ओकाबा बिन नाफे
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ओकाबा बिन नाफे Uqba ibn Nafi | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
देहांत | साँचा:br separated entries |
निष्ठा | उमय्यद खिलाफत |
सेवा/शाखा | सेना |
सेवा वर्ष | 635–683 |
उपाधि | जनरल |
ओकबा बिन नाफे: Uqbah ibn Nafi (साँचा:lang-ar, ओकबा बिन नाफे का जन्म 622 ई. को हुआ था और वह बनी उमैया या उम्मयद खिलाफत की सेना के जरनल थे जिन्होंने वर्तमान पश्चिमी अल्जीरिया और मोरक्को पर विजय प्राप्त की थी। 670 में ओक़बा मिस्र के रेगिस्तान को पार करके उत्तरी अफ्रीका पहुंचे। वर्तमान ट्यूनीशिया में उन्होंने एक शहर बसाया जो वर्तमान ट्यूनीशिया की राजधानी से 160 किलोमीटर दक्षिण में आज भी मौजूद है।
उत्तरी अफ्रीका की जीत के बाद जब वह एटलांटिक महासागर तक पहुंचे तो भावनाओं में बहकर अपना घोड़ा समुद्र में डाल दिया और कहा या अल्लाह! अगर यह समुद्र मेरी राह में आड़े न आता तो धरती के अंतिम छोर तक तेरा नाम ऊंचा करता चला जाता।