इब्राहिम रईसी
इब्राहिम रईसी ابراهیم رئیسی | |
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इब्राहिम रईसी 2021 में | |
पद बहाल 3 अगस्त 2021 | |
साँचा:nowrap | अली खामनेई |
उपराष्ट्रपति | अभी घोषित किया जाना है |
उत्तरवर्ती | हसन रूहानी |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 7 मार्च 2019 | |
नियुक्त किया | अली खामनेई |
प्रथम उप | साँचा:nowrap |
पूर्वा धिकारी | सादिक लारिजानी |
पद बहाल 23 अगस्त 2014 – 1 अप्रैल 2016 | |
नियुक्त किया | सादिक लारिजानी |
पूर्वा धिकारी | साँचा:nowrap |
उत्तरा धिकारी | मोहम्मद जफ़र मोंटाज़ेरी |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 24 मई 2016 | |
चुनाव-क्षेत्र | दक्षिण खुरासान प्रांत |
बहुमत | 325,139 (80.0%)[१] |
पद बहाल 20 फरवरी 2007 – 21 मई 2016 | |
चुनाव-क्षेत्र | दक्षिण खुरासान प्रांत |
बहुमत | 200,906 (68.6%) |
पद बहाल 27 जुलाई 2004 – 23 अगस्त 2014 | |
मुख्य न्यायाधीश | महमूद हाशमी शाहरूदीसादिक लारिजानी |
पूर्वा धिकारी | मोहम्मद-हादी मारवी[२] |
उत्तरा धिकारी | साँचा:nowrap |
सामान्य निरीक्षण कार्यालय के अध्यक्ष
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पद बहाल 22 अगस्त 1994 – 9 अगस्त 2004 | |
नियुक्त किया | मोहम्मद यज़्दी |
पूर्वा धिकारी | मुस्तफा मोहघेग दमद |
उत्तरा धिकारी | मोहम्मद नियाज़ी |
जन्म | साँचा:br separated entries |
जन्म का नाम | सैय्यद इब्राहिम रईसोल-सदाती |
राजनीतिक दल | Combatant Clergy Association[३] |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं |
इस्लामिक रिपब्लिकन पार्टी (1987 तक)[३] |
जीवन संगी | जमीलेह अलामोलहोदा[४] |
बच्चे | 2[५] |
शैक्षिक सम्बद्धता | शहीद मोताहारी विश्वविद्यालय[३]Qom Seminary[३] |
जालस्थल | साँचा:Official Website |
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सैय्यद इब्राहिम रईसोल-सदाती (फारसी: سید ابراهیم رئیسالساداتی; जन्म 14 दिसंबर 1960), जिन्हें आमतौर पर इब्राहिम रईसी (फ़ारसी: ابراهیم رئیسی) के नाम से जाना जाता है, एक रूढ़िवादी और सिद्धांतवादी राजनीतिज्ञ और मुस्लिम न्यायविद हैं जो ईरान के राष्ट्रपति चुनाव 2021 के बाद ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गये हैं।
रईसी ने ईरान की न्यायिक प्रणाली में कई पदों पर कार्य किया है, जैसे कि उप मुख्य न्यायाधीश (2004-2014), महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) (2014-2016), और मुख्य न्यायाधीश (2019-वर्तमान)। वह 1980 और 1990 के दशक में तेहरान के अभियोजक और उप अभियोजक भी थे, जिसके दौरान हजारों राजनीतिक असंतुष्टों और कैदियों को फांसी दी गई। 2016 से लेकर 2019 तक रईसी, अस्तान कुद्स रज़ावी, नामक एक एक बुनियाद (धर्मार्थ न्यास) के संरक्षक और अध्यक्ष रहे। रईसी दक्षिण खुरासान प्रांत के विशेषज्ञों की सभा के सदस्य भी हैं जिसके लिए वो पहली बार 2006 में चुने गये थे। रईसी अहमद अलमोल्होदा के दामाद हैं जो कि मशहद जुमे की नमाज के नेता और इमाम रजा दरगाह के बड़े इमाम हैं ।
रईसी ने 2017 में भी रूढ़िवादी "इस्लामी क्रांति बलों का लोकप्रिय मोर्चा" के उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन वो उदारवादी निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी से 57% बनाम 38.3% से हार गए थे। वह अभियोजन समिति के उन चार लोगों में से एक थे, जो 1988 में ईरान में हजारों राजनीतिक कैदियों को फांसी देने के लिए जिम्मेदार थी और इसलिए इस समिति को सरकार के विरोधियों और पश्चिमी मीडिया के कई घटकों ने मृत्यु समिति का नाम दिया था। रईसी को अमेरिकी विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय के कार्यकारी आदेश 13876 के द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। उन पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदकों द्वारा मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया गया है। रईसी ने 2021 में दूसरी बार सफलतापूर्वक राष्ट्रपति पद का चुनाव लडा है, और सीमित-अवधि के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बाद, राष्ट्रपति चुने गए हैं।