खगोलीय विषुवत

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
खगोलीय विषुवत वृत्तभूमध्य रेखा के ठीक ऊपर है और सूर्यपथ से २३.४ डिग्री के कोण पर है

खगोलशास्त्र में खगोलीय विषुवत वृत्त भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर आसमान में काल्पनिक खगोलीय गोले पर एक काल्पनिक महावृत्त (ग्रेट सर्कल) है।

पृथ्वी के उत्तरी भाग (यानि उत्तरी गोलार्ध या हॅमिस्फ़ेयर) में रहने वाले अगर खगोलीय विषुवत वृत्त की तरफ़ देखना चाहें तो आसमान में दक्षिण की दिशा में देखेंगे। उसी तरह पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में रहने वाले खगोलीय मध्य रेखा की तरफ़ देखने के लिए आकाश में उत्तर की तरफ़ देखेंगे। पृथ्वी के भूमध्य में रहने वाले खगोलीय विषुवत वृत्त की ओर देखने के लिए ठीक अपने सिर के ऊपर देखेंगे। खगोलीय विषुवत वृत्त से खगोलीय वस्तुओं के स्थानों के बारे में बताना आसान हो जाता है। उदहारण के लिए हम कह सकते हैं के ख़रगोश तारामंडल खगोलीय विषुवत वृत्त के दक्षिण में है।

सिद्धान्त ग्रंथो और भारतीय खगोलशास्त्र में

सिद्धांत शिरोमणि इत्यादि ग्रंथो में इसका उल्लेख नाडिवृत्त या नाडीमंडल के नाम से है। [१] [२]


अन्य भाषाओँ में

"खगोलीय मध्य रेखा" को अंग्रेज़ी में "सॅलॅस्टियल इक्वेटर" (celestial equator) कहते हैं। "खगोलीय गोले" को अंग्रेज़ी में "सॅलॅस्टियल स्फ़ेयर" (celestial sphere), फ़ारसी में "करा-ए-आसमान" (کره آسمان‎) और बंगाली में "ख-गोलोक" (খ-গোলক) कहते हैं।

सूर्यपथ से कोण

क्योंकि अपने कक्षा में सूरज की परिक्रमा करती हुई पृथ्वी का अक्ष (ऐक्सिस) २३.४° के कोण (ऐंगल) पर है इसलिए यही कोण सूर्यपथ (ऍक्लिप्टिक) और खगोलीय मध्य रेखा में भी है।

इसे भी देखें

सन्दर्भ