गामा लियोनिस तारा

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सिंह (लियो) तारामंडल में गामा लियोनिस तारा 'γ' द्वारा नामांकित है
गामा१ लियोनिस बी ग्रह का एक काल्पनिक चित्रण

गामा लियोनिस, जिसका बायर नाम भी यही (γ Leonis या γ Leo) है, सिंह तारामंडल में स्थित एक द्वितारा है (जो बिना दूरबीन से देखने पर एक ही तारा प्रतीत होता है)। इस जोड़े का अधिक रोशन तारा पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ७३वाँ सब से रोशन तारा है। पृथ्वी से देखी गई इसकी चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +२.२८ मैग्नीट्यूड है और दोनों तारों की चमक मिलाकर +१.९८ मैग्नीट्यूड है (ध्यान दें की मैग्नीट्यूड ऐसा उल्टा माप है जो जितना अधिक हो तारा उतना ही कम रोशन होता है)। यह द्वितारा पृथ्वी से लगभग १२६ प्रकाश वर्ष की दूरी पर है।

अन्य भाषाओँ में

गामा लियोनिस तारे को अंग्रेज़ी में "ऐलझ़ीबाह" (Algieba) कहते है - इस नाम में 'झ़' के उच्चारण पर ध्यान दें क्योंकि यह 'झ' और 'ज़' दोनों से भिन्न है। यह अरबी के "अल-जबहाह" (الجبهة‎) से लिया गया है, जिसका अर्थ "माथा" है। इस से मिलता-जुलता शब्द "जबीन" हिंदी में भी प्रयोग होता है, उदाहरण के लिए "महजबीन" (चाँद जैसे माथे वाली स्त्री) और "ज़ोहरा-जबीन" (खिले हुए फूल की तरह रोशन माथे वाली स्त्री, यह शब्द प्रसिद्ध हिंदी गाने "ऐ मेरी ज़ोहराजबीं" की पहली पंक्ति में आता है)।

विवरण

गामा लियोनिस का मुख्य तारा, जिसे γ1 Leo बायर नाम दिया जाता है, एक लाल-नारंगी रंग का K0 IIIb श्रेणी वाला दानव तारा है। इसका द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज के द्रव्यमान का १.२३ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का ३० गुना है। इसकी निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की लगभग १८० गुना है। इसका सतही तापमान ४,४७० कैल्विन है। इसका साथी तारा (γ2) एक हरे-पीले रंग का G7 IIICN-I श्रेणी वाला दानव तारा है। साथी तारे का द्रव्यमान ठीक तरह अनुमानित नहीं है लेकिन इसका व्यास सूरज का १० गुना है। इसकी निहित चमक सूरज की ५० गुना और सतही तापमान ४,९८० कैल्विन है। यह दोनों तारे एक दूसरे से लगभग १७० खगोलीय इकाईयों दूर स्थित है और एक-दूसरे की परिक्रमा कर रहें हैं। लगभग हर ५०० वर्षों से कुछ अधिक में यह एक परिक्रमा पूरी कर लेते हैं। दोनों तारों के केन्द्रीय भाग का हाइड्रोजन इंधन ख़त्म हो चुका है जिस से केंद्र में हाइड्रोजन का नाभिकीय संलयन (न्यूक्लीयर फ्यूज़न) ठप्प पड़ चुका है और दोनों तारे फूलकर दानव बन गए हैं। संभव है कि अब यह अपने केन्द्रों में हीलियम का संलयन करना शुरू कर चुके हैं।

ग्रहीय मंडल

नवम्बर २००९ में खगोलशास्त्रीयों ने घोषणा करी कि गामा लियोनिस के मुख्य तारे के इर्द-गिर्द एक ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करता हुआ मिला है।[१] फिर यह भी ज्ञात हुआ कि संभव है कि एक दूसरा ग्रह भी इस तारे की परिक्रमा कर रहा हो। पहले ग्रह को "गामा१ लियोनिस बी" (γ1b) का नाम दिया गया और दूसरे ग्रह को "गामा१ लियोनिस सी" (γ1c)। γ1b का द्रव्यमान बृहस्पति ग्रह का ८.७८ गुना अनुमानित किया गया है और अंदाज़ा है कि यह हर ४२९ दिनों में अपने तारे की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है, जबकि γ1c का द्रव्यमान बृहस्पति का २.१४ गुना और इसकी एक परिक्रमा पूरी करने की अवधि १,३४० दिन अनुमानित की गई है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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