गुड़िया
गुड़िया एक प्रकार की मनुष्याकृति होती है। गुड़िया का अस्तित्व मानव सभ्यता के प्रारंभ से ही रहा है और विभिन्न पदार्थों जैसे पत्थर, मिट्टी, लकड़ी, हड्डी, कपड़े और कागज से लेकर पोर्सलिन, चीनी मिट्टी, रबर और प्लास्टिक तक से इसका निर्माण होता रहा है।
यद्यपि पारंपरिक रूप से गुड़िया बच्चों का खिलौना रही है परंतु वयस्क भी गृह-विरही महत्व, सुंदरता, ऐतिहासिक महत्त्व या आर्थिक महत्त्व के कारण अपने संग्रह करते हैं। प्राचीन काल में, गुड़ियों का उपयोग देव रूप में किया जाता था और धार्मिक उत्सवों, तथा धार्मिक अनुष्ठानों में इसकी मुख्य भूमिका हुआ करती थी। सजीव दिखने वाली या शरीर-रचना की दृष्टि से सही गुड़िया का उपयोग स्वास्थ्यकर्मियों, चिकित्सकीय विद्यालयों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा विभिन्न स्वास्थ्य प्रक्रियाओं या चिकित्सकों को प्रशिक्षण देने में या बच्चों के साथ हुए यौन दुराचारों के मामलों की छानबीन करने में किया जाता है। कभी-कभी कलाकार इसका उपयोग मानव आकृति बनाने के लिए करते हैं। गतिशील (एक्शन) शारीरिक आकृतियां सुपरहीरोज और उनके पूर्ववर्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, एक्शन गुड़िया खास तौर पर लड़कों में लोकप्रिय होती हैं।[१]
इतिहास
पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि गुड़िया प्राचीनतम ज्ञात खिलौने का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका प्रमाण है मिस्र के कब्रों से 2000 बीसीइ (BCE). के गुड़ियों का पाया जाना. मिस्र में और साथ ही यूनान और रोम में, बच्चों की कब्रों से उनका पाया जाना आम है। अधिकतर गुड़ियां लकड़ी की बनी पाई गई हैं, यद्यपि अमीर परिवारों के बच्चों की कब्रों में पकी मिट्टी की गुड़ियां रखी जाती थीं। हिलने वाले अंगों तथा बदले जा सकने वाले कपड़ों वाली गुड़ियां २०० बीसीइ (BCE) से मिलती हैं।
रोमन गुड़िया निर्माताओं को मिश्रियों और यूनानियों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल जारी रखा, लेकिन उनकी संस्कृति का कलात्मक संवेदनशीलता के साथ कतार में है, वे लगातार गुड़िया और अधिक सुरुचिपूर्ण और सुंदर बनाने की कोशिश कर रहे थे। रोम के प्राती से पायी गई गुड़िया हाथी दांत की बनी है और वह अट्ठारह वर्ष की उम्र में मृत अपने मालिक के बगल में लेटी पायी गई थी। गुड़िया के बगल में हाथी दांत से ही बना हुआ एक छोटा बक्सा था, जिसमें छोटी-छोटी कंघियां और चांदी का एक दर्पण पाया गया। गुड़िए की उंगलियों में अंगूठियां थीं और उसने एक छोटी सी चाबी पकड़ रखी थी, जिससे बक्सा़ खोला गया। आज के बच्चों की तरह रोमन सभ्यता के बच्चे भी अपनी गुड़ियों को कपड़े पहनाते और बदलते थे और उनके केश एवं उंगलियों को उस जमाने के आधुनिक फैशन के अनुसार अलंकृत करते थे।
कालांतर में यूरोप गुड़िया निर्माण का केन्द्र बन गया। वाल गार्डेना के लकड़ी की नग्न पेग गुड़िया बहुत ही लोकप्रिय थी। अमेरिका में गुड़िया निर्माण, गृह-युद्ध के बाद 1860 के दशक में उद्योग के रूप में विकसित हुआ।[२] द्वितीय विश्वक युद्ध के बाद प्लास्टिक के विकास से नए प्रकार की गुड़ियों के निर्माण का चलन आरंभ हुआ और उनकी कीमतें कम हुईं.
आज इंटरनेट ने काल्पनिक गुड़ियों का चलन शुरू किया है, जिन्हें स्टारडाल जैसे वेबसाईटों पर, जिसके 1.7 करोड़ सदस्य हैं, डिजायन किया जा सकता है, सजाया-संवारा जा सकता है और उनके साथ खेला जा सकता है।
सदियों से गुड़ियों का निर्माण हर संभव पदार्थों द्वार किया जाता रहा है। जैसे- बिस्का, सेल्युलॉईड, चीनी मिट्टी, कपड़ा, भुट्टे का खोल, कागज, प्लास्टिक पॉलीमर क्ले, पोर्सलिन, राल, रबर, विनाइल, मोम, लकड़ी, हड्डी, हाथी दांत, पेपियॅमाशे, चमड़ा इत्यादि.
