ऐंग्लो-सैक्सन
ऐंग्लो-सैक्सन (अंग्रेज़ी:Anglo-Saxon) मध्यकालीन यूरोप के कुछ जर्मैनी भाषाएँ बोलने वालीं जातियाँ थीं जिन्होनें दक्षिणी और पूर्वी ब्रिटेन में 5वी शताब्दी ईसवी में घुसकर बसना शुरू कर दिया। उन्ही की संतति से आधुनिक इंग्लैण्ड का राष्ट्र जन्मा है। इंग्लैण्ड पर उनका राज पांचवी सदी से विलियम विजयी के साथ सन् 1066 में शुरू होने वाले नॉर्मन राज तक जारी रहा। वह "पुरानी अंग्रेज़ी" (Old English) नाम की एक जर्मैनी भाषा बोला करते थे।[१]
आठवी सदी में बीड (Bede) नामक इसाई भिक्षु ने लिखा कि ऐंग्लो-सैक्सन लोग तीन क़बीलों की संतान थे:[२]
- ऐंगल लोग (Angles), जो जर्मनी के ऐन्गॅल्न (Angeln) क्षेत्र से आये थे और जिनके नाम पर आगे चलकर "इंग्लैण्ड" का नाम पड़ा। कहा जाता है कि इनका पूरा राष्ट्र ब्रिटेन आ गया और उन्होने अपने पुराने क्षेत्र को किसी कारणवश ख़ाली छोड़ दिया।
- सैक्सन लोग (Saxons), जो जर्मनी और नीदरलैण्ड के सैक्सनी (Saxony) क्षेत्र से आये थे।
- यूट लोग (Juttes), जो डेनमार्क के युटलैंड प्रायद्वीप (Jutland) से आये थे।
इंग्लैण्ड के क्षेत्र में जो लोग पहले से मौजूद थे वे कॅल्ट (Celt) जाति के थे और उन्हें इतिहास में ब्रिटन (Briton) कहा जाता है। उनकी जातियाँ आधुनिक स्कॉटलैंड और वेल्स की जातियों से मिलती-जुलती थीं। ब्रिटनों और ऐंग्लो-सैक्सनों की बहुत सी झडपें हुई और धीरे-धीरे ऐंग्लो-सैक्सनों के ब्रिटनों को इंग्लैण्ड से बाहर धकेल दिया।