उपसुंद
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
उपसुंद सुंद का छोटा भाई तथा हिरण्यकशिपु के वंशज निकुंभ अथवा निसुंद नामक राक्षस का छोटा पुत्र। सुंद तथा उपसुंद ने विंध्याचल पर कठोर तपस्या की जिससे प्रसन्न हो ब्रह्मा ने उन्हें वरदान दिया कि विश्व का कोई भी व्यक्ति उनका वध न कर सकेगा। वे मरेंगे तो परस्पर एक दूसरे के हाथ से। वरदान मिलने पर दोनों भाइयों ने अधिक अत्याचार किया कि उससे त्रस्त होकर देवताओं ने ब्रह्मा से कष्टहरण की प्रार्थना की। ब्रह्मा ने देवताओं का दु:ख मिटाने के लिए विश्वकर्मा को एक अनुपम सुंदरी के निर्माण की आज्ञा दी। विश्वकर्मा ने सृष्टि के समस्त सुंदर उपकरणों से तिल-तिल भर सौंदर्य लेकर तिलोत्तमा नाम की अप्सरा बनाई। तिलोत्तमा सुंद उपसुंद के पास पहुँची तो दोनों भाई उसपर आसक्त हो गए और परस्पर लड़कर एक दूसरे के हाथों मारे गए।