इंटरनेट टीवी

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इण्टरनेट टेलीविज़न (आइ॰टीवी॰ { iTV }, ऑनलाइन टीवी या इण्टरनेट टीवी भी कहते हैं) इण्टरनेट के माध्यम से प्रसारित दूरदर्शन सेवा होती है। ये सेवा 21वीं शताब्दी में बहुत प्रचलित हो चुकी है। इसके उदाहरण हैं संयुक्त राज्य में ह्यूलु एवं बीबीसी आईप्लेयर, नीदरलैंड्स में नीदरलैण्ड-24 सेवा। इसके लिये तेज गति वाला ब्रॉडबैण्ड कनेक्शन चाहिये, जिसके द्वारा इण्टरनेट पर उपलब्ध टीवी चैनलों की स्ट्रीमिंग करके लाइव खबरें व अन्य सामग्री देख सकते हैं। अभी तक उपभोक्ता पहले सीधे उपग्रह, फिर केबल टीवी और उसके बाद डीटीएच यानी डायरेक्ट टू होम डिश के माध्यम से टीवी देखते रहे हैं। इण्टरनेट अब नया माध्यम है, जिस पर टीवी देखा जा सकता है। यह आम आदमी तक देश और दुनिया के समाचार व मनोरंजन सामग्री[१] पहुँचाने का नया तरीका है और एकदम वैसा ही, जैसे बाकी माध्यम है। भारत में इस पूरी प्रक्रिया की शुरुआत को इंटरनेट प्रोटोकाल टेलीविजन (आई॰पी॰टीवी॰) के रूप में समझ सकते हैं। इसमें इण्टरनेट, ब्रॉडबैण्ड की सहायता से टेलीविजन कार्यक्रम घरों तक पहुँचाता है। इस नेट नियोजित प्रणाली में टेलीविज़न के कार्यक्रम डीटीएच या केबल नेटवर्क के बजाय, कम्प्यूटर नेटवर्क में प्रयोग होने वाली तकनीकी सहायता से देखे जाते हैं।[२]

सम्भवत: दुनिया में एबीसी का वर्ल्ड न्यूज नाउ पहला टीवी कार्यक्रम रहा है। जिसे इण्टरनेट पर प्रसारित किया गया था। इण्टरनेट के लिए एक वीडियो उत्पाद तैयार किया गया, जिसका नाम आईपीटीवी रखा गया था। लेकिन सबसे पहले जो टेलीविजन के कार्यक्रम इण्टरनेट ब्रॉडबैण्ड के द्वारा प्रसारित किए गए तो उस फार्मेट को भी आईपीटीवी का ही नाम दिया गया। भारत सरकार ने भी इसे स्वीकृति दे दी है और भारत के कई नगरों में यह सेवा चालू हो चुकी है।

आईपीटीवी

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। इंटरनेट प्रोटोकाल टीवी में किसी भी वेबसाइट पर वेबपेज क्लिक करके दूरदर्शन के कार्यक्रम नहीं देखे जाते हैं, बल्कि यह एक बेहद सुरक्षित नेटवर्किग माध्यम है, जिसमें इंटरनेट ब्राडबैंड की सहायता से टेलीविजन प्रोग्राम किसी टीवी या कंप्यूटर तक पहुंचता है। यह टेलीकॉम प्रदाता कंपनियों (जैसे एमटीएनएल, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज़[३] आदि) द्वारा प्रदान की जा रही सेवा द्वारा संभव हो पाता है, जिसे डिजिटल केबल या उपग्रह सेवाओं के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है। इसमें निश्चित आईपी के प्रयोग के लिए एक सेट टॉप बॉक्स के द्वारा टीवी प्रसारण प्राप्त किया जाता है। दूसरी तरफ जो इंटरनेट टीवी के विकल्प (आईटीवी) अभी उपलब्ध हैं उनमें किसी भी साइट पर बहुधा रिकॉर्डेड प्रोग्राम देखे जाते हैं। अब जो थ्रीजी मोबाइल सेवा का विकल्प आ रहा है उसके द्वारा भी इंटरनेट के माध्यम से टीवी सेवा का विस्तार होगा। इसमें यहां तक व्यवस्था रहती है कि जब टीवी को आईपीटीवी ब्राडबैंड कनेक्शन से जोड़ते हैं, तो वीडियो ऑन डिमांड (वीओडी) और इंटरनेट सेवा (वेब एक्सेस, वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल-वीओआईपी, इंटरनेट टीवी) की सुविधा भी प्राप्त की सकती है। पारंपरिक सेवाओं की बजाय इसमें डिजिटल वीडियो और काफी अच्छी ऑडियो की गुणवत्ता मिलती है।[२][४]

इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि ये सुविधा इंटरैक्टिव होती है। कोई क्रिकेट मैच देखते हुए मैच के बीच ही अपने किसी खिलाड़ी का इतिहास जानना चाहते हैं, तो इसमें यह विकल्प भी उपलब्ध रहता है, जिसकी सहायता से संबंधित खिलाड़ी का पिछला रिकार्ड सामने आ सकता है। इसी प्रकार किसी भी उपलब्ध चैनल के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी, प्रसारण समय व भविष्य प्रसारण सूची भी उपलब्ध रहती है। यदि किसी कार्यक्रम के प्रसारण के समय व्यस्त हों, तो बाद में अपनी सुविधानुसार टीवी पर उसकी आरक्षित कराई गई रिकार्डिग भी देख पाएंगे। इसके अलावा, वीडियो ऑन डिमांड (वीओडी) सेवा की सहायता से ऑनलाइन फिल्म अनुक्रमणिका से चुन कर देख सकते हैं।[२] यह अन्य नेटवर्किग सेवाओं की अपेक्षा सस्ता भी है। इसके अलावा वीडियो ऑन डिमांड, इंट्रेक्टिव गेम्स, टाइम शिफ्टिड टीवी, आई कंट्रोल और यूट्यूब के वीडियो भी इसमें उपलब्ध हो सकते हैं।

