कोलंबो योजना
एशिया और प्रशांत में सहकारी आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कोलंबो योजना |
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कोलंबो योजना के वर्तमान (नीले) और भूतपूर्व (पीले) सदस्य।
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मुख्यालय | साँचा:nowrap | |||
आधिकारिक भाषाएँ | अंग्रेजी | |||
प्रकार | आर्थिक मंच | |||
सदस्य देश | साँचा:collapsible list साँचा:collapsible list | |||
नेताओं | ||||
- | महासचिव | साँचा:nowrap | ||
स्थापना | ||||
- | गठनa | 28 नवंबर 1950 | ||
- | शुरुवात | 1 जुलाई 1951 | ||
जालस्थल http://www.colombo-plan.org/ |
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साँचा:lower | "दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में सहकारी आर्थिक विकास के लिए कोलंबो योजना" के रूप में। |
कोलंबो योजना (अंग्रेजी: Colombo Plan) एक क्षेत्रीय संगठन है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सदस्य देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गये सामूहिक अंतरसरकारी प्रयासों की व्याख्या करता है। कोलंबो योजना से संबंधित सभी गतिविधियों के केन्द्र में मानव संसाधनों का विकास है। कोलंबो योजना ऐसा कोई एकीकृत मास्टर प्लान नहीं है, जिसके अनुसार राष्ट्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन हो। इसके बजाय, यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए विदेशी सहायता और तकनीकी सहायता से जुड़ी द्विपक्षीय व्यवस्थाओं का एक ढांचा है।
इतिहास
1949 में, के एम पणिक्कर (चीन में भारत के पहले राजदूत), ने ब्रिटिश और ऑस्ट्रेलियाई राजदूतों को एक बहुपक्षीय निधि के गठन का प्रस्ताव दिया ताकि दक्षिण-पूर्व एशिया के देश अपने देशों में कम्युनिस्ट आंदोलनों से निपट सकें। संयुक्त राज्य अमेरिका अभी तक संगठन को सहायता प्रदान करने वाला सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।
औपचारिक रूप से, संगठन का जन्म जनवरी 1950 में कोलंबो, सीलोन (अब श्रीलंका) में आयोजित विदेश मंत्रियों के एक राष्ट्रमंडल सम्मेलन में हुआ था। इस बैठक में, एक योजना की रूपरेखा तैयार की गयी थी जिसके द्वारा, अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रयासों को बढ़ावा देकर क्षेत्र के लोगों के जीवनस्तर को बढ़ाया जा सके। शुरुवात में कोलंबो योजना की अवधि छह वर्षों के लिए निर्धारित की गयी थी उसके बाद इसे कई बार विस्तार दिया गया और 1980 के बाद तो इसे अनिश्चित काल तक बढ़ाया गया। प्रारंभ में इसे "दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में सहकारी आर्थिक विकास के लिए "कोलंबो योजना" नाम दिया गया था। सात राष्ट्रमंडल देशों, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, सीलोन, भारत, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान द्वारा शुरु हुए इस अंतर्राष्ट्रीय सरकारी संगठन के अब 27 सदस्य हैं जिनमें गैर-राष्ट्रमंडल देश भी शामिल हैं। 1977 में जब इसने नया संविधान अपनाया, तो इसकी बढ़ी हुई सदस्यता और इसकी गतिविधियों के दायरे को बढ़ाने के लिए इसका नाम बदलकर "एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सहकारी आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कोलंबो योजना" कर दिया गया।
शुरुआती वर्षों में, विकसित देशों से कोलंबो योजना की सहायता में भौतिक पूंजी और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के साथ-साथ कौशल विकास का भी एक मजबूत घटक शामिल था। इसलिए, कोलंबो योजना सहायता के माध्यम से सदस्य देशों में हवाई अड्डों, सड़कों, रेलवे, बांधों, अस्पतालों, उर्वरक संयंत्रों, सीमेंट कारखानों, विश्वविद्यालयों और स्टील मिलों के माध्यम से बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया था, साथ ही साथ बड़ी संख्या में लोगों को इस तरह के बुनियादी ढांचे और बढ़ती अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए भी प्रशिक्षित किया गया था।
संगठनात्मक संरचना
कोलंबो योजना के मुख्य अंग सलाहकार समिति, परिषद और सचिवालय हैं। परिषद और सचिवालय की प्रशासनिक लागत 27 सदस्य देशों द्वारा समान रूप से वहन की जाती है।
