गोंडी भाषा
गोंडी (खौइ़तौल़ु) | |
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बोलने का स्थान | – |
तिथि / काल | 2011 की जनगणना |
क्षेत्र | – |
समुदाय | गोंड |
मातृभाषी वक्ता | लगभग ३० लाख |
भाषा परिवार |
द्रविड़
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लिपि |
Gunjala Gondi Lipi गोंडी लिपि देवनागरी, तेलुगु लिपि |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-2 | gon |
आइएसओ 639-3 |
gon – Macrolanguage individual codes: gno – उत्तरी गोंडी esg – अहेरी गोंडी wsg – अदिलाबाद गोंडी |
साँचा:location map |
गोंडी भाषा भारत के मध्य प्रदेश (मुख्यतः शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा), छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात आदि में बोली जाने वाली भाषा है। यह दक्षिण-केन्द्रीय द्रविण भाषा है। इसके बोलने वालों की संख्या लगभग २० लाख है जो मुख्यतः गोंड जनजाति के हैं। लगभग आधे गोंडी लोग अभी भी यह भाषा बोलते हैं। गोंडी भाषा में समृद्ध लोकसाहित्य, जैसे विवाह-गीत एवं कहावतें, हैं।
परिचय
गोंडी भाषा (प्राकृति भाषा) गोंड आदिवासियों की भाषा है। यह भाषा प्राचीन भाषा है । कहा जाता है कि जब पृथ्वी की उत्पती हुई और इस पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म हुआ तब यह भाषा का भी जन्म हुआ। सर्वप्रथम पारीकुपार लिंगो ने इस भाषा को और भी विस्तारित किया। तत्पश्चात अनेक भाषाविद महापुरूषो का इस धरती पर अवतारण हुआ और भाषा का रूपातंरण भी होता रहा है।
गोंडी ने, तेलगु, तमिल, मलयालम, संस्कृत, कन्नड, मराठी, उडिया, हिन्दी, और अनेक भाषाओं का रूप धारण कर लिया। अज इस भाषा को बोलने वाले की संख्या भारत और आस्ट्रेलिया समेत अनेक देशों में गोंडी भाषा बोलचाल के रूप में प्रयोग हो रहा है। भारत के मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़िसा, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक में जनजातिय क्षेत्र में लाखों की संख्या में गोंडी भाषा को दैनिक बोलचाल के रूप में लाया जाता है। गोंडी भाषा विश्व के भाषाओं में गिनती की जाती है गोंडी भाषा का सरकारी अभिलेखों में उपयोग नहीं करने की वजह से अब धीरे-धीरे यह प्राचीन भाषा प्रायः विलुप्त के कगार पर खड़ी है। और धीरे-धीरे धरती की धरातल से गोंडी भाषा अब समाप्ति की ओर है किन्तु इस भूभाग की प्राचीन भाषा की विस्तार के लिये गोंडवाना मुक्ति सेना विगत कई वर्षों से गोंडी भाषा की प्रचार-प्रसार में जुटे हुये हैं। गोंडी भाषा को गोंडी लिपि में बालाघाट जिले के भावसिंह मसराम ने वर्ष 1957 में प्रकाशित किया था उक्त लिपि को व्यापक रूप से समर्थन मिल रहा है। और जो लोग गोंडी भाषा को नहीं जान पाये थे अर्थात भूल गये थे, अब सीखने और जानने का प्रयास कर रहे हैं।
गोंडी भाषा का एक उदाहरण:
- कोयटायण खण्डाक ता नालूंग भीड़ीना नालूंग कोर।
- कोयमूरी दीप ता खण्डागे उम्मो गुटटा येरगुटटा कोर।
- सयमालगुटटा अयफोका गुटटा नालूं भीडी नांल्परोर।।
- डंगूर मटटांग ढोडांग वलीतार कोडापरो आसी सवार।
- लिंगो बाबा नीवा जयजोहार जयजोहार जयजोहार।।
लिपि
गोंडी प्रायः देवनागरी तथा तेलुगु लिपियों में लिखी जाती है किन्तु इसके लिए गोंडी लिपि भी मौजूद है। गोंडी लिपि की डिजाइन सन् १९२८ में एक गोण्ड ने ही की थी। सप्ताह के दिनों के नाम, महीनों के नाम, गोण्ड त्यौहारों के नाम गोण्ड लिपि में प्राप्त हुए थे।
अधिकांश गोण्ड लोग अशिक्षित हैं अतः कोई लिपि प्रयोग नहीं करते।
कुछ गोण्डी वाक्य
- वड़क्कम (नमस्ते) (जब आपको प्यार से बुलाता हो। कुछ क्षेत्रों में वड़ाका" कहते हैं जिसका अर्थ इंग्लिश में you are welcome होता है।)
- वड़क्कम (नमस्ते) ;
- सेवा सेवा (आदि गुरु की जय)
- मोहन हाटुम हत्तोर (मोहन बजार गया है।)
- नना कैमुल नाटोर आंदान। ( मै कैमुल गाव में रहता हूँ।)
- नीमा बातांग किन्तोन? (आप क्या कर रहे हैं?)
- नना पुस्तक वाचे किन्तोना। (मैं किताब पढ़ रहा हूँ।)
- ईगा वड़ा (इधर आओ)
- निया नाम बरा एय्यू (आपका नाम क्या है)
- इमा बच्चो घड़ी हंदकी (आप किस समय जाएंगे)
- निया नाटे बरा ऐय्यू (आप के गांव में क्या है?)
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- गोंडि डिक्सनरी (गोण्डी-तेलुगु-अंग्रेजी-हिन्दी-मराठी शब्दकोश)
- गोंडी-अंग्रेजी-हिन्दी-मराठी-तेलुगु शब्दकोश (हिन्दी विक्शनरी)
- गोंडि डिक्शनरी (गोंडि-अंग्रेजी-हिन्दी-तेलुगु)
- गोंडी-हिन्दी शब्दकोश (मध्यभारत के गोंड समाज द्वारा तैयार हुआ)
- Parable of the prodigal son in Gondi language, (Audio recording dated 1917)
- Specimen of the languages of the Gond tribes
- पिहले बात (गोंडी सीखने के लिए गोंडी-हिन्दी-अंग्रेजी वाक्य)