एलिस मुनरो
एलिस मुनरो Alice Munro | |
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मृत्यु स्थान/समाधि | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | कनाडाई |
उल्लेखनीय सम्मान | साहित्य में नोबेल पुरस्कार (2013) |
जीवनसाथी | जेम्स मुनरो (1951–1972) गेराल्ड फ़्रेमलिन (1976–2013) |
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एलिस अन मुनरो (जन्मनाम लैडलॉ; जन्म 10 जुलाई 1931) नोबेल पुरस्कार (२०१३) से सम्मानित कनाडाई लेखिका हैं।[१][२][३] उनकी कथाभूमि पैतृक स्थल दक्षिण-पश्चिमी ओण्टारियो रही।[४] उनका "एक्सेसिबल, मूविंग स्टोरीज" (सुलभ चलती कहानियाँ) मानव की कठिनाइयों को सरलता से और सरल शैली में प्रस्तुत प्रतीत होती हैं।[५] उनका लेखन उन्हें समकालीन कथालेखन के सर्वश्रेष्ठ हस्ताक्षरों में स्थापित करता है। सिंथिया ओज़िक उन्हें "हमारी आंतोन चेखव" लिखती हैं।[६]
जीवन परिचय
एलिस मुनरो के पिता, रॉबर्ट एरिक लैडलॉ किसान थे[७] और उनकी माँ ऐनी क्लार्क लैडलॉ (जन्मनाम चमनी), अध्यापिका थीं। मुनरो ने किशोरावस्था में ही लिखना आरम्भ कर दिया था। यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टर्न ओण्टारियो की छात्रा के रूप में १९५० में उनकी प्रथम कहानी "द डाइमेंशन्स ऑफ़ ए शैडो" (छाया के आयाम) प्रकाशित हुई।
मुनरो ने १९५१ ई. में जेम्स मुनरो से विवाह किया और तीन पुत्रियों- शीला (१९५३), कैथरीन (१९५५) और जेनी (१९५७) की माँ बनी। दूसरी बेटी कैथरीन की जन्म के 15 घण्टे बाद ही मृत्यु हो गई थी।
1963 में, मुनरो-परिवार विक्टोरिया चला गया। वहाँ उन्होंने मुनरोज बुक्स नामक प्रसिद्ध किताबों की दुकान खोली जो आज भी व्यवसाय करती है। 1966 में उनकी पुत्री एंड्रिया का जन्म हुआ। एलिस और जेम्स ने 1972 में तलाक ले लिया। वो यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टर्न ओंटारियो में गृह-लेखिका बनने चली गईं। 1976 में उन्होंने भूगोलवेत्ता गेराल्ड फ़्रेमलिन से विवाह कर लिया। दम्पति क्लिंटन, ओण्टारियो से बाहर एक खेत में चले गये और उसके बाद वो एक घर में रहने लगे जहाँ अप्रैल 2013 में फ्रेमलिन का निधन हो गया।[८]
१९७९ से १९८२ में उन्होंने आस्ट्रेलिया, चीन और स्कैंडेनेविया का भ्रमण किया। १९८० में वे ब्रिटिस कोलंबिया विश्वविद्यालय और क्वींसलैंड विश्वविद्यालय दोनों में लेखिका के पद पर आसीन रहीं। अक्टूबर २००९ में टोरंटो में मुनरो ने अपने कैंसर और हृदय संबंधी चिकित्सा कराने का संकेत दिया तथा भविष्य में बाइपास सर्जरी की संभावना प्रकट की।
साहित्य सृजन
किशोरावस्था से लेखन शुरु करने वाली मुनरो की पहली कहानी 'द डाइमेंशंस ऑफ ए शेडो' १९५१ ई. में प्रकाशित हुई। उस समय वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओंटारियो में अंग्रेजी की छात्रा थीं। १९६८ में उनका पहला कहानी संकलन 'डांस ऑफ़ द हैप्पी शेड्स' प्रकाशित हुआ। यह बेहद लोकप्रीय हुआ। इसके लिए उन्हें कनाडा का सर्वोच्च साहित्य सम्मान 'गवर्नर जनरल अवार्ड' प्रदान किया गया।[९] इसके बाद १९७१ में 'लाइफ ऑफ गर्ल्स ऐंड वुमैन' (प्रकाशित हुई जिसमें कई परस्पर संबद्ध कहानियाँ हैं इस कारण कई बार इसे उपन्यास भी कहा गया। १९७८ में उनकी दूसरी संबद्ध कहानियों का संग्रह हू डू यू थिंक यू आर (टाइटल्ड द बेगर मेड: स्टोरिज ऑफ फ्लो ऐंड रोज इन द युनाइटेड स्टेट) प्रकाशित हुई जिसके लिए उन्हें दूसरी बार गवर्नर जनरल अवार्ड मिला। १९८० और १९९० के दशक में लगभग हर चार वर्ष पर उनकी कहानियों का संग्रह प्रकाशित होता रहा। उनकी कहानियाँ प्रायः द न्युयॉर्क, द अटलांटिक मंथली, ग्रांड स्ट्रीट, , मैडमोजेले और पेरिस रिव्यु में प्रकाशित होती रही। २९९६ में उनका संग्रह द भ्यु ऑफ कैसल रॉक तथा २००९ में टू मच हैप्पीनेस नाम से प्रकाशित हुआ।
पुरस्कार/सम्मान
- १९६८ में 'द गवर्नर जनरल अवॉर्ड' (कनाडा का सर्वोच्च साहित्य सम्मान) 'डांस ऑफ़ द हैप्पी शेड्स' (पहला कहानी संग्रह) के लिए।
- २००९ में मैन बुकर पुरस्कार संपूर्ण काम के लिए।
- २०१३ में साहित्य का नोबेल पुरस्कार "मास्टर ऑफ द कन्टेपररी स्टोरी" के लिए
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ साँचा:cite news
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- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ Jeanne McCulloch, Mona Simpson "Alice Munro, The Art of Fiction No. 137" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, The Paris Review #131, Summer 1994
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।