लिंग असमानता
पश्चिमी समाज में, खिलौनों के चयन में लिंग असमानता पायी गई है और इसपर अध्ययन भी हुआ है। मार-धाड़ जैसे पारंपरिक पौरूष के लक्षण वाले खिलौने लड़कों में अधिक लोकप्रिय रहे, जिनके द्वारा औजारों, परिवहन, गराज, मशीनों एवं सैन्य उपकारणों से संबंधित खिलौने चुनने की अधिक संभावना होती है। लड़कियों की गुड़िया प्राय: नारी-सुलभ लक्षण दर्शाती है और वस्त्र, रसोई उपकरणों, बर्तनों, फर्नीचर और गहनों के साथ मिलती हैं।[३][४][५]
गुड़ियों के अस्पताल
गुड़ियों का अस्पताल एक प्रकार की कार्यशाला है, जो मुख्य रूप से पुरानी और कलात्मक गुड़ियों जैसे बिस्क और चीनी गुड़ियों तथा आरंभिक-मध्य बीसवीं शताब्दी की संघटन गुड़ियों की पुनर्रचना अथवा मरम्मत के लिए होती है, किंतु इन दिनों अब इसमें नए कठोर प्लास्टिक तथा विनाइल निर्मित गुड़िया भी शामिल की जाती हैं।[६] इस प्रकार के अनेक केन्द्रों में टेडी बीयर की भी मरम्मत की जाती है।[७]
गुड़ियों के अस्पताल दुनिया के ज्यादातर देशों में पाए जाते हैं। गुड़ियों के प्राचीनतम अस्पतालों में से एक पुर्तगाल के लिस्बन में 1830 ई. में स्थापित किया गया था[७] और ऐसा ही एक अन्य अस्पताल ऑस्ट्रेलिया में पहली बार 1888 मेलबॉर्न में स्थापित हुआ था।[६] अमेरिका में एक गुड़िया चिकित्सक संघ स्थापित किया गया।[८] 43 वर्षों तक उत्तर पूर्वी पेरिस की अपनी दुकान में गुड़ियों की मरम्मत करने वाले हेनरी लॉने (Henri Launay) कहते हैं कि उन्होंने अपने कॅरियर के दौरान 30000 से अधिक गुड़ियों का सुधारा है। उनके ज्यादातर ग्राहक बच्चे नहीं बल्कि 50-60 साल के बुजुर्ग थे।[९]
अमेरिकन गर्ल और मैडेम एलैक्जेकन्डर जैसे कुछ गुड़िया ब्रांड अपनी गुड़ियों के लिए गुड़िया अस्पताल की सेवाएं भी उपलब्ध कराते हैं।
संग्रहकर्ताओं की गुड़ियां
पुरानी कलात्मक गुड़ियां संग्रहकर्ताओं की वस्तु होती है। ब्रू और जूम्यू (Bru और Jumeau) जैसे फ्रांसिसी निर्माताओं द्वारा बनाई गई 19वीं शताब्दी की बिस्क गुड़ियों की कीमत आज 22,000 अमेरिकन डॉलर है।[९]
कला के रूप में गुड़िया
गुड़ियों ने हमेशा ही दुनिया भर की संस्कृतियों में लोक कला का सृजन किया है और बीसवीं शताब्दी में इन्हें उच्चस्तरीय कला के रूप में स्वीकार किया जाने लगा। कलाकार हैन्सन बेलमर ने अतियथार्थवादी गुड़ियों का निर्माण किया जिनमें 1930 और 1940 के दशकों में जर्मनी के नाजी दल के शुद्ध आर्यन शरीर को मूर्तिमान किए जाने के विरूद्ध अदल-बदल किए जा सकने वाले अंग होते थे।[१०] ईस्ट विलेज की कलाकार ग्रीयर लैंकटन 1980 के दशक में नाट्यशाला की खिड़कियों में प्रदर्शित किए जाने वाली गुड़ियों के लिए विख्यात थीं, जिनमें मादक पदार्थ सेवन करने वाली, क्षुधा-नाशक और उत्परिवर्ती गुड़िया होती थी।[११]
गुड़ियों के उल्लेखनीय प्रकार
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त्योहारों और प्रदर्शन
- हिनामत्सुरी (जापानी गुड़िया का त्योहार)
इन्हें भी देखें
- भरवां पशु
- टेडी - बेअर
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- वी एंड ए म्यूज़ियम ऑफ़ चाइल्डहुड में गुड़िया
- कनाडा के सभ्यता का संग्रहालय - कनाडा में गुड़ियों की कहानी
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- ↑ साँचा:cite journal
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- ↑ साँचा:cite book
- ↑ अ आ डौलिंग आउट ट्रीटमेंट स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 22-2-2010 को अभिगम
- ↑ अ आ लिस्बन डाल हॉस्पिटल ट्रीट्स ओनर्स ब्लूज़ टू 22-2-2010 को अभिगम
- ↑ डाल डॉक्टर के एसोसिएशन स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 22-2-2010 को अभिगम
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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