कार्ल गोटलीब फंडर
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कार्ल गोटलीब फंडर: (जन्म: 1803-1865) (अंग्रेज़ी: Karl Gottlieb Pfander) ईसाई पादरी और लेखक भी थे जो मुसलमानों से वाद-विवाद के कारण भी प्रसिद्ध हुए।
भारत में ईसाइयत के प्रचारक थे।
परिचय
कई पुस्तकों के लेखक थे, सवाल जवाब में भी पुस्तकें लिखीं।
भारत में अंतिम बहस मुबाहिसा आगरा में मौलाना रहमतुल्लाह कैरानवी और उनके सहयोगियों के साथ आगरा में 1854 में हुआ।[१][२] [३]
बाहरी कड़ियाँ=
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ अकबराबाद-आगरा में मुनाजिर का पहला इजलास,पृष्ठ 21, पुस्तक: मौलाना रहमतुल्लाह कैरानवी,लेखक मुहम्मद सलीम https://archive.org/details/Molana-Rehmatullah-Kairanvi-Intro-Short-Book-Hindil
- ↑ आजादी के मतवाले, मौलाना रहमतुल्लाह कैरनवी https://betabsamacharexpress.page/article/aajaadee-ke-matavaale-maulaana-rahamatullaah-kairanavee/FAduzZ.htmlसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ "Carl Pfander as a Writer"-Muslim Response to Missionary Activities in India (1800-1900 AD), M.Abdullah https://iri.aiou.edu.pk/indexing/wp-content/uploads/2016/07/Muslim-Response-to-Missionary-2.pdf