ऑनलाइन टीवी

टीवी और इण्टरनेट साथ-साथ उपलब्ध होने के इन विकल्पों को उपलब्ध कराने हेतु कई टीवी कम्पनियाँ इण्टरनेट सम्पर्को को साधने में समर्थ टीवी निर्माण कर रही हैं। इनमें सोनी, सैमसंग और एलजी शामिल हैं। एलजी के अनुसार नया टीवी ऑनलाइन प्रदर्शन को आसान और बेहतर बनायेगा। एलजी ने ऑनलाइन टीवी विकल्पों को प्रदर्शित करने के लिए जिस टीवी सेट का निर्माण किया है। एलजी नेटफ्लिक्स के सहयोग से जल्द ही ऐसे टीवी सेट का उत्पादन करने जा रही है, जो सीधे इंटरनेट से जुड़े रह सकेंगे और इण्टरनेट उपभोक्ता बिना किसी दूसरे उपकरण के इण्टरनेट के माध्यम से टीवी और वीडियो भी देख सकेंगे।[५] नेटफ्लिक्स सेवा वर्तमान में नाममात्र के मासिक किराये पर असीमित फिल्मों और ऑनलाइन टीवी शो उपलब्ध कराती है। इस कम्पनी की लाइब्रेरी में इस समय 1 लाख से भी अधिक फ़िल्में उपलब्ध हैं।

इसके द्वारा दर्शक के रूप में क्रिकेट, समाचार, टीवी कार्यक्रम आदि अपने कम्प्यूटर या लैपटॉप के द्वारा, कहीं भी, कभी भी देख सकते हैं। और इसके लिए कोई अलग से सॉफ़्टवेयर की भी आवश्यकता न रहेगी। हालाँकि इस मामले में दूरदर्शन का विकल्प कम्प्यूटर पहले से ही बना हुआ है। एक टीवी कॉम्बो बॉक्स और उसके साथ सैट टॉप बॉक्स या टीवी ट्यूनर कार्ड को जोड़ कर कम्प्यूटर को दूरदर्शन में बदला जा सकता है। ये कार्ड या युक्तियाँ कम्प्यूटर में बाहरी या आन्तरिक हो सकती हैं। हाँ, एक्सटर्नल कार्ड्स का कोई दुष्प्रभाव भी कम्प्यूटर पर नहीं पड़ता, जबकि इण्टरनल टीवी ट्यूनर के कारण कई बार कम्प्यूटर में आन्तरिक खराबी की शिकायतें मिल सकती हैं। और जब एक ही मॉनीटर पर दूरदर्शन और इण्टरनेट के दोनों विकल्प उपलब्ध हों तो अलग-अलग कम्प्यूटर और टीवी की आवश्यकता नहीं रहती है। हाँ जहाँ देखने वाले और उनकी आवश्यकताएँ अलग-अलग हैं वहाँ की बात अलग है।

वेब टीवी

ऐसी बहुत सारी इंटरनेट साइट हैं जहां पर जाकर थर्ड पार्टी की वीडियो स्ट्रीमिंग करके ऑडियो वीडियो सामग्री कंप्यूटर पर देख सकते हैं। इसी क्रम में आइडब्लूआई जैसे विकल्प भी इंटरनेट पर हैं जहां से विश्व में हजारों टीवी चैनलों में से फ्री टू एयर चैनलों का सीधा प्रसारण अपने कंप्यूटर पर देख सकते हैं। लोग इसके माध्यम से कार्यक्रम और समाचार चुन-चुन कर देख सकते हैं।

गूगल टीवी

जल्दी ही गूगल ने बाजार में गूगल टीवी लॉन्च करने की तैयारी कर ली है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार गूगल, इंटेल और सोनी एक सेटटॉप बॉक्स पर काम कर रहे हैं जो कि गूगल एड्रॉयड सॉफ्टवेयर पर काम करेगा जिसे गूगल टीवी नाम दिया गया है। इस तकनीक के लिए वह विभिन्न टेलीविजन कंपनियों से संपर्क में है। इन युक्तियों द्वारा में गूगल इंटरफेस के रूप में काम करेगा। इस दिशा में याहू भी टेलीविजन की तकनीक पर काम कर रहा है। गूगल के सहायक एड्रायड सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सेटटॉप बॉक्स बनाने में कार्यरत हैं। उनके अनुसार इस युक्ति में गूगल क्रोम का प्रयोग होगा। गूगल यूजर इंटरफेस की अभिकल्पना करेगा व इसके माध्यम से भी इंटरनेट के साथ दूरदर्शन देखा जा सकेगा।[२]

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

  1. इंटरनेट टीवी और रेडियो प्लेयर 5.5.2 पोर्टेबल साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। वी-बुलेटिन।
  2. आपके दरवाजे पर इंटरनेट टीवी स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।|हिन्दुस्तान लाइव। १८ मार्च २०१०
  3. रिलांयस ला रहा इंटरनेट टीवीसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। दैट्स हिन्दी। ६ नवम्बर २००७
  4. आईपीटीवी और इंटरनेट टीवी में क्या अंतर है?साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। वेबदुनिया-क्वेस्ट। ६ नवम्बर २००८। अभिगमन तिथि:२१ मार्च २०१०
  5. एलजी करेगा इंटरनेट टीवी का उत्पादनसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। मीडिया विस्फ़ोट.कॉम। ५ जनवरी २००९