कुशीनगर विमानपत्तन

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कुशीनगर अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (साँचा:comma separated entries)[३] [४] उत्तर प्रदेश, के कुशीनगर में स्थित है। यह  गोरखपुर हवाई अड्डे से 52 किमी पूर्व की ओर स्थित है। कुशीनगर हवाई अड्डा कई बौद्ध सांस्कृतिक स्थलों जैसे कि कपिलवस्तु (190 किमी), श्रावस्ती (238 किमी), और लुम्बिनी (195 किमी) के निकट के क्षेत्र में स्थित है।[५] इसका उद्घाटन 20 अक्टूबर 2021 को भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने किया। यह उत्तर प्रदेश का तीसरा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। [६] यह हवाई अड्डा 590 एकड़ में फैला है। जिसमें 3.2 किलोमीटर लम्बी और 46 मीटर चौड़ी एकल हवाई पट्टी है। यह बड़े आकार के विमानों को संभालने में सक्षम है।[७]यहाँ पहला अन्तरराष्ट्रीय विमान श्री लंका के कोलम्बो से 20 अक्टूबर 2021 को उतरा।[८] उड़ान के उद्घाटन के साथ पर्यटकों के आगमन में 20% तक की वृद्धि होने की उम्मीद है।[८]

इतिहास और विकास

1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय यहां हवाई पट्टी बनाई गई लेकिन तबसे यह उपेक्षित रहा।[९] 24 जून, 2020 को भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की समिति ने कुशीनगर हवाई अड्डे को एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में मान्यता देने का निर्णय लिया।[५] [१०] यह भारत का 29वां और उत्तर प्रदेश का तीसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इस हवाई अड्डे का सामरिक महत्व भी है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा पास है। कुशीनगर एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थल है, जहाँ गौतम बुद्ध ने परिनिर्वाण प्राप्त किया था। यहाँ आने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने इसे अन्तरराष्ट्रीय विमानपत्तन बनाने का निर्णय लिया है।[११] इस परियोजना के लिए 180 करोड़ रुपये की लागत से 650 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। [१२] यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा देगा।

इस हवाईअड्डे का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मिलकर किया है।[११] इसे सरकारी-निजी-सहयोग(पीपीपी) आधार पर बनाया गया है। शुरु में इस परियोजना की कीमत 370 करोड आँकी गयी थी।[१३]हाँलाँकि इसकी अनुमानित लागत 270 करोड है। [१] कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने कुशीनगर हवाई अड्डे को सीमा शुल्क अधिसूचित हवाई अड्डा घोषित किया है।[१४]

यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा देगा। फरवरी २०२१ में इस हवाईअड्डे को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (भारत) ने मंजूरी प्रदान कर दी।[१५]

20 अक्टूबर 2021 को नरेंद्र मोदी ने अभिधम्म दिवस के अवसर पर श्रीलंका से हवाईअड्डे पर आये पहली उड़ान से बौध भिक्षुओं के समक्ष इसका उद्घाटन किया।[१]

भवन व ढाँचा

करीब 600 एकड़ में बनाए गए कुशीनगर हवाईअड्डे के टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 260 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना व 3600 वर्गमीटर में फैला हुआ है। भीड़भाड़ वाले समय में यह 300 यात्रियों को सम्भालने की क्षमता रखता है।[८]


हवाईपट्टी

हवाईअड्डे पर एकमात्र हवाईपट्टी है जिसकी लंबाई साँचा:convert और चौडाई साँचा:convert है। इसकी दिशा क्रमांक 11/29 है। हवाईअड्डा पर एक साथ 5 बोइंग 747 विमान खडे किए जा सकते हैं। [१६]

विमान सेवाएँ और गंतव्य

वायुसेवाएंगंतव्य
स्पाइस जेट दिल्ली (शुरु 26 नवम्बर 2021),[९] कोलकाता (शुरु 18 दिसम्बर 2021),[९] मुम्बई (शुरु 18 दिसम्बर 2021)[९]

संदर्भ

  1. साँचा:cite news
  2. साँचा:cite web
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  5. साँचा:cite news
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  8. साँचा:cite news
  9. साँचा:cite web
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  11. साँचा:cite web
  12. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (PDF). उत्तर प्रदेश सरकार. Archived from the original (PDF) on 12 सितम्बर 2014. Retrieved 5 अगस्त 2014.
  13. साँचा:cite news
  14. साँचा:cite news
  15. साँचा:cite news
  16. साँचा:cite news