आसन, काठमांडू

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आसन का दृश्य
1920 में आसन
आसन का 360° डिग्री का दृश्य
आसन में एक प्रसिद्ध स्मारक

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आसन (नेपाली: आसन) (वैकल्पिक नाम: आसन तोल) नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक औपचारिक बाजार और आवासीय क्षेत्र है। यह शहर के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थानों में से एक है और अपने बाजार, त्योहार और एक रणनीतिक स्थान के लिए प्रसिद्ध है। आसन को पारंपरिक एशियाई बाज़ार के बेहतरीन नेवार उदाहरणों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है। तुलाधर, महारजन, शाक्य आदि जातियाँ यहाँ रहती है।[१]

आसन में छह दिशाओं से गलियाँ आकर मिलती हैं, जिससे चौक पर हमेशा चहल-पहल रहती है।[२] आसन का बाजार काठमांडू में खरीदारों को सबसे अधिक आकर्षित करता है, क्योंकि यहाँ खाद्य पदार्थों, मसालों और वस्त्रों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सोना तक कई तरह की चीजें बेची जाती हैं। आसन अपने स्थापत्य स्थलों और आकर्षक वातावरण के कारण शहर के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से भी एक है।[३] लोगों की सुविधा के लिए बाजार में बैंक, होटल और एक डाकघर भी मौजूद हैं। यातायत के लिए दो टैक्सी स्टैंड और बस स्टॉप पूर्व दिशा की तरफ स्थित हैं।

महत्व

आसन नेपाल के दो पड़ोसी देश भारत-तिब्बत में व्यापार करने के लिए व्यापारी मार्गों में से भी एक है। साथ ही यह राजधानी काठमांडू से होकर भी गुजरता है। इसी के कारण आसन प्राचीन काल से शहर के प्रमुख बाजारों में से एक रहा है।[४]

पर्यटन स्थल

  • अन्नपूर्णा अजीमा का मंदिर आसन बाजार की अध्यक्षता करता है। इन्हें यहाँ अनाज की देवी के रूप में पूजा जाता है।
  • यहाँ हिन्दू देवता गणेश जी का एक मंदिर बाजार के उत्तरी किनारे पर स्थित है। 1928 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया।
  • न्यालोहं जिसका अर्थ है मछली का पत्थर बाज़ार के केंद्र में एक कुरसी पर रखी मछली के पत्थर की आकृति है। यह उस स्थान को चिह्नित करता है जहाँ मान्यताओं के अनुसार एक मछली आकाश से गिरी थी। आसन की पौराणिक मान्यताओं में इसका ज़िक्र है।
  • नारायण को समर्पित एक छोटा मंदिर बाजार के उत्तर-पश्चिम की ओर स्थित है।
  • यिता चपा जिसका अर्थ है दक्षिणी मंडप दक्षिणी दिशा नें एक लंबी इमारत है। इसके मंदिर का प्रांगण बहुत भव्य है, जहाँ स्थानीय लोग भजन गाने के लिए इकट्ठा होते हैं।
  • आसन दाबू एक पत्थर का मंच है, जहाँ त्योहारों के दौरान पवित्र नृत्य और संगीत प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं। अन्य समय में यह दुकानों से ढका रहता है।

चौक से निकलने वाली गलियों और गलियों में मंदिर और पवित्र प्रांगण हैं, जहाँ और भी कई भव्य मंदिर हैं। इनमें से कई बुद्ध और मिश्रित स्तूपों की छवि के साथ सजाया हुआ है।[५][६][७]

त्योहार

आसन एक सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र भी है और कई त्योहारों और जुलूसों का प्रमुख स्थान है।

  • आसन चलन विजया दशमी के बाद का दिन आसन के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, जो यहाँ के नेवार लोगों (विशेषकर महारजन समुदाय) के लिए दशईं का मुख्य दिन है। इस दिन आसन के महारजन समुदाय अन्नपूर्णा अजीमा के प्रतीक के रूप में चयनित बच्चों की पूजा करते हुए टीका समारोह और कुम नकेगु नामक त्योहार मनाते हैं।
  • अन्नपूर्णा जात्रा अन्नपूर्णा अजीमा के रथ उत्सव के दूसरे दिन मनाया जाता है। आसन के संरक्षक देवता आसनभालु और अन्नपूर्णा अजीमा की एक मूर्ति को इस दिन एक पालकी पर रखा जाता है और पूरे दिन के लिए नेवार संगीत समुदाय के साथ थनेया से कनेया तक ले जाया जाता है। उसके बाद वह वहीं लौट जाता है, जहाँ से उसका आरम्भ किया गया था। यह जुलूस अक्टूबर में आयोजित किया जाता है।
  • द्य: लवाकेगु भी आसन के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह अप्रैल में मनाया जाता है।
  • जनबहाः द्यः जात्रा और पवित्र अवलोकितेश्वर का रथ उत्सव भी यहाँ धूमधाम से मनाया जाता है, जो एक बौद्ध देवता है, जिन्हें सफेद मछेंद्रनाथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्त देवता के सम्मान के लिए पूरे चौक पर मक्खन के दीपक जलाते हैं। यह जुलूस अप्रैल में आयोजित किया जाता है।[८][९]
  • कुमारी जात्रा के रथ उत्सव के दूसरे दिन, तीन रथों में गणेश, भैरव और कुमारी के मानव प्रतिनिधित्व वाले तीन रथ आसन के मध्य से खींचे जाते हैं। यह रथ जुलूस इंद्र जात्रा का हिस्सा है और इसे थनेया: के रूप में जाना जाता है। यह सितंबर में आयोजित किया जाता है।

संगीत

कई त्योहारों के दौरान आसन में यहाँ के निवासियों के द्वारा भक्ति संगीत बजाया जाता है। जात्रा चैत्य दशईं, आसन बाजन खाला और दशईं उत्सव के दौरान आसन में तुलाधर समुदाय द्वारा संगीत बजाया जाता है। यहाँ के गुनला सनुदाय अगस्त के आसपास के पवित्र महीने के दौरान गुनला बाजन संगीत बजाते हुए सुबह-सुबह स्वयंभू की तीर्थयात्रा करते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web Pages 38-46.
  2. साँचा:cite book
  3. साँचा:cite web
  4. Reed, David and McConnachie, James (2002). The Rough Guide to Nepal. Rough Guides. ISBN 1858288991स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, 9781858288994. Pages 116-118.
  5. साँचा:cite web Pages 40-41.
  6. साँचा:cite web
  7. Locke, John K. (1985). Buddhist Monasteries of Nepal: A Survey of the Bahas and Bahis of the Kathmandu Valley. Kathmandu: Sahayogi Press. Pages 274, 278, 298-300, 342-343 308.
  8. साँचा:cite web Page 2.
  9. साँचा:cite web Page 5.