- सलाहकार समिति (CCM) में सभी सदस्य सरकारें शामिल हैं और यह कोलंबो योजना का सर्वोच्च समीक्षा और नीति निर्धारण निकाय है। इसकी द्विवार्षिक बैठकें सदस्य देशों के को मौजूदा विकास समस्याओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करती हैं और क्षेत्र के भीतर आर्थिक और सामाजिक विकास में कोलंबो योजना के काम की समीक्षा करती हैं।
- कोलंबो योजना परिषद में सदस्य सरकारों के राजनयिक मिशनों के प्रमुख शामिल हैं जो कोलंबो, श्रीलंका में रहते हैं। परिषद की अध्यक्षता वार्षिक रूप से सदस्य देशों के बीच एक वर्णमाला के आधार पर घूमती है। परिषद सदस्यों का सामने आने वाले महत्वपूर्ण विकास के मुद्दों की पहचान करने के लिए त्रैमासिक बैठक करती है और सलाहकार समिति के निर्णयों के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करती है।
- एक महासचिव की अध्यक्षता में कोलंबो योजना सचिवालय, 1951 से कोलंबो, श्रीलंका में स्थित है और सलाहकार समिति और परिषद के लिए सचिवालय के रूप में कार्य करता है। सचिवालय सदस्य देशों और सहयोगी एजेंसियों के साथ साझेदारी में प्रभावी प्रशासन और कोलंबो योजना के कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है।
उद्देश्य
- एशिया और प्रशांत के आर्थिक और सामाजिक विकास के हित को बढ़ावा देना;
- तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना और सदस्य देशों के बीच प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान और हस्तांतरण में सहायता करना;
- सहकारी प्रयासों के माध्यम से विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से सदस्य सरकारों, बहुपक्षीय और अन्य एजेंसियों के बीच तकनीकी सहयोग पर प्रासंगिक जानकारी की समीक्षा करना;
- दक्षिण-दक्षिण सहयोग की अवधारणा पर जोर देने के साथ क्षेत्र के भीतर सदस्य देशों के बीच विकासात्मक अनुभवों के हस्तांतरण और साझाकरण की सुविधा प्रदान करना।
शुरुवाती आलोचना
योजना शुरुवाती दौर में विभिन्न कारणों से आलोचना का पात्र बनी। कुछ एशियाई लोग तो इसे केवल ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एक अंग के रूप में देखते थे, क्योंकि यह राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता को विकसित करने की बात नहीं करती थी, साथ ही यह सभी समस्याओं के लिए चाहे वो राजनैतिक या सामाजिक ही क्यों न हों, सिर्फ आर्थिक समाधान ही प्रस्तुत करती थे। जमींदारवाद और श्रम के संगठन जैसे खतरनाक मुद्दे, जो कम्युनिस्ट शोषण को आमंत्रित करते थे उनको पूरी तरह से नज़रांदाज़ किया गया था, क्योंकि राजनीतिक रूप से यह इस तरह के सवाल उठाने में अक्षम थी।
सदस्य
वर्तमान सदस्य
वर्तमान में कोलंबो योजना के 27 सदस्य हैं, जिनमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों, गैर-राष्ट्रमंडल देशों और क्षेत्रीय समूहों से संबंधित देश जैसे आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संघ) और दक्षेस ( दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ) शामिल हैं।
सदस्य अर्थव्यवस्था | अभिगमन तिथि |
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साँचा:flag | 1963 |
साँचा:flag | 1950 |
साँचा:flag | 1972 |
साँचा:flag | 1962 |
साँचा:flag | 2008 |
साँचा:flag | 1972 |
साँचा:flag | 1950 |
साँचा:flag | 1953 |
साँचा:flag | 1966 |
साँचा:flag | 1954 |
साँचा:flag | 1962 |
साँचा:flag | 1951 |
साँचा:flag | 1957 |
साँचा:flag | 1963 |
साँचा:flag | 2004 |
साँचा:flag | 1952 |
साँचा:flag | 1952 |
साँचा:flag | 1950 |
साँचा:flag | 1950 |
साँचा:flag | 1973 |
साँचा:flag | 1954 |
साँचा:flag | 2012[१] |
साँचा:flag | 1966 |
साँचा:flag | 1950 |
साँचा:flag | 1954 |
साँचा:flag | 1951 |
साँचा:flag | 2004 |
भूतपूर्व सदस्य
कोलंबो योजना के चार भूतपूर्व सदस्यों में से दो कनाडा और संयुक्त राजशाही तो 1950 में संस्थापक सदस्य थे। दक्षिण वियतनाम 1951 में शामिल हुआ और 2 जुलाई 1976 को यह स्थान इसके उत्तराधिकारी वियतनाम समाजवादी गणतन्त्र ने ले लिया और 1978 में योजना से बाहर हो गया। वियतनाम 5 नवंबर 2001 से लेकर 18 नवंबर 2003 तक एक अस्थायी सदस्य था और 2004 में यह पूर्ण सदस्य बन गया।
सदस्य अर्थव्यवस्था | अभिगमन तिथि | सदस्यता त्याग तिथि |
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साँचा:flag | 1950 | 1992 |
साँचा:flag | 1950 | 1991 |
साँचा:flag | 1951 | 2004 |
साँचा:flag | 1951 | 1975 |
१
सन्दर्भ
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