उदधि
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उदधि मूलतः समुद्र की पर्यायवाची है। उदधि शब्द का प्रयोग 'अधिक मात्रा' की स्तिथि में भी करते हैं । जल की अधिक मात्रा के लिए उदधि का प्रयोग करते हैं तब यह (उदधि) समुद्र की पर्यायवाची होता है और जब बादल की अधिकता के लिए करते हैं तब व्योम-समूह की पर्यायवाची होता है । उदधि का प्रयोग ऐसी कल्पित अधिकता के लिए कर सकते हैं जहाँ क्षितिज तक सभी दिशाओं में केवल वह (जल) ही हो। इसी प्रकार वाक्य प्रयोग में रूपों की अधिकता के लिए 'रूप उदधि' का प्रयोग होता है।
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उदाहरण
धनि रहीम जल पंक को, लघु जिय पिअत अघाय।
उदधि बढाई कौन है, जगत पिआसो जाय।।
मूल
समुद्र्, सागर, जलधि