उमर ख़य्याम
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उमर खय्याम साँचा:lang | |
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जन्म |
18 May[१] 1048[२] Nishapur, Khorasan (present-day Iran) |
मृत्यु |
4 December[१] 1131 (aged 83)[२] Nishapur, Khorasan (present-day Iran) |
राष्ट्रीयता | Persian |
उमर खय्याम (1048–1131) फ़ारसी साहित्यकार, गणितज्ञ एवं ज्योतिर्विद थे। इनका जन्म उत्तर-पूर्वी फ़ारस के निशाबुर (निशापुर) में 18 सदी में एक ख़ेमा बनाने वाले परिवार[३] में हुआ था। इन्होंने इस्लामी ज्योतिष को एक नई पहचान दी और इसके सुधारों के कारण सुल्तान मलिकशाह का पत्रा (तारीख़-ए-मलिकशाही), जलाली संवत या सेल्जुक संवत का आरंभ हुआ। इनकी रुबाईयों (चार पंक्तियों में लिखी एक प्रकार की कविता) को विश्व स्तरीय करने में अंग्रेज़ी कवि एडवर्ड फ़िज़्ज़ेराल का बहुत योगदान रहा है।
खय्याम ने ज्यामिति बीजगणित की स्थापना की, जिसमें उनहोने अल्जेब्रिक समीकरणों के ज्यामितीय हल प्रस्तुत किये। इसमें हाइपरबोला तथा वृत्त जैसी ज्यामितीय रचनाओं द्बारा क्यूबिक समीकरण का हल शामिल है। उन्होंने टेक्नोलोजी व्यापक द्विघात समीकरण का भी विचार दिया।
खगोलशास्त्र में कार्य करते हुए उमर खय्याम ने एक सौर वर्ष की दूरी दशमलव के छः स्थानों तक शुद्ध प्राप्त की। इस आधार पर उनहोने एक नए कैलेंडर का आविष्कार किया। उस समय की ईरानी हुकूमत ने इसे जलाली कैलेंडर के नाम से लागू किया। वर्तमान ईरानी कैलंडर जलाली कैलेंडर का ही एक मानक रूप है।
सन्दर्भ
- ↑ अ आ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;britannica
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ अ आ Seyyed Hossein Nasr and Mehdi Aminrazavi. An Anthology of Philosophy in Persia, Vol. 1: From Zoroaster to 'Umar Khayyam, I.B. Tauris in association with The Institute of Ismaili Studies, 2007.
- ↑ साँचा:cite book