करील

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करील की झाड़ी
करील का कच्चा हरा फल
करील का पका लाल फल

करील (करीर )[१]यह एक प्रसिद्ध काँटेदार झाँड़ी है जिसमें पत्ते नहीं होते।[२]यह कंकरीली भूमि में उगने वाली झाड़ी है। यह उष्ण जलवायु का पादप है। जिस समय करील की झाड़ी में पुष्प और फल लगते हैं उस समय इसकी शोभा निराली होती है।

पत्तियां

पत्तियां काँटों के रूप में होती हैं।

फूल

इसके पुष्प चार पंखुड़ी वाले लाल रंग के होते हैं।

फल

करील के पके लाल फल

कच्चे फल हरे रंग के नीम के फल की तरह और पकने पर लाल हो जाते हैं।

उपयोग

इस वृक्ष का आयुर्वेदिक उपयोग भी बहुत अधिक है।यह डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी है। कुष्ठरोग तथा अन्य चर्मरोगों में इसका उपयोग रामबाण इलाज के लिए किया जाता है|कच्चे फलों से सब्जी , कढ़ी एवं आचार बनाया जाता है।

महाभारत में करील(करीर )

महाभारत पुस्तक ८:कर्ण पर्व के अध्याय ३० के श्लोक २४ में निम्न प्रकार उल्लेख है

  • शमी पीलु करीराणां वनेषु सुखवर्त्मसु

अपूपान सक्तु पिण्डीश च खाथन्तॊ मदितान्विताः

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. http://shabdkosh.raftaar.in/Meaning-of-करील-in-Hindi

बाहरी कड़ियाँ

https://web.archive.org/web/20190402074624/http://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B2