क्षेत्रीय शक्ति
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में क्षेत्रीय शक्ति उस राज्य को माना जाता है जो दुनिया के किसी भौगोलिक क्षेत्र विशेष के भीतर अद्वितीय शक्ति और प्रभाव रखता है।[१][२] जैसे भारत दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय शक्ति हैं।
विशेषताएँ
क्षेत्रीय शक्तियां एक क्षेत्रीय भूभाग में ध्रुवीयता का निर्माण करती हैं। आमतौर पर, क्षेत्रीय शक्तियां क्षेत्र विशेष में महत्वपूर्ण क्षमताएं रखती हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर ये क्षमताएं उतना महत्व नहीं रखती है। राजनीतिक अनुसंधान के लिए यूरोपीय सहायता संघ (European Consortium for Political Research) ने क्षेत्रीय शक्ति को इस प्रकार परिभाषित किया है: "एक राज्य जो एक भौगोलिक रूप से परिभाषित क्षेत्र से संबंधित हो, आर्थिक और सैन्य दृष्टि से इस क्षेत्र में दबदबा रखता हो, जो इस क्षेत्र में वर्चस्व रूपी प्रभाव और विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखता हो, जो शक्ति के संसाधनों का उपयोग करने के लिए तैयार हो और उसके पड़ोसी देशों द्वारा उसे क्षेत्रीय नेता के रूप में मान्यता प्राप्त हो या फिर क्षेत्रीय नेता स्वीकार किया गया हो।
जर्मन वैश्विक और क्षेत्रिय अध्ययन संस्थान (German Institute of Global and Area Studies) ने कहा है कि एक क्षेत्रीय शक्ति चाहिए कि वो:
- अपनी पहचान के साथ एक परिभाषित क्षेत्र का हिस्सा हो।
- एक क्षेत्रीय शक्ति होने का दावा करे। (एक क्षेत्रीय शक्ति की आत्म - छवि)
- क्षेत्र के भौगोलिक विस्तार और विचारधारात्मक निर्माण में निर्णायक प्रभाव डालता हो।
- अपेक्षाकृत उच्च सैन्य, आर्थिक, भौगोलिक, राजनीतिक और विचारधारात्मक क्षमताएं रखता हो।
- इस क्षेत्र में अच्छी तरह से एकीकृत हो।
- क्षेत्रीय सुरक्षा के एजेंडे को उच्च स्तर पर परिभाषित करे।
- क्षेत्र में उस क्षेत्र की अन्य क्षेत्रीय शक्तियों और विशेष रूप से उस क्षेत्र परे अन्य क्षेत्रीय शक्तियों द्वारा एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में की सराहना प्राप्त हो।
- क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हो।[३]