौली जिले में स्थित है। चकिया एक तहसील भी है जिसका मुख्यालय चकिया नगर है।
भूगोल
चकिया 25.05° N 83.22° E में स्थित है। नगर औसतन 78 मीटर (255 फुट) की ऊँचाई पर स्थित है। क्षेत्र विंध्य पहाड़ियों में बसा है. नगर के समीप ही प्रसिद्ध चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य है (जो चकिया से लगभग 15 किलोमीटर तथा वाराणसी से लगभग 55 किलोमीटर दूरी पर स्थित है)।
इतिहास
ब्रिटिश भारत में चकिया बनारस राज्य का हिस्सा था, और मिर्जापुर जिले के तहसीलों में से एक था। चकिया के एक ओर विंध्य पठार तो दूसरी ओर गंगा के मैदानी इलाके हैं। तहसील का बड़ा हिस्सा विंध्य पठार में स्थित है। इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है, और मुख्य रूप से चावल और गेहूँ का उत्पादन होता है। पठार के अंदर मुख्यतया चंद्रप्रभा अभयारण्य है। कर्मनाशा, चंद्रप्रभा और गरई नदियों से तहसील सिंचित है।
जनसंख्या
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार[२], चकिया नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 17,356 थी, जिसमें 8,306 महिलाएं और 9,050 पुरुष थे। 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की जनसंख्या 2,440 थी जो नगर पंचायत की कुल जनसंख्या का 14.06% है। नगर की साक्षरता दर 75.9% जो राज्य की साक्षरता दर 67.68% अधिक था। महिला साक्षरता दर 69.91% जबकि पुरुष साक्षरता दर 81.43% के आस-पास थी।
दर्शनीय स्थल
- चन्द्रप्रभा अभयारण्य - अभयारण्य अपने वन्य और पादप जीवन और दो झरने, राजदरी और देवदरी, और एक जलाशय के लिए प्रसिद्ध है।
- लतीफ-शाह बांध - यह बांध 1921 में बन कर तैयार हुआ जो भारत के सबसे पुराने बांधों में से एक है; यह कर्मनाशा नदी पर बनाया गया है। बांध के द्वारा बनाया गया जलाशय सिंचाई और मानव उपभोग के लिए मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है।
- काली मंदिर - देवी काली को समर्पित मंदिर 16 वीं सदी में बनारस स्टेट के राजा ने बनवाया था। मंदिर परिसर में एक बड़ा तालाब भी शामिल है।
- बनारस स्टेट के राजा बलवंत सिंह द्वारा निर्मित महाराजा क़िला - एक छोटा सा किला शिकार के दौरे के दौरान आराम करने के लिए।
- मूसाखांड - कर्मनाशा पर ही बने इस बांध के द्वारा बनाई गई जलाशय सिंचाई और मानव उपभोग के लिए मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है।
- जगेश्वर नाथ मंदिर - यह मंदिर चंद्रप्रभा के तट पर स्थित भगवान शिव को समर्पित है।
यातायात
चकिया निकटतम रेलवे स्टेशन (मुगल सराय) से लगभग 29 किमी दूर है। निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी (लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) है। बस सेवा (वाराणसी, सोनभद्र, और चंदौली सहित) पास के प्रमुख शहरों के लिए उपलब्ध है।
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite web