ओखली और मूसल
ओखली, ओखल या खरल एक ऐसे मज़बूत कटोरे को कहते हैं जिसमें एक भारी मूसल नामक गदानुमा डंडे से चीज़ें तोड़ी और पीसी जाती हैं। ओखली और मूसल अक्सर सख़्त लकड़ी या पत्थर के बने होते हैं। पीसे जाने वाली चीज़ें ओखली में डाली जाती हैं और फिर उन्हें मूसल के प्रहार से तोड़ा या मूसल के साथ रौंदकर पीसा जाता है। इसका प्रयोग मसाले बनाने, चटनियाँ बनाने और औषधि पीसने में बहुत किया जाता है। कुछ ओखलियाँ बहुत बड़ी होती हैं और पारम्परिक समाजों में उसमें खाने के पदार्थ बनाने के लिए कई गृहणियाँ मिलकर भारी मूसल चलाती हैं। बहुत सी संस्कृतियों में इसका प्रयोग दवाईयाँ बनाने के लिए होने से इसे चिकित्सा या स्वास्थ्य का चिह्न भी माना जाता है। सुश्रुत और चरक जैसे प्राचीन चिकित्सकों के द्वारा प्रयोग किये जाने की वजह से इस आयुर्वेद का भी चिह्न माना जाता है।[१]
अन्य भाषाओं में
अंग्रेज़ी में ओखली को 'मोर्टार' (mortar) और मूसल को 'पॅसल' (pestle) कहते हैं। पॅसल शब्द वास्तव में लातिनी भाषा के 'पिस्तिलम' (pistillum) जो लातिनी के ही 'पिनसेरे' (pinsere) शब्द से सम्बंधित है। लातिनी में इसका अर्थ 'कुचलकर तोड़ना' है। क्योंकि लातिनी और संस्कृत दोनों हिन्द-यूरोपीय भाषाएँ हैं, इसलिए यही शब्द सजातीय रूप में संस्कृत के 'पिनस्ती' शब्द में देखा जा सकता है जिसका हिन्दी रूप 'पीसना' है।[२]
मारवाड़ी भाषा में 'ओखली' को 'उकला' तथा 'मूसल' को 'सोबीला' कहते है, एवं पीसने की क्रिया को 'खोडना' कहा जाता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Science & culture, Volume 70, Indian Science News Association, Indian Science News Association., 2004, ... Both Charaka and Sushruta had used mortar & pestle for the preparation of medicinal agents & is the accepted symbol of Ayurveda ...
- ↑ Online Etymology Dictionary स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, ... pestle: late 13c., from O.Fr. pestel, from L. pistillum "pounder, pestle," related to pinsere "to pound," from PIE *pis-to-, suffixed form of root *peis- "to crush" (cf. Skt. pinasti "pounds, crushes," pistah "anything ground, meal ...