उत्तराखण्ड का साहित्य

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उत्तराखण्ड का लोक-साहित्य अत्यन्त समृद्ध है। गीतों की दृष्टि से कुमाऊँ का लोक-साहित्य विशेष रूप से जन-जन को आकर्षित करता है। उत्तराखण्ड लोक साहित्य छः प्रकार के माने जाते हैं:
१. लोकगीत
२. कथा गीत
३. लोक-कथाएँ
४. कथाएँ
५. लोकोक्तियाँ
६. पहेलियाँ और अन्य रचनाएँ

डॉ॰ कृष्णानन्द जोशी ने अपने उत्तराखण्ड लोक साहित्य में प्रमुख वर्गों में उत्तराखण्ड लोक साहित्य को बाँटकर अपने कथन की पुष्टि इस प्रकार की है।
पद्यात्मक (गेय) गीत
-पद्यात्मक (चम्पू काव्य) गीत
-गद्य-काव्य
-शौका क्षेत्र के लोकगीत एवँ नृत्य

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