एशियाई हाथी

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एशियाई हाथी[१]
IndianElephant.jpg
Scientific classification
Binomial name
ऍलिफ़स मॅक्सिमस
(लिनेअस, १७५८)
Asian Elephant range.png
एशियाई हाथी का आवास क्षेत्र
(भूरा — मूल निवास, काला — मूल अनिश्चित)
एशियाई हाथी
एशियाई हाथी की आँख का निकट का एक चित्र

एशियाई हाथी ऍलिफ़स प्रजाति की एकमात्र जीवित जाति है जो पश्चिम में भारत से लेकर पूर्व में बोर्नियो द्वीप तक पाया जाता है। इसकी तीन उपजातियाँ पहचानी जाती हैं —ऍलिफ़स मॅक्सिमस मॅक्सिमस श्रीलंका में, भारतीय हाथी (ऍलिफ़स मॅक्सिमस इन्डिकस) एशियाई मुख्यभूमि में, तथा ऍलिफ़स मॅक्सिमस सुमात्रेनस इंडोनीशिया के सुमात्रा द्वीप में।[१] एशिया में यह ज़मीन का सबसे बड़ा जीवित प्राणी है।[२]
सन् १९८६ ई. से आइ.यू.सी.ऍन. ने इसे विलुप्तप्राय जाति की सूचि में डाला है क्योंकि पिछली तीन पीढ़ियों (क़रीब ६० से ७५ वर्ष) से इसकी आबादी में ५० प्रतिशत की गिरावट पायी गई है। यह जाति वस्तुतः आवासीय क्षेत्र की कमी, अधःपतन तथा विखण्डन का शिकार हुई है।[३]सन् २००३ ई. में इसकी जंगली आबादी ४१,४१० तथा ५२,३४५ के बीच आंकी गई थी।[४]
एशियाई हाथी दीर्घायु होते हैं; सबसे लम्बी आयु ८६ वर्ष की दर्ज की गई है।साँचा:cn
सदियों से इस जानवर को दक्षिणी तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में पालतू बनाया गया है तथा इसका विभिन्न प्रकार से उपयोग किया गया है। प्राचीन भारत में इसको घोड़ों की तरह सेना में प्रयोग किया जाता था। इसको धार्मिक जुलूसों में भी इसतेमाल किया जाता है। आधुनिक काल में इसे जंगल से पेड़ों के लट्ठे ढोने के काम में लाया जाता है। इसको पर्यटकों को, तथा राष्ट्रीय उद्यानों में सवारी कराने में भी इस्तेमाल किया जाता है।[४]जंगली हाथियों को देखने के लिए विदेशी पर्यटक उन जगहों में आते हैं जहाँ उनके दिखने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है;इससे राज्य को आमदनी भी होती है, लेकिन ऐसी जगहें ख़तरनाक होती हैं क्योंकि जंगली हाथी क़ाफ़ी आक्रामक होते हैं और मनुष्य की उपस्थिति में भगदड़ मचाते हैं जिससे खेती को क़ाफ़ी नुकसान होता है और ऐसी अवस्था में हाथी गाँवों में घुसकर जान-माल को नुकसान पहुँचाते हैं।

अभिलक्षण

एशियाई हाथी अपने अफ़्रीकी रिश्तेदारों से आकार में छोटे होते हैं, इनका सर इनके शरीर का सबसे ऊँचा हिस्सा होता है। इनकी पीठ या तो उभरी होती है या समतल। इनके कान भी अफ़्रीकी हाथी की तुलना में छोटे होते हैं। इनके २० जोड़ी पसलियाँ तथा पूँछ में ३४ हड्डियाँ होती हैं। इनके पैरों में नाख़ून अधिक होते हैं - पाँच अगले पैरों में तथा चार पिछले पैरों में।[२]

आकार

बड़े नर हाथी ५,४०० कि. तक वज़नी और कन्धों तक ३.२ मी. ऊँचे हो सकते हैं। मादा हाथी ४,१६० कि. तक वज़नी और कन्धों तक २.५४ मी. तक ऊँचे हो सकती हैं। इनकी अस्थियों का वज़न शरीर के कुल वज़न का तक़रीबन १५ प्रतिशत होता है।[२]

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. साँचा:cite journal
  3. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; iucn नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  4. साँचा:cite book